पेड़-पौधों की दीवानगी ने कैसे दिलाया ‘ट्री मैन’ दरिपल्ली को पद्मश्री पुरस्कार
Daripalli Ramaiah Biography in Hindi – कहते हैं न कि सफलता एक दिन में नहीं मिलती, मगर ठान लो तो एक दिन ज़रूर मिलती है। एक बार जब आप ठान लें तो कुछ भी संभव है। ऐसा ही जज़्बा हमें दरिपल्ली रमैया में देखने को मिला, इन्हें प्यार से लोग ट्री मैन के नाम से पुकारते हैं। अपने इसी जज़्बे, विश्वास और कड़ी मेहनत के दम पर दरिपल्ली ने अब तक तेलंगाना में 1 करोड़ से भी ज़्यादा पेड़ लगाए हैं। इस ट्री मैन को लोग कभी पागल समझते थे, लेकिन इन्होंने अपनी कड़ी मेहनत, हुनर और विश्वास से पूरी दुनिया में एक ऐसी मिसाल पेश की है जिसे देखकर पूरी दुनिया सलाम कर रही है और प्रेरणा ले रही है। तो चलिए आपको बताते हैं कौन हैं ये ट्री मैन।
Daripalli Ramaiah Biography in Hindi – दरिपल्ली रमैया के बारे में
कौन है दरिपल्ली रमैया? – Daripalli ramaiah biography in Hindi
- आज भी कुछ ऐसे लोग हैं जो प्रकृति को बचाने के लिए जी जान से मेहनत कर रहे हैं। तेलंगाना के खम्माम ज़िले के रहने वाले दरिपल्ली रामैया भी उनमें से एक हैं|
- दरिपल्ली ने अब तक तेलंगाना में 1 करोड़ से भी ज़्यादा पेड़ लगाए हैं| इसी के चलते प्यार से लोग उन्हें इंडियन ट्री मैन, वनजीवी रामैया या तेलुगु में चैलता रमईहा (Chetla Ramaiah) बुलाते हैं|
- दरिपल्ली रमैया का मानना है कि पेड़ों में इंसानों की तरह जान होती है इसलिए उनके मुरझाने या सूखने पर दुख होता है|
Daripalli Ramaiah Biography in Hindi
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दरिपल्ली रमैया के जीवन से जुड़ी रोचक बातें – Indian social worker
- दरिपल्ली रमैया ने जब पेड़ लगाना शुरू किया था तो कई लोग उन्हें पागल कहते थे, मगर धीरे – धीरे सबने उनके हुनर को सराहा।
- पेड़- पौधों के प्रति इनकी दीवानगी इतनी ज़्यादा है कि अब तक ये एक करोड़ से भी ज़्यादा पेड़ लगा चुके हैं और आगे भी लगाते जा रहे हैं।
- रमैया ने अपनी तीन एकड़ जमीन तक बेच दी, ताकि उन पैसों से वो बीज और पौधे खरीद सकें|
- इनके इसी कार्य को देखते हुए भारत सरकार ने साल 2017 में दरिपल्ली रमैया को पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया था|
- साल 1995 में उन्हें सेवा अवॉर्ड से भी नवाज़ा गया था|
- दरिपल्ली रमैया की उम्र 72 साल है, लेकिन आज भी उनकी जेब में पौधे का बीज ज़रूर होता है। वो जहां भी जाते हैं बीज साथ लेकर जाते हैं, ताकि जहां मौका मिले वहां वो उस बीज को लगा दें।
- पेड़ लगाने की शुरुआत रामैया ने एक प्लांटेशन ड्राइव में की थी, इस महान काम में उनकी पत्नी जन्ममा भी उनका साथ देती हैं|
- वह हमेशा अपनी साइकिल से पौधे लेकर ज़िले में इधर उधर घूमते हैं, जहाँ भी बेजान खाली ज़मीन दिखती है वह वहां पौधा रोपण का कार्य करने लगते हैं।
- आम लोगों से उन्हें जो थोड़ी-बहुत मद्द मिलती है उससे वो बीज ख़रीद लेते हैं। ऐसे करते-करते वो कई बढ़िया नर्सरी बना चुके हैं। यहां उगाये पौधों को वो मुफ्त में लोगों को देते हैं ताकि वो पौधरोपण कर सकें।
- ग्लोबल वार्मिंग के खतरे के दौरान उनके काम को इंटरनेशनल लेवल पर सराहा गया और उन्हें अकादमी ऑफ यूनिवर्सल ग्लोबल पीस द्वारा डॉक्टरेट की उपाधि दी गयी|
Daripalli Ramaiah Biography in Hindi
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पौधों के एनसायक्लोपीडिया (encyclopedia) – Indian tree man
- दरिपल्ली रमैया को चलता-फिरता पौधों का एनसायक्लोपीडिया (encyclopedia) कहा जाता है| वह पौधों की विभिन्न प्रजातियों के बारे में जानकारी रखते हैं|
- ये ज्यादा पढ़े- लिखे नहीं हैं, लेकिन फिर भी पेड़-पौधों से संबंधित किताबें पढ़ते रहते हैं। उनके पास हर राज्य में पाये जाने वाले 600 से ज़्यादा वृक्षों के बीजों का कलेक्शन है| ये पौधों को बच्चों की तरह पालते हैं।
- कभी जो लोग इन्हें ‘पागल’ कहा करते थे,आज वहीं लोग उनका गुणगान करते नहीं थक रहे हैं। दरिपल्ली आज पूरी दुनिया के लिए एक प्रेरणा हैं, मिसाल हैं।
यही जज़्बा अगर हर व्यक्ति में आ जाए तो, हमारी धरती कभी बेजान नहीं होगी और न ही धरती से कभी हरियाली खत्म होगी।
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Bikual Sahi hai ji Ram Ram ji