Bhand Devra Shiv mandir ka itihas: प्राचीन खजुराहो शैली की कलाकृति से परिपूर्ण राजस्थान का भंडदेवरा शिव मंदिर
Bhand Devra Shiv mandir ka itihas – Bhand Devra Shiv temple history in hindi – भारत प्राचीन काल से ही विभिन्न शैलियों तथा कलाकृतियों वाला देश रहा है। प्राचीन कलात्मक प्रतिमाएं आज भी देश के कई हिस्सों में मौजूद हैं जो भारत देश के साथ – साथ विदेशों के भी लोगों को प्रभावित करती हैं। भारत के उत्तर में स्थित राजस्थान इसी प्रकार की वास्तुकलाओं तथा विविध कलात्मक क्रियाओं का राज्य है। यहां मौजूद विभिन्न नगर शहर अपने आप में ही एक खास इतिहास तथा विशेषता रखते हैं, पर क्या आप जानते हैं कि राजस्थान में एक ऐसा शिव मंदिर भी है जहां खजुराहो शैलियों का बेहद आकर्षक तथा मनमोहक दृश्य मौजूद है। तो चलिए आपको बताते हैं भंड देवरा मंदिर के इतिहास के बारे में।
Bhand Devra Shiv mandir ka itihas – Bhand Devra Shiv temple history in hindi – Bhand Devra Shiv Temple mystery
राजस्थान के हाड़ौती अंचल में, बारां जिले के रामगढ़ में भंडदेवरा नामक मंदिर है। यहां पर गंधर्व, सुर सुंदरियों एवं देव लोकपाल की प्रतिमाएं अलंकृत हैं। कुछ लोगों का मानना है कि मैथुन मूर्तियां होने के कारण इस मंदिर का नाम भंडदेवरा रखा गया है। यह रामगढ़ के समीप एक तालाब के किनारे बेहद ही सुंदर रूप में नज़र आता है। १०वीं शताब्दी में निर्मित हुआ भंड देवरा मंदिर रामगढ़ के पहाड़ी क्षेत्रों में स्थित है। यहां पर प्रमुख रूप से शिव जी का मंदिर है। इसके अतिरिक्त दो अन्य मंदिर स्थित हैं जिसमें से एक देवी अन्नपूर्णा तथा दूसरा देवी किसनई को समर्पित है। यह मंदिर रामगढ़ के पहाड़ों की गुफाओं में स्थित हैं।
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Bhand Devra Shiv mandir ka itihas – Interesting facts about Bhand Devra Shiv temple in hindi
ब्रिटिश शासन के आने से पहले सन् 1771 में झलवार राज्य का शासक जालिम सिंह था जिसने मंदिर में प्रवेश करने के लिए 750 सीढ़ियों का निर्माण करवाया था। भंड देवरा एक गुफा के भीतर स्थित है तथा यात्रीगण जालिम सिंह द्वारा बनाई गई सीढ़ियों के माध्यम से मंदिर के अंदर प्रवेश करते हैं। इस मंदिर से प्राप्त अभिलेखों से यह ज्ञात होता है कि भंड देवरा शिव मंदिर का निर्माण राजा मलय वर्मा ने अपने विजय के उपलक्ष्य में कराया था। 12वीं सदी में राजा तृषा वर्मा द्वारा इस प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया था। वास्तुशिल्प की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जाना वाले भंड देवरा मंदिर को वर्तमान में पुरातत्व विभाग के अधीन कर दिया गया है जो इसकी सुंदरता को निखारने का कार्य शुरू करेंगे।
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Bhand Devra Shiv mandir ka itihas – Bhand Devra Shiv temple history in hindi
भंड देवरा शिव मंदिर में कुछ प्रतिमाएं रतिमग्न जोड़ों की भी मौजूद हैं जिस कारण इस मंदिर को राजस्थान का मिनी खजुराहो तथा हाड़ौती का खजुराहो नाम से भी पुकारा जाता है। इस प्रकार शिव जी के विभिन्न मंदिरों में से एक भंड देवरा शिव मंदिर स्वयं में ही एक खास इतिहास तथा संस्कृति की झलक रखता है। शिव जी के दर्शन से भक्तों को शांति तथा समृद्धि का मार्ग मिलता है। प्राचीनतम सभ्यता का दृश्य देखने को मिलता है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं की आंखो में प्रतिमाओं का रूप सदा के लिए बस जाता है।
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