Jyeshta maas me kya kare aur kya nahi – जानिए ज्येष्ठ माह में क्या करें और क्या नहीं करें
Jyeshta maas me kya kare aur kya nahi – Do’s and Don’ts in Jyeshtha Month – हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ तीसरा महीना होता है। ज्येष्ठ या जेठ माह को गर्मी का महीना भी कहा जाता है। इस महीने में जल की पूजा की जाती है और इस माह में जल को लेकर दो त्योहार मनाए जाते हैं, पहला गंगा दशहरा और दूसरा निर्जला एकादशी। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार इस साल 17 मई 2022 से ज्येष्ठ का महीना जिसे जेठ का महीना कहा जाता है आरंभ हो गया है। इस माह में जल को बचाने का प्रयास किया जाता है। शास्त्रों के मुताबिक इस माह में कुछ विशेष कार्य करने और कुछ विशेष कार्य न करने के विषय में बताया गया है जिनके माध्यम से आप यश वैभव प्राप्त कर सकते हैं और निरोगी काया का भी अद्भुत फल प्राप्त कर सकते हैं। इस महीने प्रकृति में जल बचाने का संदेश दिया जाता है। तो चलिए जानते हैं कि साल में आने वाले जेठ के महीने में आपको क्या करना चाहिए और क्या करने से बचना चाहिए।
Jyeshta maas me kya kare aur kya nahi – Do’s and Don’ts in Jyeshtha Month
जेठ के महीने में आप यह कार्य बिल्कुल भी ना करें
दिन के समय सोना
- ऐसा माना जाता है कि ज्येष्ठ मास में दिन के समय सोना अशुभ होता है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति जेष्ठ के महीने में दिन में सोता है वह रोगी होता है। इसके साथ ही इन दिनों में दोपहर में बाहर निकलना तथा चलना मना है। माना जाता है कि इस समय धूप में चलने से व्यक्ति बीमार हो सकता है और उसे कई प्रकार के रोग लग सकते हैं।
बैंगन खाने से लगता है दोष
- ज्येष्ठ के महीने में बैंगन खाने से दोष लगता है। कहा जाता है कि जिनके जेष्ठ संतान जीवित होती हैं उन्हें बैंगन खाने से बचना चाहिए। ज्येष्ठ महीने में बैंगन खाना संतान के लिए शुभ नहीं माना जाता है इसलिए इस महीने में आपको बैंगन नहीं खाने चाहिए।
Jyeshta maas me kya kare aur kya nahi
विवाह अशुभ माना जाता है
- इस ज्येष्ठ के महीने में ज्येष्ठ पुत्र और ज्येष्ठ पुत्री का विवाह करना वैवाहिक जीवन के लिए शुभ नहीं माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस महीने में बड़े पुत्र और पुत्री का विवाह नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से धार्मिक जीवन में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही संतान को भी आगे कष्ट होता है।
पशु पक्षियों की सेवा करें
- ज्येष्ठ के महीने में यदि आप अपने ग्रह दशा को शांत करना चाहते हैं तो पशु पक्षियों की सेवा करें, उन्हें बेवजह परेशान ना करें। देवी देवताओं के जो वाहन हैं उनका सम्मान करना चाहिए और उनकी पूजा अर्चना करने से भगवान भी प्रसन्न होते हैं।
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Jyeshta maas me kya kare aur kya nahi
जेठ के महीने में आप यह कार्य अवश्य करें..
एक समय भोजन करना चाहिए
- यदि संभव हो तो ज्येष्ठ के महीने में एक समय में भोजन करना चाहिए। महाभारत के अनुशासन पर्व में लिखा है कि ज्येष्ठामूलं तु यो मासमेकभक्तेन संक्षिपेत्। ऐश्वर्यमतुलं श्रेष्ठं पुमान्स्त्री वा प्रपद्यते।। अर्थात ज्येष्ठ के महीने में जो व्यक्ति एक समय भोजन करता है वह धनवान होता है। ज्येष्ठ के महीने में एक समय में भोजन करने से व्यक्ति स्वस्थ रहता है और चिकित्सक रूप से भी उसे लाभ प्राप्त होता है।
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तिल का दान करें
- शिव पुराण में कहा गया है कि इस महीने में तिल का दान करने से आकाल मृत्यु का सामना नहीं करना पड़ता है। जो भी व्यक्ति इस महीने तिल का दान करता है उसे आकाल मृत्यु से मुक्ति मिलती है और स्वास्थ्य संबंधी बाधाएं दूर होती हैं।
बेल खाना चाहिए
- इस माह बेल खाना चाहिए या बेल का जूस पीना चाहिए। इस माह में ज़्यादा से ज़्यादा पानी पीना चाहिए।
हनुमान जी की पूजा करें
- ज्येष्ठ के महीने में श्री रामजी से हनुमान जी की मुलाकात हुई थी इसलिए यह ज्येष्ठ का महीना हनुमानजी को बेहद प्रिय है। इस महीने में रामजी और हनुमानजी की पूजा करना शुभ माना जाता है। इस महीने में ही बड़ा मंगलवार मनाया जाता है जिसमें हनुमानजी की पूजा होती है। यदि आप इस महीने हनुमान जी की सच्ची श्रद्धा के साथ पूजा करते हैं तो आपको विशेष लाभ प्राप्त होगा।
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