जानें अटल से मोदी तक, कैसे वक्त के साथ बढ़ता रहा बीजेपी का कारवां
History and journey of bjp in hindi – भारतीय जनता पार्टी आज भारत का प्रमुख राजनीतिक दल है। ये भारत की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है। बीते 38 सालों में भाजपा ने दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी का सफर तय किया। विपक्षी पार्टियों से मुकाबला करते हुए ये सफर तय करना बीजेपी के लिए आसान नहीं था। इस दौरान पार्टी को कई उतार-चढ़ाव से भी गुजरना पड़ा। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि इस पार्टी ने कब-कब चुनाव जीतकर इस कारवां को आगे बढ़ाया।
history and journey of bjp in hindi
1980 में हुई पार्टी की स्थापना
- साल 1952 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नेतृत्व में जनसंघ की स्थापना की गई। इसके बाद 1977 में कांग्रेस के विरोध में मोरारजी देसाई के नेतृत्व में जनता पार्टी की सरकार बनाई गई।
- जनसंघ भी इसमें शामिल थी। सरकार में दो मंत्री बने, अटल बिहारी वाजपेयी को विदेश मंत्रालय सौंपा गया और लालकृष्ण आडवाणी को सूचना प्रसारण मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई।
- लेकिन कुछ समय बाद जनता पार्टी में कलह शरू हो गया और जनसंघ ने खुद को सरकार से अलग कर लिया। इसके बाद 6 अप्रैल 1980 को जनसंघ पार्टी, भारतीय जनता पार्टी में बदल गई और यहीं से शुरु हुआ बीजेपी की कारवां।
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1984 में बीजेपी ने पहली बार चुनाव लड़ा
- 1980 में बीजेपी के गठन के बाद पार्टी ने पहला आम चुनाव 1984 में लड़ा था। तब बीजेपी को केवल दो सीटों पर ही कामयाबी मिली थी।
- इसके बाद लालकृष्ण आडवाणी ने राम मंदिर आंदोलन छेड़ दिया। राम जन्मभूमि आंदोलन ने पार्टी को ताकत दी। लिहाजा 1986 में लालकृष्ण आडवाणी को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया गया।
1989 में बीजेपी 85 सीटों से जीतीं
- 1989 में भाजपा को बड़ी कामयाबी तब मिली जब पार्टी ने लोकसभा में अकेले 85 सीटे जीतीं।
- इस चुनाव में जनता दल को भी 143 सीटों पर जीत मिली थी। कांग्रेस के ख़िलाफ़ सारी राजनीतिक पार्टियों ने मिलकर चुनाव लड़ा था, जिसकी वजह से कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा।
- चुनाव के बाद बीजेपी और सीपीएम के समर्थन से केंद्र में सरकार बनाई गई और वीपी सिंह को देश का प्रधानमंत्री बनाया गया।
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1991 में 120 सीटों पर कब्ज़ा किया
- साल 1991 में हुए आम चुनावों में बीजेपी ने पहली बार अकेले दम पर 120 सीटों पर कब्जा जमा लिया। इस समय भाजपा देश की दूसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बनकर उभरी थी।
- उस समय पार्टी के युवा चेहरे के रूप में अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, मुरली मनोहर जोशी और प्रमोद महाजन प्रमुख थे।
- 1991 में मुरली मनोहर जोशी ने तिरंगा यात्रा निकाली थी। इस यात्रा का सारथी नरेंद्र मोदी को बनाया गया था। ये यात्रा 26 जनवरी 1992 को श्रीनगर में तिरंगा फहराकर खत्म होनी थी।
1996 में भाजपा ने 161 सीटें जीती
- 1996 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 161 सीटें मिली थी। बीजेपी पहली बार कांग्रेस को पछाड़कर नंबर एक बनी और वाजपेयी प्रधानमंत्री बने।
- लेकिन सिर्फ 13 दिनों में ही उनकी सरकार गिर गई। इस्तीफे के साथ वाजपेयी ने लोकसभा में अपना ऐतिहासिक भाषण दिया था।
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1998 में जीतीं 182 सीटें
- 1998 के मध्यावधि चुनाव में भाजपा ने सहयोगी दलों के साथ एनडीए बनाकर चुनाव लड़ा और अकेले 182 सीटे जीत ली।
- भाजपा ने पहली बार सहयोगियों के साथ एनडीए की सरकार बनाई, लेकिन ये सरकार सिर्फ 13 महीने ही चल सकी और फिर गिर गई।
1999 में 5 साल के लिए सरकार बनाई
- बीजेपी ने 1999 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन बनाकर लोकसभा चुनाव लड़ा। इस गठबंधन में 20 से अधिक दल शामिल हुए थे।
- इस गठबंधन को 294 सीटों पर जीत मिली। बीजेपी की झोली में 182 सीटें आई।
- चुनाव के बाद एक बार फिर से अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बनाए गए और इस दौरान उन्होंने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा किया।
2004 में नहीं बना पाई सरकार
- 2004 में समय से छह महीने पहले ही चुनाव कराया गया, लेकिन इस चुनाव में एनडीए को हार का सामना करना पड़ा।
- भाजपा ने केवल 136 सीटें जीती थी। चुनाव के बाद कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए की सरकार बन गई। हार के बाद आडवाणी फिर पार्टी अध्यक्ष बने।
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2008 में कर्नाटक में सरकार बनाई
- 2008 में भाजपा ने दक्षिण राज्य कर्नाटक में पहली बार सरकार बनाई।
- लेकिन 2009 का लोकसभा चुनाव भाजपा हार गई और सीटें घटकर 116 हो गईं।
2014 में फिर चला बीजेपी का जादू
- 2014 लोकसभा चुनाव बीजेपी के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण था। ये बीजेपी के लिए सबसे अहम साल था।
- इस चुनाव में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने 282 सीटों पर जीत हासिल की। मोदी ने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा और चुनाव जीतने के बाद नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री की शपथ ली।
2019 में 303 सीटों से जीत हासिल की
- 2019 के लोकसभा चुनाव में 437 सीटों पर लड़ी भाजपा को 303 सीटें मिलीं। यह अब तक का भाजपा का सबसे अच्छा प्रदर्शन है।
- इस बार भी मुख्यमंत्री की शपथ नरेंद्र मोदी ही लेंगे और अपना नया कार्यकाल शुरु करेंगे।
- कुछ मिलाकर भाजपा का ये राजनीतिक सफर बहुत ही उम्दा रहा है और आगे भी ये पार्टी ऐसे ही लोगों के हित में कार्य करती रहेगी।
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