Myth and facts about covid19 – कोरोना वायरस से जुड़े मिथक और उनका सच, यहां जानें सबकुछ
Myth and facts about covid19 – चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ कोरोना वायरस का संक्रमण अब वैश्विक महामारी बन चुका है। पूरे देश में इसका प्रकोप हर दिन बढ़ रहा है। अमेरिका में इस संक्रमण से मरने वालों की संख्या बढ़कर 150 का आंकड़ा पार कर गई है जबकि 10,000 लोग इससे संक्रमित हैं। वहीं भारत के विभिन्न हिस्सों से कोरोना वायरस के 19 नए मामले सामने आने के बाद इससे संक्रमित लोगों की संख्या गुरुवार को 167 हो गई। कोरोना वायरस की दहशत आम लोगों के बीच बढ़ती जा रही है। ऐसे में कोरोना की सावधानियों के बीच ऐसी कई अफवाह भी हैं, जो लोगों के बीच फैल रही हैं। तो आइए, जानते हैं क्या है मिथक और उनकी सच्चाई।
Myth and facts about covid19 – कोरोना वायरस से जुड़े मिथक – Myth and facts about Coronavirus
मिथक : गर्म मौसम और नमी में नहीं फैलता कोरोना।
सच : लोगों के बीच ये अफवाह फैली हुई है कि गर्म मौसम में कोरोना नहीं फैलता।विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि कोरोनावायरस कहीं भी, किसी भी क्षेत्र फैल सकता है। गर्म और नम मौसम में भी। इंफेक्शन से बचने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि आप बार-बार साबुन और पानी से अच्छी तरह से हाथ धोते रहें। इसके साथ ही हैंड सैनिटाइजर यूज करें जिसमें 60 से 70 प्रतिशत अल्कोहल हो।
मिथक :कोरोना वायरस गर्म पानी से नहाने पर मरता है ।
सच : गर्म पानी से नहाने से कोरोना वायरस पर कोई असर नहीं होता। इससे वह मरता नहीं है क्योंकि बॉडी तापमान तो 36.5 से 37 डिग्री से. ही होता है।
मिथक :कोरोना वायरस मच्छर काटने से फैलता है ।
सच : विश्व स्वास्थय संगठन का कहना है कि अभी तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है, जिससे कि इस बात की पुष्टि हो सके कि मच्छर के शरीर में यह वायरस रह सकते हैं या नहीं। न्यू कोरोनावायरस एक रेस्पिरेटरी वायरस है, जो मुख्य रूप से किसी संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या किसी तरह से संपर्क में आने से फैलता है।
Myth and facts about covid19
मिथक : कोरोना वायरस हैंड ड्रायर्स से मरता है।
सच : ऐसी भी अफवाह उड़ रही हैं कि हाथ धोने के बाद हैंड ड्रायर्स का इस्तेमाल करने से कोरोना वायरस मर जाता है, लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है। हैंड ड्रायर्स से कोरोना वायरस नहीं मरते।
मिथक : शरीर पर एल्कोहल/क्लोरीन स्प्रे से कोरोना वायरस मरता है।
सच : शरीर पर अल्कोहल या क्लोरीन स्प्रे को सिर्फ बचाव के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन जिस व्यक्ति के शरीर में कोरोना वायरस प्रवेश कर चुके हैं, उसे इन चीजों का इस्तेमाल करके नहीं मारा जा सकता।
मिथक : सैलाइन से नाक साफ करने से बचाव होता है।
सच :इसके बारे में अभी कुछ कहा नहीं जैा सकता है। वैसे लगातार सैलाइन से नाक साफ करने से कोरोनावायरस से बचाव हो सकता है। सैलाइन से लगातार नाक साफ करने से लोग जुकाम से जल्दी रिकवर कर जाते हैं।
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मिथक :कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लहसुन खाएं
सच : लहसुन को कोरोना वायरस के बचाव में उपयोगी नहीं माना गया है।
मिथक : फेस मास्क वायरस से बचाता है।
सच : जो कोरोना पीड़ित के आसपास काम करते हैं, उन्हें ही N95 मास्क की ज़रूरत है। आम लोग, जिनमें कोई लक्षण नहीं है, उन्हें किसी मास्क की ज़रूरत नहीं है। किसी भी तरह के वायरस के खतरे से बचने के लिए अगर आप मास्क का इस्तेमाल करते हैं तो यह फायदेमंद है।
मिथक : कोरोना वायरस से सबसे ज़्यादा खतरा बुजुर्गों को है।
सच : न्यू कोरोनावायरस (2019-nCoV) से हर उम्र के लोग संक्रमित हैं। ऐसा नहीं है कि ये सिर्फ बुजुर्गों और बच्चों या कम उम्र के लोगों को संक्रमित करता है। यह कहा जा सकता है कि जो बुज़ुर्ग अस्थमा, डायबिटीज या दिल की बीमारी से ग्रसित हैं उन लोगों पर वायरस का खतरा ज़्यादा है।
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