Dev Diwali 2021 Shubh Muhurat and Puja Vidhi – जानें देव दीपावली शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Dev diwali puja vidhi hindi – Dev diwali 2021 – देव दीपावली का पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा, कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। यह त्योहार वाराणसी में भव्य तरीके से मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नाम के दानव का वध किया था| इससे प्रसन्न होकर देवताओं ने स्वर्ग लोक में दीप जलाकर दीपोत्सव मनाया था| इसी के चलते देव दीपावली उत्सव को त्रिपुरोत्सव या त्रिपुरारी पूर्णिमा के रूप में भी जानते हैं | इस साल देव दीपावली 18 नवम्बर 2021 को पड़ेगी |
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कथा | katha – Dev diwali puja vidhi hindi – dev diwali ki katha – dev diwali ki kahani
पौराणिक कथा के अनुसार त्रिपुरासुर नामक बलवान राक्षस ने तीनों लोकों में सबको परेशान कर रखा था। वह इतना बलवान इसलिए था क्योंकि वह हर वक़्त ब्रह्मा जी की कठोर तपस्या करता था। सभी देवताओ ने उसके इस कठोर तप को तोड़ने का निर्णय किया और सुंदर अप्सराओं को उसकी तपस्या भंग करने भेजा। जब त्रिपुरासुर की तपस्या भंग नही हुई तो अंत में ब्रह्मा जी को विवश होकर उसे दर्शन देना पड़ा। इसके बाद ब्रह्मा जी ने उसे वरदान मांगने के लिए कहा। तब त्रिपुरासुर ने कहा प्रभु ऐसा वरदान दें कि कोई भी देवता या मनुष्य मुझे मार न पाए। भगवान ने तथास्तु कह दिया जिसके बाद उसका आतंक और बढ़ गया| एक दिन उसने अहंकार के कारण कैलाश पर्वत पर ही आक्रमण कर दिया। भगवान शिव और त्रिपुरासुर के बीच में बहुत ही भयंकर युद्ध हुआ। यह युद्ध काफी लंबे समय तक चला। युद्ध के दौरान भगवान शिव ने ब्रह्मा जी और विष्णु की मदद से त्रिपुरासुर का अंत कर दिया।
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देव दीपावली शुभ मुहूर्त | dev diwali muhurat 2021
- देव दीपावली 18 नवम्बर, 2021
- प्रदोषकाल देव दीपावली मुहूर्त – 05:09 पी एम से 07:47 पी एम
अवधि – 02 घण्टे 38 मिनट्स - पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – नवम्बर 18, 2021 को 12:00 पी एम बजे
- पूर्णिमा तिथि समाप्त – नवम्बर 19, 2021 को 02:26 पी एम बजे
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पूजा विधि | Dev diwali puja vidhi hindi
- देव दीपावली के दिन गंगा स्नान करना चाहिए|
- इस दिन भगवान गणेश,शिव और भगवान विष्णु की पूजा होती है।
- शाम को पूजा से पहले गणेश, शिव और भगवान विष्णु की मूर्ती स्थापित कर लें |
- उनकी विधि विधान से पूजा करें और भगवान भोले पर बेलपत्र, विष्णु जी पर तुलसी जी और गणेश जी पर दूब (हरी-भरी घास) चढ़ाएं|
- इस दिन खास तौर पर भगवान विष्णु को पीले फूल और पीले वस्त्र चढ़ाए जाते हैं|
- उसके बाद सभी को भोग लगाएं और धूप दीप जलाकर आरती करें |
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