Varsha ritu mein kya khana chahiye – Varsha Ritu Me Kya Kare Kya Na Kare – बरसात का मौसम या वर्षा ऋतु, जिसे मानसून के मौसम के रूप में भी जाना जाता है। ये जून के मध्य में शुरू होता है। साधारण भाषा में इसे “पानी बरसने वाला मौसम” भी कहा जाता है। इस साल वर्षा ऋतु 21 जून से शुरु चुकी है जो 22 अगस्त तक रहेगी। तो चलिए आपको बताते हैं वर्षा ऋतु के दौरान क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए।
Varsha ritu mein kya khana chahiye
वर्षा ऋतु क्या है? Varsha Ritu Kya Hai
बरसात का मौसम या वर्षा ऋतु, जिसे मानसून के मौसम के रूप में भी जाना जाता है, जून के मध्य में शुरू होता है। साधारण भाषा में इसे “पानी बरसने वाला मौसम” भी कहा जाता है। इसे “मॉनसून” के नाम से भी जाना जाता है। भारत में वर्षा ऋतु मुख्यत: तीन महीने रहती है- जुलाई, अगस्त और सितंबर। वर्षा ऋतु वर्ष का वह समय होता है जब किसी क्षेत्र की अधिकांश औसत वार्षिक वर्षा होती है। आम तौर पर यह मौसम कम से कम एक महीने तक रहता है। चिलचिलाती गर्मी के मौसम के खत्म होने के बाद बारिश का मौसम आता है। यह वह समय है जब अधिकांश भागों में वर्षा होती है।
Varsha ritu mein kya khana chahiye
वर्षा ऋतु में खानपान का रखें ख्याल
इस मौसम में बारिश होने के कारण आस-पास के वातावरण में काफी गंदगी फ़ैल जाती है और इस गंदगी के कारण वातावरण में मच्छर, मक्खियाँ, कीड़े-मकोड़े जैसे हानिकारक जीवों की संख्या काफी बढ़ जाती है। अब इन सबके कारण संक्रमण होने का खतरा भी बढ़ जाता है। इस मौसम में नमी की मात्रा ज़्यादा होने के कारण वात दोष असंतुलित हो जाता है और पाचन शक्ति कमज़ोर हो जाती है। वर्षा के कारण पृथ्वी से निकलने वाली गैस, अम्लता की अधिकता, धूल और धुएँ से युक्त वात का प्रभाव भी पाचन-शक्ति पर पड़ता है। बीच-बीच में बारिश न होने से धूप की गर्मी बढ़ जाती है और शारीर में बेचैनी होने लगती है। इन सब कारणों से शरीर में पित्त दोष जमा होने लगता है जो बीमारियों को जन्म देता है। इन सब कारणों से व संक्रमण से मलेरिया, फाइलेरिया बुखार, जुकाम, दस्त, पेचिश, हैजा, आत्रशोथ (colitis), गठिया, जोड़ों में सूजन, उच्च रक्तचाप, फुंसियाँ, दाद, खुजली इत्यादि जैसे अनेक बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है। इन सब से बचने के लिए खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए
Varsha ritu mein kya khana chahiye
वर्षा ऋतु में क्या खाना चाहिए what to eat in rainy season in Hindi
- वर्षा-ऋतु में हल्के, सुपाच्य, ताज़े, गर्म और पाचक अग्नि को बढ़ाने वाले खाद्य-पदार्थों का सेवन करना चाहिए। ऐसी चीज़ों का सेवन करें जो वात को शांत करते हों।
- गेहूँ, जौ, चावल, मक्का (भुट्टा), सरसों, राई, खीरा, खिचड़ी, दही, मूँग खाएं। दालों में मूंग और अरहर की दाल खाना लाभकारी होता है।
- इस सीज़न में दूध, घी, शहद, जौ, गेंहू व साठी चावल खाएं। पेट का रोग न हो इसलिए सौंठ और नीबू खाएं। पानी को उबालकर पिएं।
- सब्जियों में लौकी, भिण्डी, तोरई, टमाटर और पुदीना की चटनी खाएं और सब्जियों का सूप पिएं।
- फलों में सेब, केला, अनार, नाशपाती, पके जामुन और पके देसी आम खाएं।
- सोंठ, काली मिर्च, तेजपत्ता, दालचीनी, जीरा, धनिया, अजवायन, राई, हींग, पपीता, नाशपाती, सूरन, परवल, बैंगन, सहजन, मूँग दाल, कुलथी, नींबू, करेला, पुनर्नवा, पुदीना, आँवला व तुलसी का सेवन लाभदायी है।
