पिथौरागढ़ में घूमना है, तो जाएं इन पांच खूबसूरत जगहों पर

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Five best places to visit in Pithoragarh in hindi –  पिथौरागढ़ को अगर उत्तराखंड का स्वर्ग कहा जाए तो गलत नहीं होगा| यहां की ऊंची-ऊंची चोटियां लोगों को अपनी ओर खींचती हैं, तभी तो इसे लिटिल कश्मीर भी बोला जाता है| यहां के बर्फीले पहाडों को देखकर ऐसा लगता है जैसे सारे जहां की जन्नत इसी में समा गई है| इस जन्नत को पास से कौन नहीं देखना चाहता| हर किसी को ऐसा खूबसूरत दृश्य देखना पसंद है। अगर आप भी यहां की खूबसूरत वादियों में घूमने का सोच रहे हैं तो इन खास जगहों पर ज़रुर जाइएगा|

 

dhwaj Temple

 

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  • ध्वज मंदिर – पिथौरागढ़ का यह मंदिर काफी प्रसिद्ध है। 2100 मीटर की ऊंचाई पर बने इस मंदिर से बर्फ से ढ़के पहाड़ काफी खूबसूरत नज़र आते हैं। यह मंदिर शिवजी और देवी जयंती को समर्पित है। यहां जयंती माता की पूजा स्थानीय लोगों द्वारा की जाती है। मंदिर से कई फुट नीचे भगवान शिव की एक गुफा भी है।

 

कपिलेश्वर महादेव मंदिर

 

  • कपिलेश्वर महादेव मंदिर –  सोर घाटी में बना यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। कहते हैं यहां प्रसिद्ध ऋषि कपिल ने तप किया था। शिवरात्रि के मौके पर भक्तों की भारी भीड़ यहां देखने को मिलती है।

 

थलकेदार शिव मंदिर

 

  • थलकेदार शिव मंदिर – पहाड़ी के किनारे स्थित भगवान शिव का यह पवित्र मंदिर है पिथौरागढ़ से लगभग 16 किमी की दूरी पर है। समुद्र तल से 2000 मीटर की ऊंचाई पर बना यह मंदिर अपने शिवलिंग के लिए सबसे ज़्यादा प्रसिद्ध है। ये शिवलिंग 1000 मिलियन वर्ष पुराना माना जाता है।

 

नारायण आश्रम

 

  • नारायण आश्रम – नारायण आश्रम को 1936 में श्री नारायण स्वामी द्वारा बनवाया गया था। यह आश्रम विभिन्न आध्यात्मिक और सामाजिक गतिविधियों का आयोजन करता है। आश्रम में 40 लोगों के रहने की सुविधा है। भारी बर्फबारी की वजह से सर्दियों के दौरान इसे बंद कर दिया जाता है। हरे भरे जंगलों के बीच होने से इस आश्रम का वातावरण एकदम शांत है। इस आश्रम में हर साल हजारों की संख्या में विदेशी और देसी पर्यटक आते हैं, और यहां ध्यान कर शांति प्राप्त करते हैं। यहां से कुछ दूरी पर तवाघाट में धौलीगंगा और कालीगंगा का संगम होता है।

 

नकुलेश्वर मंदिर

 

  • नकुलेश्वर मंदिर – शहर से 4 किमी की दूरी पर बने इस मंदिर का नाम दो शब्दों से मिलकर बना है, ‘नकुल ‘ और ‘ईश्वर’। इसमें शिव-पार्वती, उमा- वासुदेव, नौवर्ग, सूर्य, महिषासुर मर्दिनी, वामन, करमा और नरसिंह समेत 38 विभिन्न हिन्दू देवी देवताओं की मूर्तियां हैं।

 

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