Govardhan puja in hindi : जानिए गोवर्धन पूजा की पौराणिक कहानी और पूजा विधि

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Govardhan puja in hindiGovardhan puja kab hai 2022 – गोवर्धन पूजा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को मनाई जाती है। इस बार दिवाली 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी लेकिन गोवर्धन पूजा 25 अक्टूबर को नहीं मनाई जाएगी। ऐसा इसलिए क्योंकि इस बार दिवाली के अगले दिन 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण लगेगा, इस बार सूर्य ग्रहण के कारण गोवर्धन पूजा की तिथि में बदलाव किया गया है। इस बार गोवर्धन का पर्व बुधवार 26 अक्टूबर को मनाया जाएगा। गोवर्धन पूजा को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक कथाओं में गोवर्धन पूजा का खास महत्व बताया गया है। तो जानिए गोवर्धन पूजा की पौराणिक कहानी और पूजा विधि

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पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन वृंदावन के लोग अच्छी फसल के लिए भगवान इंद्र की धूमधाम से पूजा किया करते थे। इंद्र को अपनी शक्तियों और पद पर घमंड हो गया था, जिसे खत्म करने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने एक लीला रची। कृष्ण ने वृंदावन के लोगों को समझाया कि गोवर्धन पर्वत की उपजाऊ धरती के कारण ही वहां पर घास उगती है, जिसे गाय, बैल और पशु चरते हैं तभी आप लोगों को दूध मिलता है और ये पशु खेत को जोतने में मदद करते हैं इसलिए आप लोग इंद्र की पूजा छोड़कर गोवर्धन पर्वत की पूजा करें। कृष्ण की ये बात सुनकर इंद्र देवता बहुत नाराज़ हो गए और उन्होंने वृंदावन में तेज़ बारिश कर दी। इंद्र के इस प्रकोप से बचने के लिए कृष्ण ने अपने बाएं हाथ की छोटी उंगली पर पूरे गोवर्धन पर्वत को उठा लिया। सभी वृंदावन वासी उस पर्वत के नीचे आ गए और खुद को भारी बारिश से बचा लिया। इन्द्र लगातार सात दिनों तक मूसलाधार बारिश करते रहे, तब उन्हें एहसास हुआ कि उनका मुकाबला करने वाला कोई आम मनुष्य नहीं हो सकता।

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 ये जानने के लिए वो ब्रह्मा जी के पास पहुंचे और उन्हें सारी बात बताई। तब ब्रह्मा जी ने इन्द्र से कहा कि आप जिस कृष्ण की बात कर रहे हैं, वह भगवान विष्णु के साक्षात अंश हैं। ब्रह्मा जी की ये बात सुनकर इन्द्र देव बहुत शर्मिंदा हुए और उन्होंने श्री कृष्ण से कहा कि है प्रभु मैं आपको पहचान न सका इसलिए अहंकारवश भूल कर बैठा। आप दयालु हैं इसलिए मेरी भूल क्षमा करें। इस पौराणिक घटना के बाद से ही गोवर्घन पूजा की जाने लगी।

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पूजा विधि – govardhan puja vidhi  

  •  लोग गाय, बैल आदि पशुओं को स्नान कराकर चन्दन, फूल माला, धूप आदि से उनका पूजन किया जाता है।
  • गायों को मिठाई खिलाकर उनकी आरती उतारी जाती है।
  • गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर रोली, चावल, जल, मौली, फूल तथा तेल का दीपक जलाकर पूजा करते हैं और परिक्रमा करते हैं।
  • इसके साथ ही भगवान श्री कृष्ण की पूजा भी करते हैं।
  • भगवान श्री कृष्ण को 56 भोग लगाए जाते हैं। इसके बाद प्रसाद बांटा जाता है।
  • कहते हैं इस प्रकार पूजा करने से घर में दरिद्रता का वास नहीं होता और घर हमेंशा धन और अन्न से भरा रहता है।

गोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त 2022

  • गोवर्धन पूजा बुधवार, अक्टूबर 26, 2022
  • गोवर्धन पूजा प्रातःकाल मुहूर्त – 06:26 ए एम से 08:40 ए एम
    अवधि – 02 घण्टे 14 मिनट्स

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