इन जगहों पर देखें अजमेर के असली रंग
Janiye ajmer mein kahan ghumein – जयपुर के दक्षिण-पूर्व में अरावली पर्वत पर बस्ता है अजमेर शहर| अजमेर शरीफ के लिए प्रसिद्ध अजमेर शहर को 7वीं शताब्दी में राजा अजयपाल चौहान ने खोजा था| यहाँ पर मकबरा है ख्वाजा गरीब नवाज़ का जिन्हें मोइनुद्दीन चिश्ती के नाम से भी जाना जाता है|
ख्वाजा गरीब नवाज़ दरगाह (अजमेर शरीफ)
- अजमेर शरीफ मुस्लिमों के सबसे पवित्र धार्मिक स्थलों में से एक है| हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहाँ पर आते हैं|
- पवित्र सूफी संत मोइनुद्दीन चिश्ती जो अपने उपदेशों के लिए जाने जाते थे वह यहीं की दरगाह में बसे हैं|
- हुमायूँ के द्वारा बनाई गई ये दरगाह दर्शाती है इतिहास की एक सबसे पेचीदा वास्तु-कला को| दरगाह के अंदर मौजूद कब्र को संगमरमर और सोने से बनाया गया है| कब्र के बाहर की रेलिंग चांदी से बनाई गई है|
अढ़ाई दिन का झोंपड़ा
- इस भारतीय-इस्लामिक वास्तु-कला को ढ़ाई दिनों में बनाया गया था| इस कारण इसे अढ़ाई दिन का झोंपड़ा के नाम से जाना जाता है|
- अगर लोक-कथाओं की मानें तो इस मस्ज़िद को हिंदू और जैन मंदिरों के बचे हुए अवशेषों से बनाया गया था|
- इसे बहुत ही खूबसूरती और बारीकी से बनाया गया है| वास्तु-कला प्रेमियों के लिए ये एक खास जगह है|
आना सागर झील
- आना सागर झील अजमेर में स्थित और कृत्रिम झील है| पर्यटक यहाँ पर ढ़लते सूरज को देखना बहुत पसंद करते हैं|
- पृथ्वी राज चौहान के दादा आनाजी चौहान ने 12वीं शताब्दी में इस झील की खोज की| इस झील को उनका ही नाम दिया गया|
अकबर महल और संग्रहालय
- 15वीं शताब्दी में बने इस भव्य महल में अकबर की सेना रहा करती थी|
- महल के ठीक पास में संग्रहालय है जहां उस समय के हथियार और मूर्तियाँ मौजूद हैं|
- इस महल में राजपूत और मुग़ल इतिहास की जलक देखने को मिलती है।
For Latest stories ajmer mein kahan ghumein, do subscribe to our newsletter and follow us on Facebook, Twitter, Instagram and Google+
ऐसी ही और जानकरी के लिए हमारे न्यूजलेटर को सबस्क्राइब करें और फेसबुक,ट्विटर और गूगल पर हमें फ़ॉलों करें।