हनुमान जी और बाली के बीच हुआ था भयंकर युद्ध, जानिए किसकी हुई थी जीत?
Hanuman Bali Yudh Story Ramayan Hindi – रामायण में हनुमान और बाली के युद्ध का एक रोचक प्रसंग है। बाली बहुत ही शक्तिशाली था। देवराज इंद्र का धर्मपुत्र और किष्किंधा का राजा बाली जिससे भी लड़ता था,उसकी आधी शक्ति बाली में समा जाती थी और लड़ने वाला कमज़ोर होकर हार जाता था। इसी ताकत के घमंड में चूर होकर बाली ने एक बार हनुमान जी को अपने साथ युद्ध करने के लिए ललकारा था, जिसे हनुमान जी ने स्वीकार किया था और फिर दोनों के बीच भयंकर युद्ध हुआ था। तो चलिए आपको विस्तार से बताते हैं हनुमान जी और बाली के इस युद्ध के बारे में।
Hanuman Bali Yudh Story Ramayan Hindi – Bali Hanuman yudh story in hindi – हनुमान और बाली का युद्ध
कौन था बाली
- सुग्रीव का भाई, अंगद का पिता, अप्सरा तारा का पति और वानरश्रेष्ठ ऋक्ष का पुत्र बाली बहुत ही शक्तिशाली था। देवराज इंद्र का धर्मपुत्र और किष्किंधा का राजा बाली जिससे भी लड़ता था, उसकी आधी शक्ति बाली में समा जाती थी और इसी वजह से उसे कोई परास्त नहीं कर पाता था।
- रामायण के अनुसार बाली को उसके धर्मपिता इंद्र से एक स्वर्ण हार प्राप्त हुआ था। इस स्वर्ण हार को ब्रह्मा ने मंत्रयुक्त करके वरदान दिया था। इसी हार की शक्ति के कारण बाली कभी युद्ध नहीं हारता था।
- सतयुग में बाली सबसे शक्तिशाली योद्धा था जिसका वध स्वयं प्रभु राम ने छिपकर किया था। बाली सूर्यपुत्र था। बाली ने रावण को भी 6 माह तक अपनी पूछ में बांधकर रखा था और रावण की विनती पर उसको छोड़ा था।
बाली और हनुमान का युद्ध – Hanuman Bali Yudh Story Ramayan Hindi
- बाली को इस बात का घमंड था कि उसे विश्व में कोई हरा नहीं सकता। एक बार रामभक्त हनुमान वन में राम नाम का ध्यान कर तपस्या कर रहे थे। उस दौरान अपनी ताकत के नशे में चूर बाली ने हनुमान जी को युद्ध के लिए ललकारा, लेकिन हनुमान जी ने युद्ध के लिए मना कर दिया।
- हनुमान जी ने मना करते हुए बोला कि मुझे मेरे प्रभु श्री राम का स्मरण करने दो, लेकिन बाली नहीं माना और उन्होंने प्रभु राम का नाम लेकर हनुमान जी को ललकारना शुरु कर दिया। बाली की इस हरकत को देखकर हनुमान जी ने बाली को युद्ध के हां कर दी और कहा कि कल आप युद्ध के लिए आ जाना। लेकिन जब ये बात ब्रह्मा जी को पता चली तो वो हनुमान जी के पास आये और बोले कि आप बाली से युद्ध नहीं करेंगे।
- तब हनुमान जी ने ब्रह्मा देव से कहा गुरु वर कदापि मैं युद्ध नहीं करता पर बाली ने मेरे प्रभु राम का नाम लेकर मुझे युद्ध का आह्वान दिया है अतः मैं युद्ध तो अवश्य करुंगा। हनुमान की ये बात सुनकर ब्रह्मा जी ने कहा अच्छी बात है पर आप अपनी पूरी ताकत लेकर युद्ध मे नहीं उतरेंगे। आप मात्र 10% अपनी ताकत लेकर बाली से युद्ध करेंगे। इस पर हनुमान जी तैयार हो गए। अगले दिन जब हनुमान जी और बाली का युद्ध हुआ तो हनुमान जी की आधी ताकत बाली में आने लगी, बाली उस ताकत से भयभीत हो गया और युद्ध से भाग गया।
- तब ब्रह्मा जी ने बाली को बताया कि मेरी विनम्र विनती पर हनुमान जी सिर्फ 10% ताकत से युद्ध में उतरे थे अगर वो पूर्ण ताकत से युद्ध में आ जाते तो सोचो तुम्हारा क्या होता। तब ब्रह्मा जी के कहने पर बाली ने हनुमानजी से क्षमा मांगी और उनसे विनती करते हुए कहा कि अब वो उनसे कभी युद्ध नहीं करेंगे, हनुमान जी ने भी बाली को क्षमा कर कहा मैं तुमसे कभी युद्ध नहीं करुंगा।
Hanuman Bali Yudh Story Ramayan Hindi
कष्टों को दूर करने के लिए करें हनुमान पूजा
- जो व्यक्ति 11पीपल के पत्तो पर हनुमान सिंदूर से राम-राम लिखकर उसकी माला बनाकर हनुमानजी को अर्पण करता है उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
- अगर विशेष मनोकामना है तो ऐसा 7 मंगलवार करें।
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