Navratri ke pehle din maa shailputri ki puja ki jaati hai – नवरात्र के पहले दिन क्यों की जाती है शैलपुत्री की पूजा
Navratri ke pehle din maa shailputri ki puja ki jaati hai. दुर्गा जी पहले स्वरूप में मां शैलपुत्री के नाम से जानी जाती हैं| नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है| जानिए नवरात्र के पहले दिन क्यों की जाती है शैलपुत्री की पूजा?
Navratri ke pehle din maa shailputri ki puja ki jaati hai
- पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री रूप में उत्पन्न होने के कारण इनका नाम ‘शैलपुत्री’ पड़ा। कथा के अनुसार देवी पार्वती शिव से विवाह के पश्चात कैलाश पर्वत पर चली गई थीं, लेकिन वो हर साल नौ दिन के लिए अपने मायके यानी पृथ्वी पर आती थीं|
- नवरात्र के पहले दिन पर्वतराज अपनी पुत्री का स्वागत करके उनकी पूजा करते थे, इसलिए नवरात्र के पहले दिन मां के शैलपुत्री रुप की पूजा की जाती है। माता के दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल-पुष्प सुशोभित है।
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Navratri ke pehle din maa shailputri ki puja ki jaati hai
शैलपुत्री की उत्पत्ति की पौराणिक कथा – Maa shailputri katha- first navratri mata
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अपने पूर्वजन्म में देवी शैलपुत्री प्रजापति दक्षराज की कन्या थी और तब उनका नाम सती था| देवी सती का विवाह भगवान शंकर से हुआ था| एक बार दक्षराज ने विशाल यज्ञ आयोजित किया, जिसमें सभी देवी-देवताओं को आमंत्रित किया गया, लेकिन शंकरजी को नहीं बुलाया गया, गुस्से से भरी सती जब अपने पिता के यज्ञ में गईं, तो दक्षराज ने भगवान शंकर के विरुद्ध कई अपशब्द बोले जिसे वो सहन नहीं कर सकीं और वहीं यज्ञ की वेदी में कूद कर अपने प्राण त्याग दिए| अगले जन्म में देवी सती शैलराज हिमालय की पुत्री बनीं और शैलपुत्री के नाम से जानी गईं| इस जन्म में भी उनका विवाह भगवान शंकर से ही हुआ|
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Maa Shailputri Mantra Puja Vidhi – पूजा की विधि
- लकड़ी के एक पाटे पर मां शैलपुत्री की तस्वीर रखें। उसे शुद्ध जल से साफ करें।
- लाल कपड़े पर शुद्ध जल से भरा हुआ कलश स्थापित करें। आम के पत्ते और पानी वाला नारियल कलश पर रखें।
- कलश पर रोली से स्वास्तिक बनाएं। नारियल पर कलावा और चुनरी भी बांधें।
- मां शैलपुत्री को कुमकुम लगाएं। लाल चुनरी उढ़ाएं और घी का दीपक जलाएं।
- लौंग,सुपारी, घी, पंचमेवा, प्रसाद आदि का भोग लगाकर व्रत का संकल्प लें और मां शैलपुत्री की कथा पढ़ें।
मंत्र – Maa Shailputri Mantra- first navratri mata
वन्दे वांच्छितलाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम् ॥
वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम् ॥
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