Navjot Singh Sidhu Biography in Hindi – जानिए किस केस में नवजोत सिंह सिद्धू को सुनाई गई 1 साल की सज़ा
Navjot Singh Sidhu Biography in Hindi – Navjot Singh Sidhu – भारतीय क्रिकेट टीम के बल्लेबाज एवं कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू का विवादों से पुराना नाता रहा है। राजनीति में आने से पहले ‘सिक्सर सिद्धू’ के नाम से मशहूर नवजोत सिंह सिद्धू कई बार विवादों में घिर चुके हैं। रोड रेड विवाद भी उनके करियर के दौरान की ही घटना है। इस मामले में उन्हें एक साल की जेल हुई है। क्रिकेट में भी उनके विवाद कम नहीं रहे हैं। तो आइये हम आपको उन्हीं के बारे में बताते हैं।
Navjot Singh Sidhu Biography in Hindi
किस केस में मिली सिद्धू को एक साल की सज़ा – आखिर क्या है पूरा मामला
27 दिसंबर 1988 को पार्किंग को लेकर सिद्धू का एक विवाद हुआ था जिसमें 65 साल के एक बुज़ुर्ग की मौत हो गई थी। रिपोर्टस के अनुसार ये पूरा मामला पटियाला का है। 27 दिसंबर 1988 को सिद्धू और उनके एक दोस्त रूपिंदर सिंह संधू ने पटियाला में शेरनवाला गेट क्रॉसिंग के पास सड़क के बीच में ही अपनी गाड़ी पार्क की हुई थी, 65 वर्षीय गुरनाम सिंह भी वहां अपनी कार से आए थे और उन्होंने सिद्धू को वहां से एक तरफ हटने के लिए कहा। इसके बाद सिद्धू ने गुरनाम सिंह की पिटाई कर दी। इस हाथापाई के बाद सिद्धू ने भागने से पहले सिंह की कार की चाबी भी निकाल कर फेंक दीं। इसके बाद गुरनाम सिंह को अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई। खबरों की माने तो डॉक्टर ने गुरनाम सिंह की मौत का कारण सिर में चोट और दिल का दौरा पड़ने से हुई है।
2006 में मिली थी 3 साल की सज़ा
इस मामले में सिद्धू और उनके दोस्त को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने गैर इरादतन हत्या का दोषी मानते हुए 3-3 साल की सज़ा दी थी, लेकिन जुलाई 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने रूपिंदर सिंह संधू को पूरी तरह बरी कर दिया जबकि सिद्धू को मारपीट का दोषी मानते हुए सिर्फ 1 हज़ार रुपए का आर्थिक जुर्माना लगाया। इसके खिलाफ मृत गुरनाम सिंह का परिवार सुप्रीम कोर्ट गया और परिवार ने फैसले पर पुनर्विचार (रिव्यू पिटीशन) की मांग की।
13 सितंबर 2018 को कोर्ट ने पुनर्विचार की याचिका को विचार के लिए स्वीकार कर लिया लेकिन तब कोर्ट ने यह साफ कर किया था कि वह सिर्फ सज़ा बढ़ाने की मांग पर विचार करेगा। इसका मतलब यह था कि सिद्धू पर गैर इरादतन हत्या के आरोप में दोबारा सुनवाई नहीं होगी। सुनवाई से ठीक पहले सिद्धू ने अपने वकील के ज़रिए कोर्ट से गुहार लगाई है कि उन्हें जेल भेजकर सज़ा न दी जाए। सिद्धू के वकील ने अदालत से उनके परोपकारी कार्यों, सामाजिक कल्याण, ज़रूरतमंदों की मद्द, विवादहीन राजनीतिक और खेल करियर को देखते हुए नरम रुख अपनाने का आग्रह किया।
अब कोर्ट ने बदला अपना फैसला
मृतक के परिवार की तरफ से इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार (रिव्यू पिटीशन) याचिका के बाद कोर्ट ने अपना फैसला बदलकर उन्हें एक साल की सज़ा सुनाई है।
Navjot Singh Sidhu Biography in Hindi
नवजोत सिंह सिद्धू का जीवन परिचय
- नवजोत सिंह सिद्धू का जन्म 20 अक्टूबर 1963 को भारत में पंजाब प्रान्त के पटियाला जिले में हुआ। वे एक जाट सिख परिवार से हैं।
- नवजोत सिंह सिद्धू के पिता का नाम सरदार भगवंत सिंह तथा उनकी मां का नाम निर्मल सिद्धू है।
- उनके पिता भी एक क्रिकेटर थे, इसके साथ ही वह पंजाब के अटॉर्नी जनरल भी रहे।
- नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी का नाम डॉ. नवजोत कौर सिद्धू तथा बेटे का नाम करण और बेटी का नाम राबिया है।
- नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पटियाला के यादविंद्र पब्लिक स्कूल से पूरी की। इसके बाद उन्होंने मोहिंद्र कॉलेज, पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ से अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरी की।
नवजोत सिंह सिद्धू का क्रिकेट करियर
- नवजोत सिंह सिद्धू ने 1983 से लेकर 1999 तक 17 साल क्रिकेट खेला और एक मंझे हुए खिलाड़ी रहे। 1983 के दौरान टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने अपना पहला मैच वेस्ट इंडीज़ की टीम के विरुद्ध अहमदाबाद में खेला, जिसमें वे सिर्फ़ 19 ही रन बना पाये थे।
