Diwali Poem in Hindi – यहां पढ़ें दीपावली पर हिन्दी कविता
Diwali Poem in Hindi – आज हम अपने इस लेख में आपके लिए लेकर आए हैं दिवाली पर लिखी गई बेहतरीन कविताएं (Poem on Diwali in Hindi). आप इन कविताओं को अपने दोस्तों, रिश्तेदारों आदि को शेयर कर सकते हैं। दीपावली के मौके पर ये कविताएं पढ़कर आपका मन खुश हो जाएगा।
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1- आई दिवाली, आई दिवाली
खुशियों को संग लाई दिवाली
बच्चे आए बड़े भी आए
सबने सुंदर दीप जलाए
दीपों से जगमग संसार
एक-दूजे से बढ़ता प्यार
(अंकिता माहोरे)
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2- दिवाली त्योहार दीप का
मिलकर दीप जलाएंगे
सजा कर रंगोली से आंगन को
सबका मन हर्षाएंगे
बम-पटाखे भी फोड़ेंगे
खूब मिठाई खाएंगे
दिवाली त्योहार मिलन का
घर-घर मिलने जाएंगे।
(पूनम मोहने)
Diwali Poem in Hindi
3 – आई दिवाली ख़ुशी मनायेंगे
मिलजुल कर यह त्यौहार मनायेंगे
चोदह साल काटा वनवास
राम जी आये भक्तों के पास
खुशियों के दीप जलायेंगे
आई दिवाली ख़ुशी मनायेंगे।
दिल से सारे बैर भुलाकर
एक दूजे को गले लगाकर
सब शिकवे दूर भगायेंगे
आई दिवाली ख़ुशी मनायेंगे।
जल रहे हैं बम-पटाखे
शोर मचाते धूम-धड़ाके
संग सब के ख़ुशी मनायेंगे
आई दिवाली ख़ुशी मनायेंगे।
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4- आई रे आई जगमगाती रात है आई
दीपों से सजी टिम टिमाती बारात है आई
हर तरफ है हँसी ठिठोले
रंग-बिरंगे,जग-मग शोले
परिवार को बांधे हर त्यौहार
खुशियों की छाये जीवन में बहार
सबके लिए है मनचाहे उपहार
मीठे – मीठे स्वादिष्ट पकवान
कराता सबका मिलन हर साल
दीपावली का पर्व सबसे महान
फिर से सजेगी हर दहलीज़ फूलों से
फिर महक उठेगी रसोई पकवानों से
मिल बैठेंगे पुराने यार एक दूजे से
फिर से सजेगी महफ़िल हँसी ठहाको से
चारों तरफ होगा खुशियों का नज़ारा
सजेगा हर आँगन दीपक का उजाला
डलेगी रंगों की रंगोली हर एक द्वार
ऐसा है हमारा दीपावली का त्यौहार।
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5 – आज फिर से प्रकाश की अंधकार पर जीत होगी
दीपों की माला से सजती ये धरती
एक नयी दुल्हन सी शोभित होगी
सूने पड़े किसी कोने को भी आज अपने होने का एहसास होगा
उसको भी तो आज की रात किसी दीये का इंतज़ार होगा
हर घर में उजाला, हर गली में उल्लास होगा
गणेश जी की होगी पूजा, लक्ष्मी जी का श्रृंगार होगा
छोटा हों या बड़ा सबमे उमंग और उत्साह होगा
सुंदर सजती बालाओं को अपने पतियों का इंतज़ार होगा
आज की रात तो आसमान भी धरती का दीदार करता होगा
खूब मनाओं खुशियाँ जी भर के, ये मत सोचो कल क्या होगा
एक साल में एक बार ही आता ये त्यौहार निराला
भर लो अपने मन में मस्ती का प्याला।
Diwali poem in hindi
6- दिवाली रोज़ मनाएं
फुलझड़ी फूल बिखेरे
चकरी चक्कर खाए
अनार उछला आसमान तक
रस्सी- बम धमकाए
सांप की गोली हो गई लम्बी
रेल धागे पर दौड़ लगाए
आग लगाओ रॉकेट को तो
वो दुनिया नाप आए
टिकड़ी के संग छोटे-मोटे
बम बच्चों को भाए
ऐसा लगता है दिवाली
हम तुम रोज़ मनाएं।
(संदीप फाफरिया ‘सृजन’)
सोने की बाती, चाँदी सा उजाला,
दीपावली का पर्व है मतवाला
बम फटे और चले पटाखे,
रोशनी से मूंद -मूंद गयी आँखें
अमावस का धुला दाग काला
दीपावली का पर्व मतवाला
फसल आई घर शुभ यही लाभ
हिसाब नए शुरू यही रंग आम
बधाई मिठाई का चला है दौर
साफ़ स्वच्छता है हर ओर
नया कैलेंडर ये बतलाता
दीपावली का पर्व है मतवाला।
(गफूर ‘स्नेही’)
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