भारत की इन 10 जगहों पर नहीं होता रावण दहन
10 jagah jaha nahi hota Ravan dahan – नवरात्रि के बाद दसवें दिन दशहरा मनाया जाता है। इस दिन रावण के पुतले का दहन कर, असत्य पर सत्य की विजय का पर्व मनाया जाता है, लेकिन हमारे ही देश में कई ऐसी जगह हैं, जहां रावण का दहन नहीं बल्कि उसका पूजन किया जाता है। तो जानिए इन जगहों के बारे में।
उज्जैन – 10 jagah jaha nahi hota Ravan dahan
- उज्जैन जिले के चिखली गांव में रावण दहन नहीं किया जाता, बल्कि उसकी पूजा की जाती है। यहां ऐसा कहा जाता है कि रावण की पूजा नहीं करने पर गांव जलकर राख हो जाएगा।
बिसरख
- यूपी के बिसरख गांव में रावण का मंदिर बना हुआ है, जहां उसकी पूजा होती है। ऐसा माना जाता है कि बिसरख गांव, रावण का ननिहल था। पुराणों में बिसरख का नाम विश्वेश्वरा बताया गया है जो रावण के पिता के नाम पर था।
मंदसौर
- मध्यप्रदेश के मंदसौर में रावण को पूजा जाता है। कहा जाता है कि मंदसौर का असली नाम दशपुर था, और यह रावण की धर्म पत्नी मंदोदरी का मायका था इसलिए इस शहर का नाम मंदसौर पड़ा। मंदसौर रावण का ससुराल था इसी कारण यहां रावण दहन नहीं किया जाता।
Must Read – इस दशहरा भेजें best Dussehra Sms, Wishes
बैजनाथ
- बैजनाथ हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले का एक कस्बा है जहां पर रावण की पूजा की जाती है। यहां के बारे में कहा जाता है, कि रावण ने यहां पर भगवान शिव की तपस्या की थी, जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उसे मोक्ष का वरदान दिया था इसलिए शिव के इस भक्त का यहां पुतला नहीं जलाया जाता।
आंध्रप्रदेश
- आंध्र प्रदेश के काकीनाडा में रावण का मंदिर बना हुआ है, जहां भगवान शिव के साथ रावण की भी पूजा की जाती है। यहां पर विशेष रूप से मछुआरा समुदाय रावण की पूजा करता है।
Must Read – जानिए दशहरा से जुड़ी ऐसी बातें जो बहुत कम लोग जानते हैं
अमरावती
- महाराष्ट्र के अमरावती में गढ़चिरौली नामक स्थान पर आदिवासी समुदाय द्वारा रावण का पूजन होता है। आदिवासी अपने फाल्गुन पर्व को रावण की पूजा करके सेलिब्रेट करते हैं। ऐसा कहा गया है कि आदिवासी रावण और उसके पुत्र को अपना देवता मानते हैं।
जोधपुर
- राजस्थन के जोधपुर में भी रावण का मंदिर है। कुछ विशेष समाज के लोग यहां पर रावण की पूजा करते हैं और खुद को रावण का वंशज मानते हैं। इस स्थान को लेकर अलग-अलग मान्यताएं हैं।
दक्षिण भारत
- दक्षिण भारत में रावण को परम ज्ञानी, पंडित और शिवभक्त माना जाता है इसलिए यहां पर रावण दहन को बहुत बुरा मानते हैं।
कनार्टक
- कर्नाटक के कोलार जिले में लोग फसल महोत्सव के दौरान रावण की पूजा करते हैं। इस लंकेश्वर महोत्सव के मौके पर भव्य जुलूस भी निकाला जाता है। यहाँ लोग रावण की पूजा इसलिए करते हैं क्योंकि वह भगवान शिव का परम भक्त था। यहां पर रावण का एक मंदिर भी है।
उत्तर प्रदेश का जसवंतनगर
- दशहरे पर यहां रावण की आरती उतार कर पूजा की जाती है और फिर रावण की मूर्ति के टुकड़े कर दिए जाते हैं। तेरहवें दिन रावण की तेरहवीं भी की जाती है।
Must Read – आंध्र प्रदेश के इन मंदिरों में दर्शन करने से पल में दूर हो जाते हैं सभी कष्ट
For more updates like, 10 jagah jaha nahi hota Ravan dahan,हमारे फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर हमें फ़ॉलो करें और हमारे वीडियो के बेस्ट कलेक्शन को देखने के लिए, YouTube पर हमें फॉलो करें।