Sawan putrada ekadashi 2020 – जानें सावन पुत्रदा एकादशी के महत्व और पूजा विधि बारे में
Sawan putrada ekadashi puja vidhi vrat katha – श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को सावन पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष 2020 में सावन पुत्रदा एकादशी 30 जुलाई दिन गुरुवार को पड़ रही है। तो जानें सावन पुत्रदा एकादशी व्रत की कथा, महत्व और पूजा विधि के बारे में
इस दिन करें भगवान विष्णु की पूजा – putrada ekadashi
- श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को सावन पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है।
- इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।
- मान्यताओं के अनुसार इस व्रत को रखने से निसन्तान लोगों को संतान की प्राप्ति होती है इसलिए इस व्रत को पुत्रदा एकादशी व्रत के नाम से जाना जाता है।
- यह व्रत संतान पर आने वाले कष्टों को दूर रखने के लिए भी किया जाता है।
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putrada ekadashi puja vidhi vrat katha – putrada ekadashi vrat katha – व्रत कथा
प्राचीन काल में भद्रावतीपुरी नगर में सुकेतुमान नाम का एक राजा रहता था। विवाह के कई वर्ष बीत जाने के बाद भी वो निसन्तान थे। इस वजह से राजा और रानी दोनों बेहद दुखी रहते थे। एक दिन इसी चिन्ता में राजा वन में चले गए।
जब राजा को प्यास लगी तो वो पानी की तलाश में एक सरोवर पर पहुंचे। सरोवर से थोड़ी दूरी पर कुछ ऋषिमुनी वेदपाठ कर रहे थे। सरोवर से पानी पीकर राजा ऋषि मुनियों के पास गए और वहां जाकर उन्हें प्रणाम किया। ऋषिमुनी राजा से प्रसन्न हुए और उन्होंने राजा से वरदान मांगने को कहा। राजा ने पुत्र का वरदान मांगा।
मुनि बोले कि श्रावण की एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहते हैं और इस दिन व्रत रखने से योग्य संतान की प्राप्ति होती है। तुम भी ये व्रत करो। ऋषियों के कहने पर राजा ने पुत्रदा एकादशी का व्रत किया। कुछ ही दिनों बाद रानी चम्पा ने गर्भधारण किया और एक बेटे को जन्म दिया जिसका नाम तेजस्वी रखा।
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पुत्रदा एकादशी पूजा विधि – ऐसे करें पूजा
- भगवान विष्णु की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराएं।
- उनको चंदन का तिलक लगाएं और वस्त्र धारण कराएं।
- भगवान को पुष्प, फल, नारियल, सुपारी, लौंग, पान, चावल, गंगाजल आदि अर्पण करें|
- धूप-दीप आदि से उनकी आरती करें और व्रत का संकल्प लें।
- इस दिन निर्जल व्रत का विधान है।
- संध्या समय में कथा सुनने के बाद फल खाएं और पानी पीएं।
- अगले दिन ब्राह्मणों को भोजन कराकर उपवास खोलें।
- ऐसा करने से सन्तान की प्राप्ति होगी और सारी मनोकामनाएं पूरी होंगी।
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