भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन का वो सितारा,जिसने देश के लिए किया सर्वस्व न्यौछावर
Interesting facts about lala lajpat rai – Lala lajpat rai biography in hindi – देश के स्वतंत्रता आंदोलन में लाला लाजपतराय का महत्वपूर्ण योगदान रहा। भारत की आज़ादी के लिए लाला लाजपत राय ने कठोर तपस्या और मेहनत की| वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Indian National Congress) के गरम दल के प्रमुख नेता थे, उन्हें ‘पंजाब के शेर’ की उपाधि भी मिली थी इसलिए इन्हें ‘पंजाब केसरी’ भी कहा जाता है। तो चलिए आज आपको लाला लाजपत राय के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बाते बताते हैं |
Interesting facts about lala lajpat rai | लाला लाजपत राय फैक्ट्स – Lala lajpat rai biography in hindi
- लाला लाजपत राय का जन्म पंजाब के मोगा जिले में हुआ। इनके पिता का नाम लाला राधाकृष्ण और माता का नाम गुलाब देवी था|
- अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने हरियाणा के रोहतक और हिसार से वकालत की। कॉलेज के दिनों से ही ये स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा स्थापित आर्य समाज से जुड़ गए थे |
- यह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के गरम दल के प्रमुख नेता थे।
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- लाजपतराय, बाल गंगाधर तिलक और बिपिन चंद्र पाल ने सबसे पहले भारत में पूर्ण स्वतंत्रता की मांग की, जिसके बाद पूरे देश ने इनका साथ देने का फैसला किया|
- लाजपत राय ने स्वामी दयानन्द सरस्वती के साथ मिलकर आर्य समाज को पंजाब में लोकप्रिय बनाया।
- लाला हंसराज एवं कल्याण चन्द्र दीक्षित के साथ दयानन्द एंग्लो वैदिक विद्यालयों की शुरुआत की जिसे अब डीएवी स्कूल व कालेज के नाम से जाना जाता है|
- कई बार लालाजी अकाल शिविर लगाकर निस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा करते थे |
- आज़ादी के महानायक लाला लाजपत राय साल 1882 में पहली बार आर्य समाज के लाहौर वार्षिक उत्सव में शामिल हुए|
- 3 मई 1907 को रावल पिंडी में लाला लाजपत राय को अशांति फैलाने के जुर्म में गिरफ्तार कर लिया गया और 6 महीने तक जेल में रखा गया|
- लालाजी 1908 में इंग्लैंड गए और वहां भारतीय छात्रों को राष्ट्रवाद के लिए जागरूक किया। इससे पहले उन्होंने 1913 में जापान व अमेरिका की यात्राएं भी की और देश की आज़ादी के पक्ष को जताया।
- साल 1920 में इन्हें नेशनल कांग्रेस का प्रेसिडेंट बनाया गया| इस दौरान लोगों ने उन्हें नेशनल हीरो कहना शुरू कर दिया था। इसके बाद उन्होंने लाहौर में सर्वेन्ट्स ऑफ पीपल सोसाइटी का गठन किया, जो नॉन-प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन था।
- साल 1921 से लेकर 1923 तक लालाजी को मांडले जेल में कैद किया गया, जहां से आने के बाद उन्होंने साम्प्रदायिक समस्याओं पर ध्यान देना शुरू किया, जिससे ब्रिटिश सरकार पर उनका दबदबा बनने लगा|
- 30 अक्टूबर 1928 को इन्होंने लाहौर में साइमन कमीशन के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान वह लाठी-चार्ज में बुरी तरह से घायल हो गए और 17 नवंबर 1928 को उनकी मृत्यु हो गयी |
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- उनके जीवन की सबसे कठिन परीक्षा तब थी जब खिलाफत आन्दोलन और जलियांवाला बाग हत्या कांड के विरोध में असहयोग आन्दोलन की पूरी कमान उनके हाथों में सौंपी गयी|
- हर भारतीय क्रांतिकारी लालाजी को अपना गुरु, आदर्श मानते थे| उनकी मृत्यु के बाद चंद्रशेखर आज़ाद, भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव व अन्य क्रांतिकारियों ने लालाजी पर जानलेवा लाठीचार्ज का बदला लेने का निर्णय किया।
- लालाजी की मौत के बदले अंग्रेजी अफसर की हत्या कर दी, जिसके लिए राजगुरु, सुखदेव और भगत सिंह को फाँसी की सज़ा सुनाई गई।
- स्वतंत्र सेनानी होने के साथ-साथ लाला लाजपत राय एक लेखक भी थे| लालाजी ने हिन्दी भाषा में शिवाजी, श्रीकृष्ण और कई महापुरुषों की जीवनियां लिखीं।
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- इनकी सबसे फेमस किताब “यंग इंडिया” के नाम से प्रसिद्ध हुई |
- हिंदी भाषा का मान बढ़ाने के लिए लालाजी ने बहुत काम किया,पंजाब में हिंदी का प्रचार प्रसार किया| इसके साथ ही देश में हिन्दी लागू करने के लिये हस्ताक्षर अभियान चलाया।
- पंजाब नैशनल बैंक और लक्ष्मी बीमा कम्पनी के संस्थापक भी लाल लाजपत राय थे|
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