Masik Shivratri 2022: जानें मासिक शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
Masik shivratri puja vidhi in hindi – Masik shivratri puja vidhi katha muhurat – हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है। यह दिन भगवान शंकर को समर्पित है| ऐसा माना जाता है कि शास्त्रों के अनुसार देवी लक्ष्मी, इन्द्राणी, सरस्वती, गायत्री, सावित्री, सीता, पार्वती और रति ने भी मासिक शिवरात्रि का व्रत किया था। इस बार मासिक शिवरात्रि 24 सितंबर 2022 को मनाई जाएगी।
क्यों मनाते हैं मासिक शिवरात्रि? – kyon manate hai Masik Shivratri – Masik shivratri puja vidhi in hindi
- भारतीय पौराणिक कथाओं के अनुसार महा शिवरात्रि के दिन आधी रात में भगवान शिव लिंग रूप में प्रकट हुए थे इसलिए महा शिवरात्रि को भगवान शिव के जन्मदिन के रूप में जाना जाता है। इस रूप में प्रकट होने के बाद इनकी पूजा सबसे पहले भगवान ब्रह्मा और विष्णु जी ने की थी। तब से लेकर अब तक पूजा उनके जन्मदिवस के रूप में की जाती है। श्रद्धालु शिवरात्रि के दिन शिवलिंग की पूजा करते हैं।
- अमांत पञ्चाङ्ग के अनुसार माघ माह की मासिक शिवरात्रि को महा शिवरात्रि कहते हैं। मगर पुर्णिमांत पञ्चाङ्ग के अनुसार फाल्गुन माह की मासिक शिवरात्रि को महा शिवरात्रि कहते हैं।
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महत्व | mehtava – Masik shivratri puja vidhi – Masik shivratri puja vidhi katha muhurat
- मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और सभी रुके हुए काम पूरे होते हैं। मासिक शिवरात्रि का व्रत शुरु करने वाले महा शिवरात्रि से इसे शुरू कर सकते हैं|
- इसे एक साल तक करना ज़रुरी माना जाता है| जिन लोगों की शादी नहीं हुई वह लोग भी इसे कर सकते हैं| इस दिन व्रत करने से भगवान भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं और सारे दुख दूर करते हैं।
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शुभ मुहूर्त | Shubh Muhurat – Masik shivratri puja vidhi – Masik shivratri puja vidhi katha muhurat
- मासिक शिवरात्रि, 24 सितंबर 2022
- प्रारम्भ – 02:30 ए एम, सितम्बर 24
- समाप्त – 03:12 ए एम, सितम्बर 25
पूजा विधि | Masik shivratri puja vidhi – Masik shivratri puja vidhi katha muhurat
- प्रात: काल स्नान कर लें |
- मंदिर जाकर भगवान शिव का रुद्राभिषेक करें |
- उसके बाद शिव की प्रतिमा पर धतूरा, फूल, फल, बेल के पत्ते, मिठाई, दूध, शहद, धूप, पान के पत्ते, चंदन आदि चढ़ाकर पूजा करें।
- व्रत का संकल्प लें और दिन में दो बार फलाहार करें |
- शिवरात्रि पूजन मध्य रात्रि के दौरान भी ज़रूर करना चाहिए।
- शाम को स्नान करके शिव पुराण, शिव पंचाक्षर, शिव स्तुति, शिव अष्टक, शिव चालीसा, शिव रुद्राष्टक और शिव श्लोक का पाठ करें|
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