Importance of kanya pujan in navratri – जानिए नवरात्रि में कन्या पूजन का महत्व
Importance of kanya pujan in navratri – हिंदू धर्म के अनुसार तीन वर्ष से लेकर नौ वर्ष तक की कन्याएं साक्षात माता का स्वरूप मानी जाती हैं। नवरात्र में अष्टमी और नवमी के दिन कन्याओं का पूजन किए जाने की परंपरा है। जानें क्या है नवरात्रि में कन्या पूजन का महत्व|Importance of kanya pujan in navratri
महत्व – Importance of kanya pujan in navratri – kanya pujan ka mahatva in hindi
- नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन का विशेष महत्व है। नौ कन्याओं का नौ देवियों के रुप में पूजन करने के बाद ही नवरात्रि का पर्व पूरा माना जाता है। जो लोग पूरे नौ दिन का व्रत करते हैं वह कन्या पूजन करने के बाद ही प्रसाद ग्रहण करके व्रत खोलते हैं|
- शास्त्रों के अनुसार कन्या पूजन के लिए दुर्गाष्टमी के दिन को सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण और शुभ माना गया है| कन्याओं को भोग लगाकर उन्हें दक्षिणा भी दी जाती है। ऐसा करने से माता दुर्गा प्रसन्न होती हैं और भक्तों की सारी परेशानियां दूर करती हैं।
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कितनी कन्याओं का पूजन किया जाता है – Kanya Pujan Vidhi
- कन्या पूजन में कम से कम 9 कन्याएं और एक बालक होना चाहिए। बालक को हनुमान जी का रूप माना जाता है। नवरात्रि में दो साल से लेकर दस साल तक की कन्याओं का पूजन करने का विशेष महत्व है। इनकी पूजा से धन, सुख-समृद्धि और आयु में वृद्धि होती है।
आयु अनुसार कन्या रूप का पूजन – Kanya Pujan Vidhi
- शास्त्रों के अनुसार दो वर्ष की कन्या को कुमारी कहते हैं| कुमारी के पूजन से दुख और दरिद्रता दूर होती है|
- तीन वर्ष की कन्या त्रिमूर्ति रूप मानी जाती है| इनके पूजन से धन-धान्य और परिवार में सुख-समृद्धि आती है|
- चार वर्ष की कन्या को कल्याणी माना जाता है| इनकी पूजा से परिवार का कल्याण होता है|
- पांच वर्ष की कन्या रोहिणी कहलाती है| रोहिणी को पूजने से व्यक्ति रोगमुक्त हो जाता है|
- छह वर्ष की कन्या को कालिका रूप कहा गया है| कालिका रूप से विद्या, विजय, राजयोग की प्राप्ति होती है|
- सात वर्ष की कन्या का रूप चंडिका है| चंडिका रूप का पूजन करने से ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है|
- आठ वर्ष की कन्या शाम्भवी कहलाती है| इनका पूजन करने से वाद-विवाद में विजय प्राप्त होती है|
- नौ वर्ष की कन्या दुर्गा कहलाती है| इनका पूजन करने से शत्रुओं का नाश और रुके हुए कार्य पूरे होते हैं|
- दस वर्ष की कन्या सुभद्रा कहलाती है| ये भक्तों की सारी मनोकामना पूर्ण करती हैं|
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कन्या पूजन विधि – Kanya Pujan Vidhi
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- कन्याओं को कन्या भोज के लिए आमंत्रित करें।
- गृह प्रवेश पर कन्याओं का पूरे परिवार के साथ स्वागत करें और दुर्गा के नौ नामों के जयकारे लगाएं।
- कन्याओं के पैरों को पानी से धोकर उनका आशीर्वाद लें।
- इसके बाद उन्हें स्वच्छ जगह पर बिठाएं।
- कन्याओं के माथे पर अक्षत, फूल और कुंकुम का टीका लगाएं।
- मां भगवती का ध्यान करके कन्याओं को पूड़ी, हलवा, चना इत्यादि का भोजन कराएं।
- अपने सामर्थ्य के अनुसार उन्हें दक्षिणा दें और उनके पैर छूकर आशीर्वाद लें।
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