Kamada ekadashi puja vidhi muhurat in Hindi – पापों से मुक्ति पाने के लिए ज़रूर करें कामदा एकादशी का व्रत
Kamada Ekadashi Puja Vidhi Muhurat in Hindi – हिन्दू शास्त्रों के अनुसार एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु अपने भक्तों से प्रसन्न होकर उन्हें मनोवांछित फल प्रदान करते हैं। चैत्र शुक्ल पक्ष की एकादशी को कामदा एकादशी के रूप में जाना जाता है। पूरे साल कुल 24 एकादशी पड़ती हैं जिसमें से एक कामदा एकादशी है| इस साल यह व्रत 12 अप्रैल 2022 को रखा जाएगा। तो चलिए आपको कामदा एकादशी की पूजा विधि, कथा और मुहूर्त के बारे में बताते हैं
Kamada ekadashi puja vidhi muhurat in Hindi । कामदा एकादशी पूजा विधि
महत्व । Kamada ekadashi ka mahatva
इस व्रत का बहुत महत्व है। यह व्रत करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिल जाती है। भगवान विष्णु के भक्तों को यह व्रत ज़रूर करना चाहिए। इसे करने से मनुष्य भगवान विष्णु के धाम बैकुंठ को प्राप्त करता है।
मुहूर्त | Kamada ekadashi shubh muhurat 2022
- कामदा एकादशी, 12 अप्रैल 2022
- एकादशी तिथि आरंभ: 12 अप्रैल, मंगलवार प्रातः 04:30
- एकादशी तिथि समाप्त: 13 अप्रैल, बुधवार प्रातः 05:02 तक
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Kamada Ekadashi Puja Vidhi Muhurat in Hindi
कामदा एकादशी कथा | Kamada ekadshi katha in hindi – Kamada ekadashi katha pdf hindi
प्राचीन समय में भागीपुर नामक एक नगर था, जिस पर पुण्डरीक नाम का एक राजा राज्य करता था। राजा पुण्डरीक सभी प्रकार के यश, वैभव और धन से परिपूर्ण था| उसी नगर में ललित और ललिता नाम के गायन विद्या में पारन्गत गन्धर्व स्त्री-पुरुष भी रहते थे| उन दोनों में इतना प्रेम था कि वे अलग हो जाने की कल्पना मात्र से परेशान हो जाते थे| एक बार राजा पुण्डरीक गन्धर्वों सहित सभा में विराजमान थे। वहाँ गन्धर्वों के साथ ललित भी गायन कर रहा था| उस समय ललिता वहाँ नहीं थी| तब ललित के मन में उसकी पत्नी का ख्याल आ गया जिसके कारण वह गलत और अशुद्ध गायन करने लगा| नागराज कर्कोटक ने राजा पुण्डरीक से उसकी शिकायत की। इस पर राजा को गुस्सा आया और क्रोधवश ललित को श्राप दे दिया| राजा ने कहा गायन के समय तुमने अपनी पत्नी को याद किया इसलिए तुम अब नरभक्षी दैत्य बनकर अपने कर्मों का फल भोगोगे| ललित गन्धर्व उसी समय दैत्य के रूप में बदल गया,जिसके कारण वह अनेक दुख भोगने लगा| उसकी हालत देखकर उसकी पत्नी विलाप करने लगी और उसकी मुक्ति का उपाय सोचने लगी| एक दिन ललिता अपने पति के पीछे-पीछे चलते हुए विन्ध्याचल पर्वत पर पहुँच गई। उस स्थान पर उसने श्रृंगी मुनि का आश्रम देखा और अपनी परेशानी श्रृंगी मुनि को सुनाई और अपने पति का राक्षस योनि से मुक्ति का उपाय पूछा। सारी बात सुनकर मुनि श्रृंगी ने उसे कामदा एकादशी के व्रत के बारे में बताया| कहा पूरे विधि विधान से इस व्रत को कर के अगर इसका पुण्य अपने पति को दोगी तो वह राक्षस योनि से मुक्त हो जायेगा| व्रत के फलस्वरूप उसे अपना पति पुरानी अवस्था में प्राप्त हुआ|
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Kamada Ekadashi Puja Vidhi Muhurat in Hindi
कामदा एकादशी व्रत विधि (Kamada Ekadashi Vrat Vidhi in Hindi)
- कामदा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
- इसके बाद भगवान विष्णु का फल, फूल, दूध, पंचामृत, तिल आदि से पूजन करें।
- भगवान विष्णु का पाठ करें।
- पारण के दिन भगवाग की आरती करके ब्राह्मण को भोजन कराएं। दक्षिणा देकर ब्राह्मण को विदा करने के बाद भोजन ग्रहण कर उपवास खोले।
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