Ganesh ji ki puja sabse pahle kyon hoti hai – क्यों भगवान गणेश की पूजा पहले होती है
Ganesh ji ki puja sabse pahle kyon hoti hai – गणपति की पूजा सभी देवताओं से पहले की जाती है, लेकिन क्या आप जानते हैं क्यों भगवान गणपति की पूजा सबसे पहले की जाती है? इस बात के पीछे बहुत सारे कारण हैं कि आखिर क्यों भगवान गणेश को पहले पूजा जाता है। इंविटेशन कार्ड पर भगवान गणेश का चित्र बना होता है, इसके अलावा गाड़ियों में भी भगवान गणेश की मूर्ती रखी होती है और बहुत से लोग गणेश जी की मूर्ती उपहार के तौर पर भी देते हैं। क्यों विघ्नहर्ता गणेश की पूजा सबसे पहले की जाती है इस के बारे में कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं।
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- एक बार जब माता पार्वती स्नान करने गईं तो स्नान घर के पास निगरानी के लिए कोई भी नहीं था। तब उन्होंने अपने उबटन से भगवान गणेश का निर्माण किया और उन्हें आदेश दिया कि जब तक वो स्नान घर से बाहर न आ जाएं, तब तक किसी को भी स्नान घर में प्रवेश ना करने दें।
Ganesh ji ki puja sabse pahle kyon hoti hai
- भगवान शिव को इस बारे में पता नहीं था कि माता पार्वती ने एक पुत्र का निर्माण किया है। भगवान शिव जब माता पार्वती के स्नान घर में प्रवेश करने लगे तो गणेश ने उन्हें रोक दिया। इस पर भगवान शिव काफी गुस्सा हो गए और भगवान गणेश का सिर काट दिया। शोर की आवाज़ सुनकर माता पार्वती स्नान घर से बाहर आईं और भगवान गणेश का सिर कटा हुआ देखकर माता पार्वती बहुत क्रोधित हुईं और कहा कि वो इस दुनिया को खत्म कर देंगी।
- माता पार्वती का गुस्सा शांत करने के लिए शिवजी ने कहा कि वो किसी और से गणेश का सिर बदलकर उनको फिर से जीवित कर देंगे और उन्होंने गणेश के सिर के स्थान पर हाथी के बच्चे का सिर लगा दिया। शिवजी ने यह वरदान दिया कि किसी भी भगवान से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाएगी।
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- यह भी कहा जाता है कि एक बार गणेश जी के भाई कार्तिकेय ने कहा कि वो ही सबसे बड़े योद्धा हैं, इसलिए गणेश को नहीं बल्कि सबसे पहले उन्हें पूजा जाना चाहिए। कार्तिकेय की बात सुनकर भगवान शिव ने गणेश और कार्तिकेय के बीच प्रतियोगिता का आयोजन किया। दोनों को कहा कि अपने- अपने वाहन पर बैठकर पूरे ब्राह्मांड का चक्कर लगाएं और जो सबसे पहले वापिस आएगा उसे सब से पहले पूजा जाएगा।
- कर्तिकेय जल्दी से अपने वाहन पर सवार होकर निकल गए, लेकिन गणेश जी वहीं खड़े रहे। माता पार्वती और भगवान शिव के चारों तरफ चक्कर लगाने लगे। भगवान शिव ने जब गणेश को विजेता घोषित किया तो कर्तिकेय हैरान रह गए उन्होंने जब इस फैसले का कारण पूछा तो भगवान शिव कहते हैं कि गणेश ने माता-पिता को ही ब्रह्मांड माना और प्रतियोगिता के विजेता बन गए। तब से ही भगवान गणेश की सभी देवताओं से पहले पूजा होने लगी।
- एक और मान्यता यह है कि भगवान गणेश मूलाधारा चक्र को नियंत्रित करते हैं जिस वजह से धार्मिक और भौतिक सुख के बीच तालमेल बनता है। भगवान गणेश ही हैं जो हमें भौतिक सुख प्रदान करते हैं और जीवन- मृत्यु के चक्र से मुक्त करते हैं।
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