Krishna Janmashtami Vrat – कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत भक्तों को हज़ार एकादशी का देगा फल
Krishna Janmashtami Vrat – Krishna Janmashtami 2022 in hindi – पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण ने धरती पर जन्म लिया था। इस तिथि को भक्तजन श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के रूप में मनाते हैं और जन्माष्टमी का व्रत रखते हैं। प्रत्येक वर्ष इस दिन जन्माष्टमी बड़ी ही धूम-धाम और उत्साह के साथ मनाई जाती है। हमारे वेदों और पुराणों में इस व्रत के महत्व के बारे में कुछ बहुत ज़रुरी बातें बताई गई हैं। ब्रह्मवैवर्त पुराण कहा गया है कि इस पृथ्वी पर रहने वाला जो प्राणी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत करता है, वह सौ जन्मों के पापों से मुक्त हो जाता है। वहीं गर्भवती महिलाओं द्वारा व्रत रखे जाने को लेकर भविष्यपुराण में बताया गया है कि जो गर्भवती महिला जन्माष्टमी का व्रत करती है, उनका गर्भ ठीक से पेट में रह सकता है और ठीक समय जन्म लेता है।
Krishna Janmashtami 2022 in hindi – Krishna Janmashtami Vrat
- जन्माष्टमी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करना चाहिए।
- स्नान करने वाले जल में गंगाजल की दो चार बूंदें और काले तिल मिला देना चाहिए।
- स्नान करने के बाद साफ वस्त्र पहने। उसके बाद घर के मंदिर की साफ – सफाई करें।
- घर के मंदिर में दीप जलाएं। दिन भर व्रत रखकर रात को पूजा स्थल पर भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप की प्रतिमा स्थापित पर कर विधि-विधान से पूजा करें।
- इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप यानी लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है।
- जन्माष्टमी के दिन लोग भगवान श्रीकृष्ण के लिए व्रत रखते हैं और रात में 12 बजे श्रीकृष्ण के जन्म के समय व्रती उनका पूजन करते हैं।
- इस दिन रात्रि पूजा का महत्व होता है, क्योंकि भगवान श्री कृष्ण का जन्म रात में हुआ इस दिन भगवान श्री कृष्ण को 56 भोग अर्पित किए जाते हैं।
- पीले कपड़े, पीले फूल, इत्र और तुलसी पत्र, मोर पंख भी चढ़ाएं और लड्डू गोपाल की आरती करें।
- अब प्रसाद बांटे। इस तरह की पूजा घर पर भी की जा सकती है।
- इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीज़ों का भोग लगाया जाता है। इस दिन घर पर या मंदिर में बाल गोपाल को झूले में झुलाने की भी परंपरा है। शास्त्रों में इस व्रत को 100 पापों से मुक्त करने वाला व्रत बताया गया है।
Krishna Janmashtami 2022 in hindi – Krishna Janmashtami Vrat
हज़ारों एकादशी के समान होता है यह व्रत – शास्त्रों में एकादशी के व्रत को श्रेष्ठ व्रतों में से एक माना जाता है। एकादशी का व्रत हज़ारों-लाखों पाप नष्ट करने वाला अदभुत ईश्वरीय वरदान है। यह व्रत करना काफी कठिन होता है लेकिन धार्मिक ग्रंथों में जन्माष्टमी का व्रत हजार एकादशी व्रत रखने के पुण्य के बराबर माना गया है। ऐसे में आप जन्माष्टमी का व्रत रखकर एकादशी के समान पुण्य अर्जित कर सकते हैं।
अकाल मृत्यु से रक्षा – इस व्रत के बारे में भविष्य पुराण में लिखा है कि जन्माष्टमी का व्रत अकाल मृत्यु नहीं होने देता है। जो जन्माष्टमी का व्रत करते हैं, उनके घर में गर्भपात नहीं होता और गर्भ में पल रहे शिशु को भगवान सुखी और स्वस्थ रहने का आशीर्वाद देते हैं।
Krishna Janmashtami 2022 in hindi
जाप से मिलता है अनंत गुना फल – धार्मिक शास्त्रों में जन्माष्टमी के दिन व्रत करने वालों के लिए ध्यान, जाप और रात्रि जागरण का विशेष महत्व बातया गया है। माना जाता है कि इस दिन जाप और ध्यान करने का अनन्त गुना फल प्राप्त होता है इसलिए जन्माष्टमी की रात में जागरण करके भगवान के भजन कीर्तन करने चाहिए।
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