क्यों मनाई जाती है मोहिनी एकादशी, जानें इसके पीछे की कथा और शुभ मुहूर्त
Mohini Ekadashi 2019 – वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहा जाता है। मोहिनी एकादशी का व्रत करने से बहुत ही पुण्य फल की प्राप्ति होती है। आज यानि कि 15 मई को इस एकादशी का व्रत रखा जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु की आराधना की जाती है। तो चलिए आपको बताते हैं क्यों मनाई जाती है मोहिनी एकादशी, जानें इसके पीछे की कथा और शुभ मुहूर्त।
कब मनाई जाती है मोहिनी एकादशी?
- हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत महत्व है। वैशाख शुक्ल की एकादशी तिथि को मोहिनी एकादशी मनाई जाती है। आज यानि कि 15 मई को मोहिनी एकादशी मनाई जा रही है।
- मान्यता है कि इस दिन जो भी भक्त पवित्र मन से व्रत रखते हैं उनके सारे दुख दूर हो जाते हैं और वो सांसारिक मोह-माया और बंधनों से ऊपर उठ जाते हैं।
ये भी पढ़ें- भगवान शिव पर क्यों चढ़ाया जाता है धतूरा, क्या है इसके पीछे की कहानी
इस एकादशी का नाम कैसे पड़ा मोहिनी एकादशी?
- पौराणिक मान्यताओं के अनुसार समुद्र मंथन के बाद जब अमृत पीने के लिए देवता और दानवों के बीच विवाद छिड़ गया था।
- तब भगवान विष्णु सुंदर स्त्री मोहिनी का रूप धारण करके दानवों के बीच पहुंच गए। इनके इस मोहिनी रूप को देखकर दानव मोहित हो गए और उन्होंने अमृत का कलश उन्हें सौंप दिया।
- भगवान विष्णु ने सारा अमृत देवताओं को पिला दिया, जिससे सारे देवता अमर हो गए।
- जिस दिन भगवान विष्णु मोहिनी रूप में प्रकट हुए थे उस दिन एकादशी तिथि थी। भगवान विष्णु के इसी मोहिनी रूप की पूजा मोहिनी एकादशी के दिन की जाती है।
ये भी पढ़ें- मई 2019 राशिफल, जानिए क्या कहते हैं इस महीने आपके तारे-सितारे
क्या है मोहिनी एकादशी की कथा?
- मोहिनी एकादशी व्रत को लेकर एक कथा कही जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार प्राचीन समय में सरस्वती नदी के किनारे भद्रावती नाम की एक नगरी थी।
- उस नगरी में धृतिमान नामक राजा राज्य करता था। उसी नगरी में धनपाल नाम का एक वैश्य रहता था, जो धन-धान्य से परिपूर्ण था।
- वह सदा पुन्यकर्म में ही लगा रहता था और भगवान विष्णु का परम भक्ति था। उसके पाँच पुत्र थे।
- धृष्ट्बुद्धि उसका पांचवा पुत्र था,जो हमेशा गलत कार्य करता था और बड़े-बड़े पापों में संलग्न रहता था।
- एक दिन उसके पिता ने तंग आकर उसे घर से निकाल दिया और वह दर दर भटकने लगा।
- इसी प्रकार भटकते हुए वह महर्षि मुनिवर कौँन्डिन्य के आश्रम जा पहुँचा और हाथ जोड़ कर महर्षि से बोला हे ‘ब्रह्मन मैने बहुत पाप किए हैं, मुझ पर दया करके कोई ऐसा व्रत बताइये, जिसके पुण्य के प्रभाव से मेरी मुक्ति हो।
- तब कौँन्डिन्य बोले वैशाख के शुक्ल पक्ष में ‘मोहिनी‘ एकादशी का व्रत करो। इस उपवास को करने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं।‘
- मुनि की यह बात सुनकर धृष्ट्बुद्धि प्रसन्न हो गया और उसने विधिपूर्वक ‘मोहिनी एकादशी‘ का व्रत किया।
- इस व्रत को करने से वह सभी पापों से मुक्त हो गया और और अन्त में वह गरुड़ पर सवार हो विष्णुलोक चला गया।
- इस प्रकार यह ‘मोहिनी‘ का व्रत बहुत उत्तम है। इस व्रत को रखने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और फल प्राप्त होता है।
ये भी पढ़ें- ये हैं प्रमुख 12 ज्योतिर्लिंग, इन स्थानों पर भगवान शिव वास करते हैं
शुभ मुहूर्त
- 14 मई दोपहर 12 बजकर 59 मिनट से शुभ मुहूर्त शुरू हो गया है। 15 मई 2019 को सुबह 10 बजकर 35 मिनट पर एकादशी का शुभ मुहूर्त समाप्त हो जाएगा।
- 16 मई को द्वादशी समाप्त होने के समय सुबह 5 बजकर 34 मिनट से लेकर 8 बजकर 15 मिनट के शुभ मुहूर्त पर व्रत का पारण किया जाएगा।
ये भी पढ़ें- क्यों मनाई जाती है अक्षय तृतीया, जानें पूजा का महत्व और शुभ मुहूर्त
To read more stories like Mohini Ekadashi 2019, do follow us on Facebook, Twitter, and Instagram.