Nikhat Zareen Biography in Hindi – निकहत ज़रीन जिसने चुनौतियों से लड़कर वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में लहराया तिरंगा
Nikhat Zareen Biography in Hindi – Nikhat Zareen Indian Boxer – आज हम आपको एक ऐसी लड़की की कहानी बताने जा रहे हैं जिसने सफलता के शिखर पर चढ़ने के लिए ज़िंदगी में आने वाली हर परेशानी का डट कर सामना किया और आखिरकार वो मुकाम पा ही लिया जिसकी उसे हमेशा से चाह थी। हम बात कर रहे हैं, भारतीय मुक्केबाज निकहत ज़रीन की, जिन्होंने देश को गोल्ड मेडल दिलाया है। आईये जानते हैं उनके सामान्य जीवन से गोल्ड मेडलिस्ट तक के लम्बे सफर बारे में।
Nikhat Zareen Biography in Hindi – Interesting Facts About Nikhat Zareen In Hindi
निकहत ज़रीन का प्रारंभिक जीवन
- निकहत ज़रीन का जन्म तेलंगाना राज्य के शहर निजामाबाद में 14 जून 1996 को हुआ। इनकी मां का नाम परवीन सुल्ताना और पिता मुहम्मद जमील अहमद हैं।
- निकहत ज़रीन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा निजामाबाद, तेलगांना के निर्मला हृदय गर्ल्स हाई स्कूल से की है जिसके बाद उनकी कॉलेज की पढ़ाई हैदराबाद से हुई।
- जैसे-जैसे निखत बड़ी हुईं तो वह अपने चाचा के यहां जाती रहती थीं जिनका नाम शमशामुद्दीन है जो एक बॉक्सिंग कोच हैं। निकहत को बॉक्सिंग के बारे में इन्होंने ही बताया और इसमें रूचि विकसित कराई।
- निकहत के पिता ने बॉक्सिंग में इनका खूब साथ दिया और जब वह 13 वर्ष की थीं तब से उन्होंने बॉक्सिंग खेलना शुरू कर दिया था।
- उस समय उन्हें अपनी पढ़ाई व मुक्केबाजी के टूर्नामेंट्स दोनों को एक साथ लेकर चलने में बड़ी समस्या आती थी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी जिसके लिये उनके पिता ने भी हर कदम पर उनका साथ दिया।
Nikhat Zareen Biography in Hindi – Interesting Facts About Nikhat Zareen In Hindi
अतंर्राष्ट्रीय बॉक्सिंग करियर और उपलब्धियां
- निकहत ज़रीन ने 2010 में 14 साल की उम्र में इरोड में राष्ट्रीय सब-जूनियर मीट में स्वर्ण पदक जीतकर, बॉक्सिंग की दुनिया में अपने आगमन की घोषणा की। अपने इस पहले स्वर्ण पदक से उन्होंने अपना पूरा ध्यान बॉक्सिंग में लगा दिया।
- इसके बाद वर्ष 2011 में तुर्की में आयोजित एआईबीए महिला जूनियर और यूथ वर्ल्डबॉक्सिंग चैंपियनशिप फ्लाईवेट में दूसरा स्वर्ण पदक अपने नाम किया और भारत का नाम रौशन किया।
- वर्ष 2014 में ‘बुल्गारिया’ में आयोजित यूथ वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता, निकहत का यह पहला सिल्वर मेडल था।
- इसके बाद निकहत ने 2014 में ‘नोवी साद’ में आयोजित ‘नेशंस कप इंटरनेशन बॉक्सिंग टूर्नामेंट’ में रूस की स्टार मुक्केबाज ‘एकातेरिना’को हराकर पुन: स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम दोबारा से रौशन किया।
- इसके बाद 2015 में जालंधर में आयोजित वार्षिक कार्यक्रम में सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाज का का पुरस्कार निकहत ने ही जीता था और फाइनल में अपनी प्रतिद्वंद्वी रितु को हराकर स्वर्ण पदक जीता।
- अब तक निकहत ज़रीन ने अपने नाम कई गोल्ड मेड़ल कर लिए थे।
- निकहत ज़रीन को सबसे बड़ा दुख तब हुआ जब उनको कंधे में चोट आई थी और डॉक्टरों ने उनकी सर्जरी की जिसके बाद उनके करियर में ब्रेक लग गया और उन्होंने कई वर्ष तक कठिनाइयों का सामना किया लेकिन निकहत ज़रीन ने हार नहीं मानी और वर्ष 2019 में फिर से बॉक्सिंग में आ गईं।
- वर्ष 2019 में आयोजित ‘स्ट्रैंड्जा मेमोरियल बॉक्सिंग टूर्नामेंट’ के दौरान अपना शानदार प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल हांसिल किया और देश का गौरव बढ़ाया।
- इसके बाद वर्ष 2021 में बैंकॉक में आयोजित एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप में निकहत ज़रीन ने कांस्य पदक जीता था जो इनका पहला कांस्य पदक था।
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वर्ल्ड चैंपियन 2022 निकहत ज़रीन
- भारत की 25 वर्षीय महिला बॉक्सर निकहत ज़रीन ने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए इतिहास रच दिया है। 19 मई 2022 को तुर्की के इस्तांबुल शहर में आयोजित ‘महिला विश्व चैंपियनशिप’ में अपना शानदार प्रदर्शन दिखाया।
- फाइट के दौरान निकहत ज़रीन ने शुरू से ही दबदबा बनाकर रखा। इसके साथ ही उन्होंने थाईलैंड की महिला बॉक्सर ‘जितपोंग जुटामेंस’ को 5-0 से हराकर गोल्ड मेडल जीतकर विश्व चैंपियन का खिताब हासिल किया।
- इसके साथ ही वह देश के लिए ‘वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप’ में गोल्ड मेडल अपने नाम करने वाली पांचवीं महिला बॉक्सर बन गई हैं।
- ज़रीन से पहले ‘एमसी मैरीकॉम’, ‘सरिता देवी’, ‘जेनी आरएल’ और ‘लेख केसी’ ने यह खिताब अपने नाम किया था। बता दें कि भारत की इस मुक्केबाज बेटी ने पहली बार विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल अपने नाम किया है। इस जीत के साथ निकहत ज़रीन ऐसी पहली भारतीय महिला मुक्केबाज भी बन गई हैं, जिन्होंने इस चैंपियनशिप के मौजूदा संस्करण (Version) में स्वर्ण पदक जीता है।
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मुक्केबाजी में चार साल बाद मिला भारत को स्वर्ण
- भारत की ओर से 12 सदस्यीय टीम ने हिस्सा लिया था। भारत ने चार वर्ष के बाद स्वर्ण पदक हासिल किया है। इससे पहले 2018 में एम सी मैरीकॉम ने स्वर्ण पदक हांसिल किया था। निकहत के लिए यह साल शानदार रहा है।
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