
Culture and Tradition of Jammu and Kashmir in Hindi – जम्मू और कश्मीर संस्कृति, परंपरा, भाषा और खान-पान के लिए प्रसिद्ध है, जानें वहाँ की कुछ खास बातें
Culture And Tradition of Jammu and Kashmir in Hindi- जम्मू एवं कश्मीर उत्तर भारत में स्थित देश के सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक है। इस राज्य का अधिंकाश हिस्सा पर्वत,नदियों और झीलों से ढका हुआ है एवं प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है, जो इसको दुनिया का सबसे खूबसूरत राज्य बनाता है। जम्मू एवं कश्मीर की संस्कृति कई संस्कृतियों का एक विविध मिश्रण है। यह राज्य प्राकृतिक सुंदरता के साथ ही अपनी सांस्कृतिक विरासत के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां की संस्कृति को मुस्लिम, हिंदू, सिख और बौद्ध सभी ने बनाया है। आज हम इस आर्टिकल में जम्मू एवं कश्मीर की कला और संस्कृति और पर्यटन आदि के बारे में विस्तार से जानेंगे जिसको ‘धरती का स्वर्ग’ भी कहा जाता है।
Culture And Tradition of Jammu and Kashmir in Hindi
जम्मू-कश्मीर की संस्कृति और त्योहार– Culture and Festival of Jammu and Kashmir
संस्कृति- जम्मू-कश्मीर में संगीत को सूफियाना कलाम कहा जाता है। इस्लाम के आगमन के बाद, कश्मीरी संगीत ईरानी संगीत से प्रभावित हुआ। कश्मीर में इस्तेमाल होने वाले संगीत वाद्ययंत्र का आविष्कार ईरान में किया गया था, अन्य वाद्ययंत्रों में नागरा, डुकरा और सितार शामिल हैं। इसी तरह से कई फ़ारसी शब्द कश्मीरी भाषा में मौजूद हैं। इसके अलावा, सूफियाना संगीत, चकरी और रूफ़ कश्मीरी संगीत के अन्य रूप हैं।
रबाब (Rabab) कश्मीर का लोकप्रिय लोक संगीत है। जम्मू घाटी के डोगरा पहाड़ी क्षेत्र में गीतरु (Geetru) उत्सव ग्रामीण शादियों और अन्य सामाजिक त्योहारों के समय किया जाता है। रूफ भी एक पारंपरिक नृत्य है जो कश्मीर क्षेत्र की महिलाओं द्वारा किया जाता है। मुख्य रूप से रमज़ान और ईद के दौरान रूफ़ का प्रदर्शन किया जाता है।
त्योहार- जम्मू-कश्मीर के लोग त्योहारों को मनाने के बहुत शौकीन हैं और यह जम्मू और कश्मीर की संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी हैं। लद्दाख का नकाबपोश नृत्य (Nakabposh Nritya) देश-विदेश के पर्यटकों को रोमांचित करता है। जम्मू घाटी के उत्तर बेहनी क्षेत्र में, चैत्र चौदश (Chaitra Chaudas) प्रसिद्ध है। वहीं बहू मेला (Bahu Mela) जम्मू के बहू किले में काली मंदिर के परिसर में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इसके अलावा जम्मू घाटी के पुरमंडल शहर में भगवान शिव और देवी पार्वती के विवाह के अवसर को दर्शाने के लिए फरवरी या मार्च के महीने में पुरमंडल (Purmandal Mela) मेला मनाया जाता है। रंग-बिरंगे परिधानों में सज-धज कर लोग पंजभक्त मंदिर (Panjbakht Mandir), पीर खोह गुफा मंदिर (Peer Kho Gufa Mandir) और श्री रणबीरेश्वर मंदिर (Shree Ranbireshwar Temple) जैसी जगहों पर जाते हैं। इन त्योहारों के अलावा, कश्मीर की संस्कृति भारत के अन्य सभी महत्वपूर्ण त्योहारों को अपने अंदर समेटे हुये है इनमें बैसाखी, लोहड़ी, झिरी मेला (Jhiri Mela), नवरात्रि महोत्सव और अन्य शामिल हैं।
Must Read: बर्फ की चादर ओढ़नी है तो जाइये इन जगहों पर
Culture And Tradition of Jammu and Kashmir in Hindi-
भाषा और साहित्य (Bhasha or Sahitya)- Language and Literature
भाषा- कश्मीरी भाषा पहले शारदा लिपि में लिखी जाती थी।
