Major Festivals Of Uttarakhand – उत्तराखंड के प्रमुख त्यौहार
Major Festivals Of Uttarakhand – भारत के अन्य राज्यों की तरह उत्तराखंड में भी होली दीपावली, दशहरा आदि त्यौहार मनाए जाते हैं, लेकिन उत्तराखंड के कुछ प्रमुख त्यौहार हैं जिसे वहां के लोग बड़ी धूम धाम से मनाते हैं। उत्तराखंड के प्रमुख त्यौहार
- बसंत पंचमी
उत्तराखंड में बसंत पंचमी को सिर पंचमी या जौं पंचमी भी कहते हैं। इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनने की परंपरा है। बसंत पंचमी के दिन मंदिर और घरों को गाय के गोबर से लीपा जाता है साथ ही धूप, दिया जलाकर जौं के खेतों की पूजा की जाती है, बाद में थोड़ा-सा जौं काटकर घर लाया जाता है। जौं के पौधों को मिट्टी, गाय के गोबर का गारा बनाकर घरों की चौखट पर चिपकाया जाता है और परिवार के सदस्य सिर पर जौं के तिनकों को हरेले की तरह रखकर आशीर्वाद देते हुए गाना गाते हैं।
- हरेला
हरेला का मतलब हरियाली का दिन होता है। इस दिन किसान अच्छी फसल के लिए भगवान से प्रार्थना करते हैं। भगवान शिव और देवी पार्वती के विवाह के दिन को उत्तराखंड के लोग हरेला त्यौहार के रूप में मनाते हैं।
- वटसावित्री
इसका व्रत ज्येष्ठ कृष्ण की अमावस्या को होता है। यह व्रत विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं। वटसावित्री में सत्यवान और सावित्री की कहानी सुनाई जाती कि कैसे सावित्री यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राण वापस लाई थी। महिलाएं इस दिन सोलह श्रृंगार करती हैं।
- घुघुतिया
मकर संक्रांति के दिन उत्तराखंड में घुघुतिया भी मनाया जाता है। इस दिन हर घर में आटा, सूजी, नारियल और ड्राइ फ्रूट्स मिलाकर घुघते बनाए जाते और इन्हें काले कौए को खिलाया जाता है।
- फूलदेई
उत्तराखंड में सर्दी और गर्मियों के मौसम के बीच फ्यूंली, बुरांश और बासिंग के पीले, लाल, सफेद फूल खिलते हैं। लोग सुबह उठकर इन फूलों को इकट्ठा करते हैं|लकड़ी की टोकरी में फूल, गुड, चावल और नारियल डालकर गांव के लोगों के घरों के मुख्यद्वार पर डालकर घर की खुशहाली के लिए प्रार्थना करते हैं और गाना गाते हैं।
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