जब धरती पर बढ़ा पाप, तब भगवान विष्णु ने लिया वराह अवतार

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Lord Vishnu Varaha avatar story in Hindi – जबजब धरती पर कोई संकट आया है तबतब भगवान विष्णु ने अलग- अलग अवतार धारण कर दुनिया की रक्षा की है। विष्णु भगवान के अब तक 23 अवतार धरती पर आ चुके हैं, लेकिन कहा जाता है कि अभी उनका 24वां अवतार आना बाकी है। आज हम आपको उनके वराह अवतार के बारे में बताने जा रहे हैं।

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ऐसे लिया भगवान विष्णु ने वराह अवतार

  • दिती और कश्यप के पुत्र के रूप में हिरण्याक्ष और हिरण्यकशिपु ने जन्म लिया। ये बड़े होकर राक्षस बने और इन्होंने पूरी धरती पर अपना अधिकार कर लिया।
  • हिरण्याक्ष को ब्रह्माजी का अजय और अमरता का वरदान प्राप्त था, जिस वजह से कोई भी देवता उसे हराने में सफल नही हो सका।
  • हिरण्याक्ष वरदान पाकर उद्दंड और स्वेच्छाचारी बन गया। जिस वजह से उसने तीनों लोकों को जीतने की योजना बनाई।

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  • इसी योजना के साथ वह हाथ में गदा लेकर इंद्रलोक में जा पहुंचा। देवताओं को जब हिरण्याक्ष के आने की खबर मिली तो वे सभी ​इंद्रलोक छोड़ कर भाग गए।
  • इंद्रलोक में किसी को ना पाकर हिरण्याक्ष वरुणनगरी जा पहुंचा। वहां पहुंचकर हिरण्याक्ष ने वरुण देव से युद्ध की याचना करते हुए कहा, ‘हे वरुण देव आपने जगत के सम्पूर्ण दैत्यों तथा दानवों पर विजय प्राप्त किया है। मैं आपसे युद्ध की भिक्षा माँगता हूँ।
  • आप मुझसे युद्ध करके अपने युद्ध कौशल का प्रमाण दें। उस दैत्य की बात सुन कर वरुण देव ने कहा, ‘अरे भाई अब लड़ने का चाव नहीं रहा है और तुम जैसे बलशाली वीर से लड़ने के योग्य अब हम रह भी नहीं गए हैंतुम को तो यज्ञपुरुष नारायण के पास जाना चाहिए, वे ही तुमसे लड़ने योग्य हैं

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  • वरुण देव की बात सुनकर दैत्य ने नारद से नारायण विष्णु जी का पता पूछा। नारद ने उसे बताया कि नारायण विष्णु इस समय वाराह का रूप धारण कर पृथ्वी को रसातल से निकालने के लिए गए हैं।
  • ये बात सुनकर हिरण्याक्ष रसातल में वराह से आक्रमण करने के लिए पृथ्वी पहुंच गए।
  • हिरण्याक्ष भगवान वराह को अपने दाढ़ पर रख कर पृथ्वी तक लेकर आए और फिर भगवान वराह और हिरण्याक्ष के बीच भंयकर युद्ध हुआ।
  • इस भंयकर युद्ध में भगवान वराह ने हिरण्याक्ष का अंत कर दिया और पृथ्वी को उसके बंधन से मुक्त कर दिया।
  • भगवान विष्णु के मुख्य अवतार मत्स्य अवतार, कूर्म अवतार, वराह अवतार, नृसिंह अवतार, वामन अवतार, परशुराम अवतार, राम अवतार, कृष्ण अवतार, बुद्ध अवतार और कल्कि अवतार हैं।

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