कश्मीरी भाषा एक भारतीय-आर्य (इंडो-आर्यन/Indo-Aryan) भाषा है जो मुख्यतः कश्मीर घाटी तथा चेनाब घाटी में बोली जाती है, ये कश्मीर क्षेत्र के लगभग 7 मिलियन कश्मीरियों द्वारा बोली जाती है। ये भाषा जम्मू और कश्मीर की वर्तमान समय में बोली जानें वाली भाषा है। इसके साथ ही कश्मीरी फारसी और संस्कृत भाषा से काफी प्रभावित रहे हैं। अन्य महत्वपूर्ण भाषाओं में पश्तो, गुर्जरी (Gujari language), बलती, उर्दू, पहाड़ी और लद्दाखी शामिल हैं। कश्मीरी भाषा के लिए विभिन्न लिपियों का उपयोग किया गया है, जिसमें मुख्य लिपियां हैं- शारदा, देवनागरी, रोमन और परशो-अरबी।
साहित्य– जम्मू-कश्मीर ने भारतीय साहित्य में एक बहुमूल्य योगदान दिया है। कल्हण (Kalhana) और बिल्हण (Vilhan) को उनके लेखन और ऐतिहासिक कार्यों के लिए याद किया जाता है। कल्हण ने राजतरंगिणी (Rajatarangini) लिखी थी, जो न केवल कश्मीर के इतिहास पर बल्कि भारत के इतिहास पर भी प्रकाश डालती है। बिल्हण के विक्रमांकदेव चरित (Vikramankadev Charita) का संबंध दक्षिण भारत के इतिहास से है। चरक द्वारा चिकित्सा का अध्ययन किया, अभिनवगुप्त साहित्यिक आलोचना के लिए जाने जाते हैं। इसी तरह, मान्खा, मातृगुप्त, शिल्हन, झालाना, शिवस्वामिन और सोमदेव प्रख्यात कश्मीरी लेखक थे।
Culture And Tradition of Jammu and Kashmir in Hindi-
जम्मू और कश्मीर की वेशभूषा (Jammu-Kashmir ki Veshbhusha)- Costumes of Jammu and Kashmir
जम्मू और कश्मीर की पोशाक में मुख्य रूप से गर्दन पर बटन लगाने और टखनों तक गिरने वाले लंबे ढीले गाउन शामिल होते हैं। ये सर्दियों के लिये ऊन और गर्मियों के लिये कपास से बनें होते हैं। इसके अलावा पुरुषों और महिलाओं द्वारा पहने जाने वाले फिरन (Pheran) के बीच बहुत कम अंतर होता है जिसमें एक प्रकार का ढीला पजामा फिरन के नीचे पहना जाता है और यह लगभग सभी ग्रामीणों की पौशाक होती है। पुरुष सम्मान के संकेत के रूप में पगड़ी पहनते हैं तथा मुस्लिम महिलाएं लाल रंग की पट्टियों और पंडित महिलाएं सफेद रंग की पट्टियों वाली पगड़ी पहनती हैं। कुछ वर्गों में, महिलाओं को सुंदर साड़ी और सलवार पहने हुए देखा जा सकता है, जबकि पुरुष कोट और पतलून पहनते हैं।
Must Read: वीकेंड पर मुंबई घूमने का बना रहे हैं प्लान, तो इन जगहों पर ज़रूर करें विज़िट
Culture And Tradition of Jammu and Kashmir in Hindi-
जम्मू-कश्मीर का भोजन– Food of Jammu and Kashmir
जम्मू और कश्मीर का मुख्य भोजन चावल है, कश्मीरी पुलाव यहां के लोकप्रिय व्यंजनों में से एक है। यहां की पसंदीदा डिश करम साग (Karam Saag) है। शहरों में मटन का सेवन बड़ी मात्रा में किया जाता है लेकिन गांवों में यह अभी भी केवल उत्सवों में ही इस्तेमाल किया जाता है। कश्मीरी पुलाव कश्मीरी शाकाहारियों के लिए एक आम और खास व्यंजन है।
इसके अलावा यहां मसालों का भी खूब प्रयोग किया जाता है, यहां के मसाले पूरे भारत और विश्व में खाये जाते हैं। मुसलमान लोग हींग से परहेज करते हैं और कश्मीरी पंडित अपने भोजन में प्याज और लहसुन का उपयोग करने से बचते हैं। कश्मीरी पेय पदार्थों में, पारंपरिक हरी चाय कहवा (Kahwah) को काफी मात्रा में पसंद किया जाता है। इसके अलावा शीर चाय (Sheer Chai) भी एक महत्वपूर्ण पेय है। इसके साथ ही जम्मू और कश्मीर के लोग ठंडे क्षेत्र में रहने के कारण नशीले पेय का भी सेवन करते हैं।
Culture And Tradition of Jammu and Kashmir in Hindi-
जम्मू-कश्मीर की कृषि– Agriculture of Jammu and Kashmir