- इसके बाद उन्हें 1987 के विश्व कप क्रिकेट की इंडियन टीम में शामिल किया गयाष इस दौरान उन्होंने कुल पाँच में से चार मैच खेले और प्रत्येक मैच में अर्धशतक ठोका।
- उनका पहला शतक पाकिस्तान के खिलाफ था, जो 1989 में शारजाह के क्रिकेट मैदान में बनाया गया।
- इंग्लैण्ड के खिलाफ 1993 में उन्होंने ग्वालियर के मैदान पर नॉट आउट रहते हुए 134 रन बनाये। उनका ये स्कोर एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में सर्वश्रेष्ठ स्कोर था।
- 1999 में क्रिकेट से सन्यास के बाद मीडिया को दिये एक इंटरव्यू में सिद्धू ने कहा था कि “एक क्रिकेट समीक्षक की टिप्पणी से आहत होकर वे क्रिकेट को अलविदा कह रहे हैं अन्यथा उनका खेल इतना बुरा नहीं था।
उनके क्रिकेट करियर के कुछ रोचक तथ्य –
- सिद्धू ने तीन बार 1993, 1994 और 1997 के दौरान प्रति वर्ष 500-500 से अधिक टेस्ट रन बनाये।
- प्रथम श्रेणी मैच में मात्र 104 गेंदे खेलकर बनाये गये 286 रन उनके जीवन का सर्वश्रेष्ठ स्कोर है।
- 1994 में वेस्ट इंडीज़ दौरे के दौरान उन्होंने एकदिवसीय मैचों में 884 रन बनाये और पाँच शतक ठोकने वाले पहले भारतीय होने का गौरव भी प्राप्त किया।
- सिद्धू के जीवन के बेहतरीन क्षण तब आये जब 1996-97 में वेस्ट इंडीज़ के ख़िलाफ़़ टेस्ट क्रिकेट में 11 घण्टे लम्बी पारी खेलकर उन्होंने 201 रन बनाये।
- 1993-94 में श्रीलंका के खिलाफ आठ छक्कों की मद्द से 124 रनों की धुआँधार पारीखेली।
- 1997-98 में ऑस्ट्रेलिया की टीम के विरुद्ध चार-चार अर्द्धशतक उनके यादगार कारनामे हैं।
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राजनैतिक करियर
- सिद्धू साल 2004 में राजनीति में आये तथा भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर 2004 का लोकसभा चुनाव जीता, और अमृतसर से सांसद बने।
- जब वे सांसद बन गये थे तब उनके खिलाफ पुराने केस की फाइल खोल दी गयी। दिसम्बर 2006 में अदालत के अन्दर उनपर मुकदमा चलाया गया, जिसमें उन्हें तीन साल कैद की सज़ा सुनायी गयी।
- सज़ा का आदेश आते ही उन्होंने जनवरी 2007 को लोकसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया, और उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की।
- फरवरी 2007 में उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुये उच्चतम न्यायालय ने निचली अदालत द्वारा दी गयी सज़ा पर रोक लगा दी और सिद्धू को अमृतसर लोकसभा सीट से दोबारा चुनाव लड़ने की इजाज़त दे दी गई।
- इसके बाद 2007 में उन्होंने कांग्रेस पार्टी के सुरिन्दर सिंगला को भारी अन्तर से हराकर अमृतसर की यह सीट पुनः हथिया ली।
- 2009 में उन्होंने अमृतसर की सीट पर तीसरी बार जीत हांसिल की। इसके बाद अप्रैल, 2016 में सिद्धू राज्यसभा के सांसद बनाए गए, लेकिन उन्होंने मात्र 3 महीने बाद अपना इस्तीफा दे दिया।
- 2016 में भाजपा छोड़ने के बाद, 2017 में नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली।
- इसके बाद साल 2019 में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कैबिनेट में बदलाव करते हुए सिद्धू का मंत्रिमंडल बदल दिया। इसके विरोध में नवजोत सिंह सिद्धू ने कोई भी पदभारग्रहण किए बिना ही इस्तीफा दे दिया।
- 2021 में पंजाब कांग्रेस ने नवजोत सिंह सिद्धू को अपना नया ‘कैप्टन’ प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। पंजाब 2022 के विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब के कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।
Navjot Singh Sidhu Biography in Hindi
कमेंटेटर और टी.वी. करियर
- जब भारतीय क्रिकेट टीम 2001 में श्रीलंका के दौरे पर गयी तो सिद्धू ने बतौर कमेंटेटर ‘निम्बूज स्पोर्टज़’ के लिये काम किया था। बाद में उन्हें ई.पी.एन.एस. स्टार स्पोर्ट्स ने अपने चैनल पर अनुबन्धित कर लिया और वे “वन लाइनर कॉमेडी” करने लगे। उन्हें इस कार्य से अपार लोकप्रियता भी हासिल हुई।
- ई.एस.पी.एन. से अलग होने के बाद वे टेन स्पोर्ट्स से जुड़ गये और क्रिकेट समीक्षक के नये रोल में टी.वी. स्क्रीन पर दिखाई देने लगे। सिद्धू ने कई सालों तक कॉमेडी शो ‘द ग्रेट इन्डियन लाफ्टर चैलेन्ज’ में जज की भूमिका निभाई। इसके अलावा वे ‘पंजाबी चक दे’ नामक सीरियल में भी काम कर चुके हैं। बिग बॉस के छठे सीज़न में भी इन्होंने अपना जलवा दिखाया।
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