Kalpi Ki Lanka Minar – लंका मीनार, यहां भूलकर भी भाई – बहन न जाएं एक साथ
Kalpi ki lanka minar – आज हम आपको भारत की एक ऐसी अनोखी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जहां भाई – बहन को एक साथ जाने की मनाही है। यह जगह उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में कालपी नाम से जानी जाती है। यहां एक मीनार है जिसे लंका मीनार कहा जाता है। इसमें रावण और उसके पूरे परिवार की प्रतिमा सजी हुई हैं। मगर यहां की अद्भुत प्रथा के कारण कोई भी भाई – बहन यहां एक साथ नहीं जा सकते। तो चलिए जानते हैं लंका मीनार के बारे में।
Kalpi ki lanka minar – लंका मीनार की कहानी – Lanka Minar ki kahani
किसने बनवाया लंका मीनार? – Kalpi ki lanka minar
- लंका मीनार को मथुरा प्रसाद नाम के एक व्यक्ति ने बनवाया था। मथुरा प्रसाद ने कई वर्षों तक रामलीला में रावण का किरदार निभाया था।
- रावण के किरदार से वो इतने प्रभावित हो गए थे कि उन्हें रावण से लगाव हो गया और उन्होंने उनकी याद में लंका मीनार बनवा दी।
- इस मीनार का निर्माण साल 1857 में शुरु हुआ और इससे बनने में करीब 20 वर्षों का समय लगा। लंका मीनार यमुना के दाहिने किनारे पर है।
- यह कानपुर से 78 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है।
Lanka Minar story in hindi
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लंका मीनार से जुड़ी रोचक बातें – Kalpi ki lanka minar
- लंका मीनार देखने में कुछ-कुछ कुतुब मीनार जैसी लगती है। यह मीनार रावण को समर्पित है।
- लंका मीनार की ऊंचाई 210 फीट है। इसे बनाने में करीब 1 लाख 75 हज़ार रुपये से ज़्यादा का खर्च आया था। उस समय यह बहुत बड़ी रकम मानी जाती थी।
- इस मीनार में 100 फीट ऊंचे कुंभकर्ण और 65 फुट ऊंचे मेघनाथ की प्रतिमा बनी हुई है। मीनार के अंदरुनी भाग में रावण से जुड़े कई चित्र देखने को मिलेंगे।
- इसके परिसर में एक शिव मंदिर भी है जिसे इस तरह बनवाया गया कि रावण को हमेशा भगवान शंकर के दर्शन होते रहे।
- इस मीनार को बनाने में उड़द की दाल, शंख और कौड़ियों का इस्तेमाल किया गया है।
- रावण का किरदार निभाने के साथ-साथ मथुरा प्रसाद ने खुद भी कई बार रामलीला का आयोजन किया था।
- मीनार के परिसर में एक 170 फ़ीट लंबे नाग देवता और 95 फ़ीट लंबी नागिन मुख्य द्वार पर विराजित हैं।
- हर साल नाग पंचमी के दिन यहां भव्य मेला और दंगल आयोजित किया जाता है।
- कुतुब मीनार के बाद लंका मीनार सबसे ऊंची मीनारों में गिनी जाती है।
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इस मीनार में भाई – बहन एक साथ क्यों नहीं जा सकते? – Kalpi ki lanka minar
- मीनार के सबसे ऊपरी छोर तक पहुंचने के लिए कम से कम सात बार परिक्रमा करनी पड़ती है जिसे यहां सात फेरों के समान माना जाता है। यही वजह है कि किसी भी भाई – बहन को एक साथ इस मीनार पर नहीं जाने दिया जाता।
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