जानिए चंद्रयान-2 मिशन से जुड़ी खास बातें, 22 जुलाई को होगी लॉन्चिंग
Chandrayaan2 mission- चंद्रयान-1 (Chandrayaan-1) के सफल परीक्षण के बाद 22 जुलाई को ISRO (भारतीय अंतरिक्ष अनुसन्धान संगठन) द्धारा भारत के श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष प्रक्षेपण केंद्र से चंद्रयान-2 (Chandrayaan 2) को लॉन्च किया जा रहा है। इसके प्रक्षेपण की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सभी उपकरणों की जांच का काम भी पूरा हो चुका है। तो आइए जानें इस मिशन से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में।
Chandrayaan 2 mission
- चंद्रयान-2 को चांद तक पहुंचने में 54 दिन का समय लगेगा यानि कि सितम्बर के शुरूआती सप्ताह में यान चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव के पास लैंड करेगा।
- इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन अपने यानों को चांद की सतह पर भेज चुके हैं। ऐसा होते ही भारत चांद की सतह पर लैंडिंग करने वाला चौथा देश (4th country) बन जाएगा।
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- इस मिशन के लिए जीएसएलवी-एमके तृतीय (GSLV Mk III) यान का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसका कुल वजन 3.8 टन है। इस मिशन पर कुल लागत 976 करोड़ रुपए की आई है।
- चंद्रयान-2 मिशन पहला भारतीय अभियान है जो पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित है।
- स्वदेशी तकनीक से निर्मित चंद्रयान-2 में कुल 13 पेलोड हैं। इसमें आठ ऑर्बिटर में, तीन पेलोड लैंडर ‘विक्रम‘ और दो पेलोड रोवर ‘प्रज्ञान‘ में हैं। पांच पेलोड भारत के, तीन यूरोप, दो अमेरिका और एक बुल्गारिया के भी शामिल हैं।
- लैंडर ‘विक्रम‘ का नाम भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम के जनक डॉ. विक्रम ए साराभाई के नाम पर रखा गया है। वहीं, 27 किलोग्राम ‘प्रज्ञान‘ का मतलब संस्कृत में ‘बुद्धिमता‘ है।
- लैंडर ऑर्बिटर से अलग होकर चंद्रमा की सतह पर उतरेगा। इसे विक्रम नाम दिया गया है। यह 2 मिनट प्रति सेकंड की गति से चंद्रमा की जमीन पर उतरेगा।
- प्रज्ञान नाम का रोवर लैंडर से अलग होकर 50 मीटर की दूरी तक चंद्रमा की सतह पर घूमकर तस्वीरें लेगा।
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- चंद्रयान-2 मिशन से जुड़ें कुछ हिस्से भुवनेश्वर के ‘सेंट्रल टूल रूम एंड ट्रेनिंग सेंटर‘ ने भी बनाए हैं। केंद्र सरकार द्वारा संचालित (सीटीटीसी) ने भूस्थैतिक उपग्रह प्रक्षेपण यान मार्क ।।। (थ्री) के क्रायोजेनिक इंजन में ईंधन प्रवेश कराने के लिए 22 प्रकार के वाल्व तथा अन्य पुर्जे बनाये हैं।
- इससे चांद के बारे में और बेहत जान पाएंगे। इससे ऐसी नयी खोज होगी जिनका भारत और पूरी मानवता को लाभ मिलेगा।
- चंद्रयान-2 का वजन 3,850 किलोग्राम है जोकि चंद्रयान-1 (1380 किलो) के मिशन में काम में आने वाले यान से तकरीबन तीन गुना ज्यादा है। इसके अलावा लैंडर के अंदर मौजूद रोवर की रफ्तार 1 सेमी प्रति सेकंड रहेगी।
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