अमरनाथ गुफा में शिवलिंग बनने का रहस्य, बनता है 20 फीट तक शिवलिंग
Amarnath shivling ka rahasya – भगवान शिव के धार्मिक स्थलों में से एक है अमरनाथ की गुफा। इस जगह को भगवान शिव के समाधि स्थल की वजह से जाना जाता है। भगवान शिव के दर्शन करने के लिए हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं। इस पवित्र गुफा में प्राकृतिक रूप से शिवलिंग बनता है, जिस वजह से बाबा अमरनाथ को बर्फानी बाबा के नाम से भी जाना जाता है। जानिए अमरनाथ गुफा में शिवलिंग बनने का रहस्य।
अमरनाथ यात्रा के बारे में
- हिमालय की गोद में स्थित अमरनाथ की गुफा श्रीनगर के उत्तर-पूर्व में 135 किलोमीटर और समुंद्र तल से 13 हज़ार फीट ऊंचाई पर स्थित है।
- इस पवित्र गुफा की लंबाई (भीतरी गहराई) 19 मीटर, चौड़ाई 16 मीटर और ऊंचाई 11 मीटर है।
- इस गुफा के बारे में बताया गया है कि भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरकथा इसी गुफा में सुनाई थी, जिसे सुनकर सद्योजात शुक-शिशु शुकदेव ऋषि के रूप में अमर हो गए।
- अमरनाथ की यात्रा के बारे में कहा जाता है कि आज भी यहां श्रद्धालुओं को कबूतरों का एक जोड़ा दिखाई दे जाता है, जिसे श्रद्धालु अमर पक्षी बताते हैं।
- अमरनाथ की गुफा तक पहुंचने के लिए कई दुर्गम रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है। आषाढ़ पूर्णिमा से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा पूरे सावन महीने तक चलती है।
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शिवलिंग के बारे में
- अमरनाथ की यात्रा करने का मुख्य कारण गुफा में बना शिवलिंग है जो प्राकृतिक रूप से हर साल बनता है।
- यह शिवलिंग गुफा में ऊपर से बर्फ के पानी की बूंदों से बनता है जो बर्फ का रूप धारण कर लेती है।
- इस तरह यहां करीब 10 से 12 फीट ऊंचा शिवलिंग बनता है। कभी–कभार इसकी ऊंचाई 20 फीट तक भी पहुंच जाती है।
- शिवलिंग का आकार चंद्रमा के घटने-बढ़ने के साथ-साथ घटता-बढ़ता जाता है।
- जनश्रुति अनुसार शिवलिंग के अलावा इस गुफा में एक गणेश पीठ व एक पार्वती पीठ भी प्राकृतिक रूप में बनता है।
- विज्ञान के अनुसार बर्फ को जमने के लिए शून्य डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है। पर अमरनाथ की यात्रा हर साल जून-जुलाई में शुरू होती है फिर भी इस गुफा में प्राकृतिक रूप से शिवलिंग बन जाता है।
- चौकाने वाली बात यह है कि अमरनाथ की गुफा की तरह आसपास के क्षेत्र में और भी कई ऐसी गुफाएं है लेकिन शिवलिंग सिर्फ इसी गुफा में बनता है। इस रहस्य को अभी तक कोई नही सुलझा पाया।
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