- आम और दूध का एक साथ सेवन करना इस मौसम में बहुत लाभकारी माना जाता है। यदि एक समय में भोजन के स्थान पर आम और दूध का उचित मात्रा में सेवन किया जाए तो शरीर में ताकत, सुडौलता और पुष्टि आती है।
- घी और तेल में बने नमकीन पदार्थ भी उपयोगी रहते हैं।
- दही की लस्सी में लौंग, त्रिकटु (सोंठ, पिप्पली और काली मिर्च), सेंधा नमक, अजवायन, काला नमक आदि डाल कर पीने से पाचन-शक्ति ठीक रहती है।
- लहसुन की चटनी व शहद को जल एवं अन्य पदार्थों (जो गर्म न हों), में मिला कर लेना उपयोगी है।
- पहले का खाया हुआ पच जाने पर जब खुलकर भूख लगे व शरीर में हलकापन लगे तभी दूसरा भोजन करें।
- इस मौसम में पानी को स्वच्छ रखने पर ज़्यादा ध्यान देना चाहिए क्योंकि संक्रमित या प्रदूषित पानी की वजह से हैजा, फूड पाइजनिंग जैसी कई बीमारियां हो सकती हैं इसलिए पानी को अच्छे से उबालकर फिर ठंडा करके पिएं या फ़िल्टर का प्रयोग करें।
Must read: त्वचा को खूबसूरत व ग्लोइंग बनाने के लिए रोज़ाना पिएं ये नेचुरल जूस
Varsha ritu mein kya nahi khana chahiye
वर्षा ऋतु में क्या न खाएं – what not to eat in rainy season in Hindi
इस मौसम में मन करता है कि कुछ चटपटा खाया जाए लेकिन आयुर्वेद के अनुसार इस मौसम में शरीर का वात बढ़ जाता है और इसलिए तीखे, नमकीन, तले-भुने खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे आपकी पाचन क्रिया प्रभावित हो सकती है। पाचन क्रिया सही रखने के लिए इनका सेवन न करें –
- कसैली चीज़े जैसे कि अखरोट, जौ और सूखी चीज़ें कम खाएं।
- हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, पत्तागोभी, मेथी आदि तथा पचने में भारी, वातवर्धक एवं बासी पदार्थ का सेवन न करें।
- इस मौसम में शराब, मांस, मछली और दही का सेवन न करें।
- गरम, तले हुए, रूखे, बासी, डबल रोटी, आटा लगा हुआ बिस्किट आदि स्वास्थय के लिए इस सीज़न में हानिकारक होता है।
- फास्ट फ़ूड से भी परहेज़ करना चाहिए।
- बैंगन, टमाटर और रेड मीट जैसी चीज़ें कम खाएं।
- चाय-कॉफी ज़्यादा न पिएं।
- उड़द, चना, अरहर, चौलाई, आलू, केला, अंकुरित अनाज, मैदा, मिठाई, शीतल पेय, आइसक्रीम, दही व सत्तू का सेवन न करें।
Must read: क्या है फाइबर, इसके फायदे और ज़्यादा फाइबर किन चीज़ों में मिलता है
वर्षा ऋतु में क्या न करें? – What not to do in rainy season
- चरक संहिता में बताया गया है कि दिन में सोना, ओस गिरते समय उसमें बैठना या घूमना एवं बारिश में भीगना हानि कर सकता है।
- रात्रि में खुले आकाश के नीचे नहीं सोना चाहिए। खुले आकाश में सोना खतरे से खाली नहीं है।
- स्नान के बाद शरीर को अच्छे से साफ करके सूखे कपड़े पहनना चाहिए।
- खुले बदन न घूमें।
- रात्रि में देर से भोजन न करें।
- रात्रि जागरण न करें।
- घंटों धूप में रहने से बचें।
- दिन में सोना भी ठीक नहीं।
- अधिक श्रम, अधिक व्यायाम न करें।
Must read: चुकंदर खाने के फायदे बेमिसाल, बीमारियों को रखता है कोसों दूर
Varsha ritu mein kya khana chahiye, हमारे फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर हमें फ़ॉलो करें और हमारे वीडियो के बेस्ट कलेक्शन को देखने के लिए, YouTube पर हमें फॉलो करें।
Disclaimer: This article is solely for informational purposes. Do not self-diagnose or self-medicate, and in all cases consult a certified healthcare professional before using any information presented in the article. The editorial board does not guarantee any results and does not bear any responsibility for any harm that may result from using the information provided in the article.