Goga Navami Kab Ki Hai- जानिए क्यों मनाई जाती है गोगा नवमी?
Goga Navami Kab Ki Hai – इस साल गोगा नवमी 13 अगस्त 2020 को है। इस दिन लोग नागों की पूजा करते हैं। मान्यताओं के अनुसार इस दिन नागों की पूजा करने से लोग भय मुक्त हो जाते हैं। हिंदू धर्म में इस पर्व का खास महत्व बताया गया है। ये पर्व देश के कई हिस्सों में मनाया जाता है। तो चलिए जानते हैं क्यों मनाई जाती है गोगा नवमी? – 2020 में गोगा नवमी कब की है, goga navami kitni tarikh ki hai
Goga navami importance and puja vidhi
क्यों मनाई जाती है गोगा नवमी? – goga navami 2020
- भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष नवमी को गोगा नवमी मनाई जाती है। गोगा जी राजस्थान के लोक देवता हैं, जिन्हें श्री जाहरवीर गोगा नाम से भी जाना जाता है।
- गोगा नवमी के दिन नागों और गोगा जी जाहरवीर की पूजा की जाती है। इसके साथ ही जाहरवीर गोगाजी की कथा सुनते हैं।
- मान्यता है कि इस दिन गोगाजी देवता की पूजा करने से सांपों से रक्षा होती है। इन्हें सांपों का देवता भी माना जाता है।
- ये पर्व श्रावण मास की पूर्णिमा यानी कि रक्षाबंधन से आरंभ होता है और 9 दिनों, नवमी तक चलता है इसलिए इसे गोगा नवमी कहा जाता है।
- पंजाब और हरियाणा समेत देश के कई राज्यो में इस पर्व को बहुत श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया जाता है|
- ऐसी मान्यता है कि पूजा स्थल की मिट्टी को घर पर रखने से सर्प भय से मुक्ति मिलती है|
- राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले का एक शहर गोगामेड़ी है, यहां नवमी को गोगाजी देवता का मेला लगता है।
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कौन हैं देवता गोगाजी?- Goga Navami Kab Ki Hai
- गोगाजी राजस्थान के लोक देवता हैं जिन्हे जहरवीर गोगा जी के नाम से भी जाना जाता है। वीर गोगा जी गुरु गोरखनाथ के परम शिष्य थे।
- उनका जन्म विक्रम संवत 1003 में चुरू जिले के ददरेवा गाँव में हुआ था। श्री गोगा देव का जन्म नाथ संप्रदाय के योगी गोरखनाथ के आशीर्वाद से हुआ था।
- मध्यकालीन काल में गोगाजी हिंदू, मुस्लिम, सिख संप्रदायों के एक धर्मनिरपेक्ष लोकदेवता के नाम से पीर के रूप में प्रसिद्ध हुए।
Goga Navami Kab Ki Hai – goga navmi 2020
- राजा पृथ्वीराज चौहान के बाद गोगाजी वीर और ख्याति प्राप्त राजा थे। इनका राज्य सतलुज से हांसी (हरियाणा) तक था। इन्हें कई नामों से पुकारा जाता है जैसे गुग्गा वीर, जाहिर वीर, राजा मण्डलिक व जाहर पीर आदि।
- जहां इनका जन्म हुआ था, वहां गुरु गोरखनाथ का आश्रम है और वहीं गोगा देव की घोड़े पर सवार मूर्ती भी विराजमान है। भक्त इस मंदिर में माथा टेककर मन्नत माँगते हैं।
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कैसे पड़ा इनका नाम गोगाजी?- Goga Navami Importance and Puja Vidhi
- गोरखनाथ जी से सम्बंधित एक कथा बहुत प्रचलित है। माना जाता है कि गोगाजी का जन्म गुरू गोरखनाथ के वरदान से हुआ था।
- गोगाजी की माँ बाछल देवी निसंतान थीं। एक दिन बाछल देवी गुरू गोरखनाथ की शरण में गईं, जहां वो तपस्या कर रहे थे।
- बाछल देवी ने उनसे संतान के लिए वरदान मांगा और गुरू गोरखनाथ ने उन्हें पुत्र प्राप्ति का वरदान दिया। एक गुग्गल नामक फल प्रसाद के रूप में दिया।
- प्रसाद खाकर बाछल देवी गर्भवती हो गईं और कुछ महीनों बाद गोगाजी का जन्म हुआ। गुग्गल फल के नाम से इनका नाम गोगाजी पड़ा।
ऐसे करें पूजा- Goga Navami Importance and Puja Vidhi
- गोगा नवमी के दिन दीवार पर लाल मिट्टी से नाग देवता बनाएं या उनकी मूर्ती घर लाकर पूजन करें।
- सफेद फूल और कच्चा दूध चढ़ाएं।
- इसके बाद रोली, चावल अर्पित करें।
- धूप- दीप जलाकर आरती करें।
- खीर, चूरमा, गुलगुले आदि बनाकर प्रसाद चढ़ाएं।
शुभ मुहूर्त
- नवमी तिथि प्रारंभ- 12 अगस्त 2020 को 11:16 पूर्वाह्न से
- नवमी तिथि समाप्त- 13 अगस्त 2020 को 12:58 अपराह्न तक।
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