बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन की बायोग्राफी और अचीवमेंट्स
Lakshya Sen biography and achievements
– भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने सिर्फ 16 साल की उम्र में एशियन जूनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम कर लिया| पूरे 53 साल बाद भारत को इस चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल मिला है। लक्ष्य सेन ने चैंपियनशिप 2018 में इतिहास रच दिया।
1971 के राष्ट्रीय चैंपियनशिप में बेंगलुरु के 16 साल के लड़के प्रकाश पादुकोण ने जूनियर बॉयज सिंगल्स और मेंस सिंगल्स का टाइटल अपने नाम कर इतिहास रचा था| लेकिन अब लक्ष्य सेन ने प्रकाश पादुकोण को पीछे छोड़ते हुए सबसे कम उम्र में नेशनल गेम्स के फाइनल में पहुंचने का रिकॉर्ड अपने नाम किया है|
1- लक्ष्य सेन का जन्म उत्तराखंड के अल्मोड़ा में 16 अगस्त 2001 को हुआ था|
2- लक्ष्य सेन ने जकार्ता में एशियन जूनियर चैम्पियनशिप के फाइनल में मौजूदा जूनियर विश्व चैम्पियन थाईलैंड के कुनलावुत वितिदसरन को सीधे गेम में हराकर यह खिताब जीता और ये खिताब जीतने वाले तीसरे भारतीय खिलाड़ी बन गए।
3- इससे पहले लक्ष्य ने सेमीफाइनल में चौथी सीड इंडोनेशिया के इखसान लियोनार्डो इमानुएल रुमबे को 21-7, 21-14 से हराया था।
4-लक्ष्य ने प्री-क्वार्टर फाइनल मुकाबले में भी एचएस प्रणॉय को आखिरी गेम में 21-19 से हराया था। ये जीत इसलिए भी खास है क्योंकि प्रणॉय ने प्रीमियर बैडमिंटन लीग में लगातार 7 मैच जीते हैं और कई विदेशी खिलाड़ियों को भी हराया है।
5- लक्ष्य सेन इस प्रतियोगिता में भारतीय टीम के कप्तान भी थे। एक कप्तान द्वारा जब ऐसा खेल दिखाया जाए, तो ये गर्व की बात है।
6- लक्ष्य ने पिछले साल इस टूर्नामेंट में कांस्य पदक भी जीता था।
7- लक्ष्य अब तक जूनियर सिंगल टाइटल में अंडर 13, अंडर 17, अंडर 19 का खिताब अपने नाम कर चुके हैं, इसके साथ ही उन्होंने कई इंटरनेशनल मेडल जीते हैं।
8- सीनियर लेवल पर लक्ष्य ने पहली बार साल 2016 में इटानगर में हुई ऑल इंडिया सीनियर चैंपियनशिप में अपनी पहचान बनाई थी। उन्होंने सैट्स इंडिया इंटरनेशनल सीरीज का खिताब जीत कर सीनियर लेवल पर अपना पहला खिताब हासिल किया।
9- लक्ष्य को अब ओलंपिक 2020 के लिए एक इंटरनेशनल कंपनी स्पॉन्सर करेगी, जो विराट, मैरीकॉम और सायना नेहवाल जैसे दुनिया के भर के 100 खिलाड़ियों को स्पॉन्सर करती है।
विरासत में मिला खेल
10- लक्ष्य को विरासत में मिला ये टैलेंट। लक्ष्य के पिता डीके सेन भारत के जाने माने बैडमिंटन कोच हैं। अल्मोड़ा के रहने वाले लक्ष्य को ऊंचाई पर रहने का भी फायदा हुआ, इस कारण उनके पैर काफी मजबूत हैं।
11- 2010 में लक्ष्य, जो उस समय 10 साल के भी नहीं थे, अपने पिता के साथ यूनियन बैंक ऑल इंडिया बैडमिंटन सब जूनियर बैडमिंटन टूर्नामेंट में जाते थे। उस समय उनके बड़े भाई चिराग उस टूर्नामेंट में खेलते थे।
12- अपने पिता और भाई को देखकर लक्ष्य मे भी खेलने का जज़्बा जागा और उन्होंने ट्रेनिंग लेनी शुरु कर दी।
13- लक्ष्य को प्रकाश पादुकोण ने खेलने की ट्रेनिंग दी है। लक्ष्य को पहली बार खेलते देख प्रकाश काफी प्रभावित हुए और तभी से उन्होंने लक्ष्य को ट्रेनिंग देना शुरु कर दिया था।
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