जम्मू और कश्मीर राज्य की लगभग 80 प्रतिशत जनसंख्या कृषि पर निर्भर है। धान, गेहूं और मक्का यहां की प्रमुख फ़सले हैं। कुछ भागों में जौ, बाजरा और ज्वार उगाई जाती है। राज्य में 2000 करोड़ रुपये के फलों का उत्पादन प्रतिवर्ष होता है। जम्मू-कश्मीर राज्य सेब और अखरोटों के लिए कृषि निर्यात (Agricultural Exports) क्षेत्र घोषित किया गया है। यहां 25 लाख से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से बागवानी क्षेत्र से रोज़गार मिलता है।
Culture And Tradition of Jammu and Kashmir in Hindi-
जम्मू-कश्मीर की कला और शिल्प– Arts & Crafts of Jammu and Kashmir
जम्मू कश्मीर की कला और शिल्प बहुत उत्तम दर्जे के हैं। बुने हुए कालीन, रेशम के कालीन, गलीचे, ऊनी शॉल, मिट्टी के बर्तनों और कुर्तों को काफी मेहनत से खूबसूरती के साथ बनाया जाता है। लकड़ी से बनी पारंपरिक नाव जिन्हें शिकारा (Shikara) कहा जाता है, जो जम्मू और कश्मीर में डल झील आदि में चलाई जाती हैं। ये विभिन्न आकार की होती हैं और परिवहन सहित कई उद्देश्यों के लिए उपयोग की जाती हैं।
Culture And Tradition of Jammu and Kashmir in Hindi-
जम्मू-कश्मीर के आस पास के पर्यटन स्थल– Jammu and kashmir ke aas paas ghumne ki jagah
जम्मू और कश्मीर अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए दुनिया भर में एक ख़ास मुकाम रखता है। यहां चारों ओर बिछी हुई सफ़ेद बर्फ की चादर, देवदार के पेड़ों से गिरती बर्फ के टुकड़े सच में यहां आने वाले लोगों को एक अलग ही दुनिया का अभास देते हैं। अगर कश्मीर धरती पर स्वर्ग है तो यकीनन श्रीनगर उस सुन्दर स्वर्ग का द्वार है।
डल झील (Dal Lake)
डल झील (Dal Lake) पर्यटकों के लिए एक चुनिन्दा जगह है, यदि आपने यहां शिकारा की सवारी का आनंद नहीं लिया तो आपको अपनी यात्रा अधूरी लगेगी। इसके साथ ही यहां आप शंकराचार्य मंदिर (Shankravharya Mandir), दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान (Dachigam National Park), मुग़ल गार्डन (Mugal garden) आदि देख सकते हैं।
लेह लद्दाख
यह ग्रेट हिमालय और काराकोरम से घिरा हुआ है, यह जम्मू कश्मीर का तीसरा भाग है जो दो जिलों- लेह और कारगिल में बांटा गया है। बाइकिंग का शौक रखने वालों के लिए लेह लद्दाख का ट्रिप ज़िंदगी की एक बहुत बड़ी तम्मना होती है। यहां पैंगोग झील तथा पर्यटकों का आकर्षण मैग्नेटिक हिल भी किसी अजूबे से कम नहीं है।
वैष्णो देवी पर्यटन स्थल
कटरा से 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित वैष्णो देवी एक अत्यंत महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। यहां पर हर दिन देश-विदेश से हज़ारों श्रद्धालु अपनी मन्नत लेकर आते हैं। वैष्णो देवी की यात्रा पैदल तो की ही जा सकती है साथ ही बुज़ुर्गों और दिव्यंगों के लिए घोड़े, बैटरी चलित वाहन और हैलीकॉप्टरों से ले जाने की भी सुविधा उपलब्ध है।
गुलमर्ग
समुद्री तल से 2730 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गुलमर्ग इतना आकर्षक है कि बर्फीली पहाड़ियों वाले दृश्यों के लिए यह बॉलीवुड की पसंदीदा जगह है। यहां पर आप स्कींग, ट्रैकिंग, बाइकिंग आदि के मज़े ले सकते हैं।
अन्य तीर्थ स्थल
जम्मू शहर में कई प्रसिद्ध तीर्थ स्थल हैं जहां आप घूमने के साथ मन की शांति भी पा सकते हैं। रघुनाथ मंदिर, श्री नागेश्वर पार्श्वनाथ जैन मंदिर और महामाया मंदिर जैसे अनेकों धार्मिक स्थलों में आप दर्शन कर सकते हैं।
Must Read: प्यार और सुंदरता की निशानी ‘ताजमहल’ के दिलचस्प फैक्ट्स जो आपको कर देंगे हैरान
Culture And Tradition of Jammu and Kashmir in Hindi, जैसी ख़बरों के लिए हमारे फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर हमें फ़ॉलो करें और हमारे वीडियो के बेस्ट कलेक्शन को देखने के लिए, YouTube पर हमें फॉलो करें।