Death mystery of subhash chandra bose -जानिए आज़ाद हिंद के नेता सुभाष चंद्र बोस की मौत का रहस्य
Death Mystery of Subhash Chandra Bose – आज़ादी की लड़ाई के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर देने वाले महान व्यक्ति सुभाष चंद्र बोस की मौत दुनिया के लिए एक रहस्य बनकर रह गयी है। 18 अगस्त 1945 को सुभाष चंद्र बोस रूस के लिए जापान से रवाना हुए थे, लेकिन बीच रास्ते में ही उनका प्लेन क्रैश हो गया और उनकी उस हादसे में मौत हो गई। उनकी मृत्यु को लेकर एक के बाद एक कई बातें सामने आई। कई लोगों का ऐसा मानना था कि नेताजी मरे नहीं बल्कि वह ज़िंदा थे। तो चलिए आपको बताते हैं उनकी मौत से जुड़ी कहानियों के बारें में।
सुभाष चंद्र बोस का जीवन – Death mystery of subhash chandra bose
- नेताजी का जन्म 23 जनवरी 1897 को हुआ था। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान उन्होंने जापान के सहयोग से आज़ाद हिन्द फौज का गठन किया था।
- बचपन से ही वह पढ़ाई में काफी अच्छे थे। कटक से स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने प्रेसीडेंसी कॉलेज कोलकाता में दाखिला लिया।
- कुछ समय बाद उन्हें कॉलेज से निकाल दिया गया था क्योंकि उन्होंने अपने टीचर के साथ भारत विरोधी बातें बोलने के लिए हिंसक व्यवहार किया था।
- स्कॉटिश चर्च कॉलेज से उन्होंने 1919 में फिलोसोफी में ग्रेजुएशन की| कुछ समय बोस कांग्रेस से जुड़ गए जिससे वह आज़ादी की लड़ाई में हिस्सा ले सकें| इस लड़ाई की शुरुआत उन्होंने ‘स्वराज’ नामक अख़बार शुरू करके की|
- थोड़े ही समय में वह ऑल इंडिया यूथ कांग्रेस के प्रेसिडेंट भी बन गए और साथ ही बंगाल स्टेट कांग्रेस के सेक्रेटरी भी|
- उनके द्वारा दिया गया जय हिन्द का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा बन गया। क्रांतिकारियों में जोश भर देने वाला उनका एक और नारा “तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा” स्वतंत्रता संग्राम के दौर का सबसे लोकप्रिय और प्रचलित नारा था।
Death mystery of subhash chandra bose | सुभाष चंद्र बोस की मौत का रहस्य
नेताजी की मौत का रहस्य – Death mystery of subhash chandra bose
- सभी तथ्यों की मानें तो नेताजी 18 अगस्त 1945 को हवाई सफर के बाद लापता हो गए थे |
- मगर जापान की एक संस्था ने उसी साल 23 अगस्त को ये खबर छापी कि 18 अगस्त, 1945 को उनके यहां कोई विमान हादसा नहीं हुआ था।
- भारत सरकार तथा इतिहास की कुछ किताबें भी इसी हवाई दुर्घटना को नेता जी की मुत्यु का कारण बताती हैं। इस घटना के संबंध में कई अलग-अलग ऐसी बातें भी सामने आईं जिनके चलते उनकी मृत्यु पर संदेह बना हुआ है।
- इनमें पहली बात तो यह थी कि नेता जी का शव किसी को भी कहीं से भी बरामद नहीं हुआ। दूसरी यह कि कई लोगों के मुताबिक उस दिन ताइवान के आस-पास कोई हवाई दुर्घटना घटी ही नहीं थी।
- बताया जाता है कि खुद ताइवान सरकार के दस्तावेज़ों में भी उस दिन हुई किसी हवाई दुर्घटना का ज़िक्र नहीं है।
- यहां तक कि कुछ ख़बरों का यह भी कहना था कि उन्हें रूस के सैनिकों ने गिरफ्तार कर लिया और वहीं की जेल में उन्होंने अंतिम सांस ली।
- यही वजह है कि आज भी नेताजी की मौत का असली कारण पता नहीं चल पाया और आज भी उनकी मौत एक रहस्य बनी हुई है।
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Death mystery of subhash chandra bose | सुभाष चंद्र बोस की मौत का रहस्य
नेताजी के अंगरक्षक और ड्राइवर कर्नल निजामुद्दीन की कहानी – Death mystery of Subhash Chandra bose
- कर्नल निजामुद्दीन नेताजी के साथ करीब 1943 से 1945 तक रहे थे।
- उनका हमेशा से यह मानना था कि सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु विमान दुर्घटना में नहीं हुई।
- उनके मुताबिक वो खुद नेताजी को क्रैश के 3-4 महीने बाद बर्मा- थाईलैंड बॉर्डर पर छोड़ के आए थे।
- यही कारण है कि आज भी सुभाष चंद्र बोस की मौत का रहस्य भारत के लिए सबसे बड़ा रहस्य है।
- कर्नल निजामुद्दीन ने 6 फरवरी, 2017 को आजमगढ़ के मुबारकपुर में आखिरी सांस ली।
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