गाड़िया लोहार समुदाय ने पेश की मिसाल, मजदूरों की मदद के लिए बढ़ाया हाथ
Gadia Lohar served ration to poor families during lockdown – गाड़िया लोहार समुदाय एक ऐसा समुदाय है जिसने हमेशा देश में एक अद्भुत मिसाल पेश की है। गाड़िया लोहारों ने योद्धा महाराणा प्रताप के शासनकाल में आई विपदा के समय भी उनका पूरा साथ दिया था और आज भी वो कोरोना महामारी और लॉकडाउन के इस मुश्किल समय में देश का साथ देकर फिर से एक मिसाल पेश कर रहे हैं। इनकी इस दरियादिली को देखकर पीएम नरेंद्र मोदी भी इनकी तारीफ किए बिना नहीं रह पाए। तो चलिए आपको बताते हैं क्या है पूरी कहानी।
Gadia Lohar served ration to poor families during lockdown
कोरोना से जंग में गाड़िया लोहार ने दिया खास योगदान
- आज पूरा देश कोरोना वायरस की वजह से संकट में है। पूरा भारत कोरोना की वजह से लॉकडाउन है, जिसकी वजह से लोगों को रोजमर्रा की चीजें खरीदने में दिक्कत आ रही है।
- इस संकट को देखते हुए कोई भूखा न सोए, इसके चलते कई सामाजिक संगठन और संस्थाएं भीलवाड़ा के गाड़िया लोहार बस्ती में उन्हें राशन किट वितरित करने पहुंची, लेकिन बस्ती में रहने वाले गाड़िया लुहारों ने राशन लेने से इंकार कर दिया और कहा कि अभी तो इसकी आवश्यकता दिहाड़ी मजदूरों को है। तो ये सामग्री उन्हें दे दी जाए।
- इन परिवारों ने न केवल राशन सामग्री लेने से इंकार किया, बल्कि बस्ती के लोगों की मदद से 51 हजार रुपये धनराशि एकत्रित करके 200 राशन पैकेट सामाजिक संघटनों को सौंपे और कहा कि जिन्हें इनकी सच में ज़रूरत है, उन्हें ये दे दिए जाएं। इसके बाद यह सामग्री शहर की विभिन्न कच्ची बस्तियों में वितरण की गई।
- इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के वंशज हैं, बिना मेहनत के हम कुछ भी प्राप्त नहीं करते। साल 1576 में जिस प्रकार वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप ने संकट के समय यह प्रतिज्ञा की थी जब तक मेवाड़ स्वतंत्र नहीं हो जाता तब तक मैं महलों में नहीं रहूंगा, बर्तनों में नहीं खाऊंगा और पलंग पर नहीं सोऊंगा, ठीक उसी समय से हम लोगों ने भी इस प्रतिज्ञा का निर्वहन करना आरंभ किया था और आज भी करते हैं।
- साल 1955 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने प्रतिज्ञा मुक्ति कार्यक्रम चित्तौड़ की पावन धरती पर किया। उस संकट के समय में भी हम देश के साथ खड़े थे और आज फिर देश पर संकट आया है और आज भी हम देश और सरकार के साथ खड़े हैं इसलिए हम सब मिलकर राशि एकत्रित करके पीड़ित दुखी लोगों को राशन सामग्री पहुंचाएंगे।
- इस बात को सुनकर वहां मौजूद सभी लोगों का सीना गर्व से फूल गया और गाड़िया लोहारों की इस दरियादिली के लिए पूज्य महामंडलेश्वर हंसराम उदासीन ने उन्हें शाल और माला पहनाकर अभिनन्दन किया। इस मौके पर पूज्य महामंडलेश्वर ने कहा कि मेवाड़ की धरा पर आज पुनः इतिहास रचा गया है। इससे सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए।
Gadia Lohar served ration to poor families during lockdown
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी की सराहना
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर इनकी सराहना की। नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि, अद्भुत और प्रेरक मिसाल! विषम परिस्थितियों में गाड़ोलिया समाज द्वारा किए जा रहे ये नेक कार्य हर भारतवासी को प्रेरित करने वाले हैं।
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