Lohri 2021: क्यों मनाया जाता है लोहड़ी का त्योहार, क्या है इसके पीछे की मान्यता
Lohri 2021 – हर साल 13 जनवरी को लोहड़ी का पर्व मनाया जाता है। लोहड़ी भारत का एक लोकप्रिय त्यौहार है। इस त्यौहार को लोग हर्षोल्लाष के साथ मनाते हैं। पंजाबियों के लिए लोहड़ी का उत्सव खास महत्व रखता है। लोहड़ी की रात को खुले आसमान के नीचे आग जलाई जाती है। इस दिन लोग ढोल नगाड़ों के साथ आग के चारों तरफ परिक्रमा लगाते हुए दुल्ला भट्टी की कहानी बोलते हैं। तो चलिए आपको बताते हैं इस त्योहार के पीछे की मान्यता|
Lohri 2021 – लोहड़ी का महत्व
- लोहड़ी शब्द तीन टुकड़ों को मिलाकर बना है| ल यानी लकड़ी, ओह यानी सूखे उपले और ड़ी यानी रेवड़ी| इन तीनों टुकड़ों को मिलाकर लोहड़ी बनता है|
- लोहड़ी के दिन पौष माह का अंत होता है और माघ माह की शुरुआत हो जाती है|
- पंजाब के कई लोग लोहड़ी को अपना नया साल भी मानते हैं| इस दिन ही वह अपनी नई फसल की पूजा करते हैं और गन्ने की कटाई की जाती है|
Lohri 2021
विवाहित जीवन के लिए शुभ
- यह पर्व विवाहित लड़कियों के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है| इस दिन लड़कियों की माँ उन्हें कपड़े और मिठाइयाँ भेंट करती हैं|
- नवविवाहित जोड़े लोहड़ी की अग्नि के चक्कर लगाते हैं ताकि उनका विवाहित जीवन खुशहाल रहे|
- अग्नि को हिंदू धर्म में पवित्र माना गया है इसलिए लोहड़ी की अग्नि सारी बुरी चीज़ें दूर करके जीवन में खुशहाली लाती है|
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Lohri 2021
परम्परा और मान्यता
- परम्परा के अनुसार गाँव के बच्चे लोहड़ी की अग्नि के लिए एक महीने पहले ही लकड़ी और उपले इकठ्ठा करने लगते हैं|
- इस दिन अग्नि में तिल, रेवड़ी, मूंगफली और गुड़ डालना काफी शुभ माना जाता है|
- मान्याताओं के अनुसार अग्नि में इन चीज़ों को डालने से इसका अंश देवताओं तक भी पहुँचता है|
Lohri 2021
पौराणिक कथाएं
- धारणाओं की मानें तो माता सती के योगाग्नि-दहन को याद करते हुए ही लोहड़ी के दिन अग्नि जलाई जाती है|
- पौराणिक गाथाओं में लोहड़ी को होलिका की बहन भी बताया गया है| लोहड़ी अच्छी व्यक्तित्व की थीं इसलिए उनकी पूजा की जाती है|
दुल्ला भट्टी की मशहूर कहानी
- लोहड़ी के साथ दुल्ला भट्टी की कहानी भी जुड़ी है| इतना ही नहीं लोहड़ी के लोक गीतों में भी दुल्ला भट्टी का ज़िक्र होता है| लोक-मान्यताओं के अनुसार दुल्ला भट्टी नामक एक व्यक्ति अकबर के शासनकाल के समय पंजाब में रहता था| दुल्ला भट्टी मुगलों की कैद से हिंदू लड़कियों को रिहा करवाता था| इतना ही नहीं वह परंपरागत तरीके से उनकी शादी भी करवाता था| यही कारण है कि लोहड़ी के गीतों में उनका ज़िक्र आता है|
Lohri 2021 shubh muhurat
मुहूर्त
- लोहड़ी बुधवार, जनवरी 13, 2021
- लोहड़ी संक्रान्ति का क्षण – 08:29, जनवरी 14
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