Kushmanda mata vrat katha pdf – नवरात्रि के चौथे दिन पढ़ें माता कूष्माण्डा की कथा
kushmanda mata vrat katha pdf – kushmanda mata ki katha in hindi – हिन्दू समाज में हर वर्ष विभिन्न प्रकार के पर्व मनाए जाते हैं। विभिन्न पर्वों की विभिन्न मान्यताएं हैं। इसी के साथ ही हिन्दू समाज में नवरात्रि का पर्व भी देवी पूजा के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। नवरात्रि के इन नौ दिनों में नौ देवियों की पूजा अर्चना की जाती है। इन नौ दिनों में, भिन्न भिन्न पूजा विधि तथा कथाएं की जाती हैं। आज हम आपके लिए नवरात्रि के चतुर्थ दिन की कथा लेकर प्रस्तुत हुए हैं। नवरात्रि के चतुर्थ दिन की कथा आपके नवरात्रि के पर्व को मंगलमय बनाएगा। kushmanda mata vrat katha pdf
kushmanda mata vrat katha pdf – kushmanda mata ki katha in hindi
माता कूष्माण्डा की कथा – kushmanda mata ki katha in hindi
नवरात्रि का चौथा दिन माता कूष्माण्डा को समर्पित है। अपनी मनमोहक मुस्कान से इस ब्रह्मांड का निर्माण करने के कारण इन्हें देवी कूष्माण्डा के नाम से विख्यात किया गया। जिस समय सृष्टि का निर्माण नहीं हुआ था तथा चारों ओर अंधकार का वास था तब देवी कूष्माण्डा ने ही अपने ईशत हास्य के माध्यम से ब्रह्मांड की सरंचना की। उनकी इस अद्भुत लीला की वजह से उन्हें सृष्टि की आदिस्वरूपा या आदिशक्ति का नाम दिया गया। देवी कुष्मांडा की अष्ट भुजाएं हैं इसलिए उन्हें अष्टभुजा देवी भी कहा जाता है। देवी कूष्माण्डा अथवा अष्टभुजा के हाथों में क्रमशः कमंडल, धनुष, बाण, कमल पुष्प, अमृत पूर्ण कलश, चक्र तथा गदा है। इसके साथ ही देवी कूष्माण्डा के आठवें हाथ में सिद्धियों तथा निधियों को प्रदान करने वाली जप माला धारण हैं। देवी कूष्माण्डा का प्रिय वाहन सिंह है। देवी कूष्माण्डा को कुम्हड़े की बलि अत्यंत प्रिय है। संस्कृत भाषा में कुम्हड़े को कुष्मांड कहते हैं। इस कारण भी देवी को कूष्माण्डा कहते हैं।
Must Read: नवरात्रि के चौथे दिन ले माँ कूष्माण्डा का आशीर्वाद
kushmanda mata vrat katha pdf
देवी कूष्माण्डा का सूर्यमंडल के अंदर लोक में निवास करती हैं। सूर्यमंडल में निवास करने की शक्ति मात्र इन्हीं देवी के पास है। इनका तेज़ सर्वव्यापी है। जगत का हर प्राणी, मनुष्य इन्हीं के तेज़ से उज्ज्वल है। इनकी कांति, ओज तथा दिव्य स्वरूप सर्व लोक में उजागर है। ब्रह्मांड का कण – कण देवी कूष्माण्डा की शक्ति का प्रतीक है। देवी कुष्मांडा की सच्चे मन से पूजा करने वाले भक्तों को शक्ति, तेज़ प्राप्त होता है। यह देवी भक्ति तथा सेवा से प्रसन्न होकर आशीर्वाद तथा मनोकामना को सिद्ध करती हैं।
Must Read: Maa Kushmanda mantra, katha and aarti in Hindi and English
kushmanda mata vrat katha pdf
उम्मीद करते हैं कि आपको उपरोक्त लिखित नवरात्रि के चतुर्थ दिन की कथा विस्तार पूर्वक समझ आई होगी। इसके माध्यम से आपके नवरात्रि का चौथा दिन बेहद मंगलमय तथा शुभमंगल गुज़रेगा।
Must Read: Durga Aarti : आरती श्री अम्बा जी
kushmanda mata vrat katha pdf, हमारे फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर हमें फ़ॉलो करें और हमारे वीडियो के बेस्ट कलेक्शन को देखने के लिए, YouTube पर हमें फॉलो करें।