श्रीनगर,उत्तराखंड में घूमना है तो जाइये इन टॉप पर्यटन स्थलों पर
Five best places to visit in Srinagar, Uttarakhand in hindi – उत्तराखंड का श्रीनगर बद्रीनाथ जाने के रास्ते के दौरान पड़ता है। अपनी प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ इस शहर का अपना अलग गौरवशाली इतिहास भी रहा है। ऐसे कई पहाड़ी शहर हैं जो भारत में अंग्रेजों के आगमन के बाद विकसित हुए और श्रीनगर भी उन्हीं नगरों में शामिल है। पहाड़ी पर बसे श्रीनगर में कई देखने लायक दर्शनीय स्थल हैं।
- शंकर मठ- यह श्रीनगर का एक प्राचीन मंदिर है जो 1894 की बाढ़ को झेलने के बाद भी विद्यमान है। ऐसा माना जाता है कि 1670 में धर्माधिकारी शंकर धोमाल ने ज़मीन खरीदकर इस मंदिर की स्थापना की थी। इस मंदिर की वास्तुकला देखने लायक है। यहां पर उत्तराखंड की विशिष्ट शैली देखने को मिलती है।
Must Read: लैंसडाउन में घूमने का लुफ्त उठाना है, तो जाइये इन जगहों पर
- सिद्धेश्वर मंदिर- इस मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि जब देवता असुरों से युद्ध में परास्त होने लगे तो भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र प्राप्त करने के लिए भगवान शिव की आराधना की और 1,000 कमल फूल उन्हें अर्पित किए। भगवान विष्णु की भक्ति से प्रसन्न होकर शिव जी ने उन्हें सुदर्शन चक्र प्रदान किया था, जिससे उन्होंने असुरों का विनाश किया।
Must Read: पौड़ी में घूमने वाली पांच जगह
- केशोराय मठ- शंकरमठ की तरह ही यह पत्थरों के टुकड़ों से बना है।1682 में केशोराय द्वारा बनवाया गया था। 1864 की बाढ़ में श्रीनगर शहर के डूब जाने के साथ-साथ यह मन्दिर भी पूरी तरह से रेत में दब गया था। मन्दिर का एक चौथाई आधारतल खिसकने तथा मन्दिर का ऊपरी हिस्सा ध्वस्त हो जाने के बाद भी यह मन्दिर अड़िग खड़ा है।
- हेमकुंड साहिब- उत्तराखंड के चमोली जनपद में सात पर्वतों के बीच बसा हेमकुंड गुरुद्वारा अद्भुत है। यह 4329 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। मान्यता है कि इसी स्थान पर सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह ने तपस्या की थी। यहां पूरे साल देश-विदेश के लोग मत्था टेकने आते हैं।
- जैन मंदिर-1894 की बाढ़ के बाद पारसनाथ जैन मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया थ। मंदिर का निर्माण 1925 में प्रताप सिंह एवं मनोहर लाल की पहल पर हुआ था।1970 में प्रसिद्ध जैन मुनि श्री विद्यानंदजी यहां आकर कुछ दिनों तक ठहरे थे।
For more updates like Five best places to visit in Srinagar, Uttarakhand in Hindi, do subscribe to our newsletter and follow us on Facebook, Twitter, Instagram, and Google+.
ऐसी ही और जानकरी के लिए हमारे न्यूजलेटर को सबस्क्राइब करें और फेसबुक, ट्विटर और गूगल पर हमें फ़ॉलों करें।