Ravi Kumar Biography: टोक्यो ओलंपिक्स में रवि कुमार ने सिल्वर मेडल किया अपने नाम, जानें उनके बारे में
Ravi Kumar Biography in Hindi – टोक्यो ओलंपिक्स में रेसलर रवि दहिया इतिहास रचने से चूक गए। रवि ने 57 किलोग्राम वेट कैटेगरी के फाइनल में रूस के दो बार के वर्ल्ड चैंपियन जावुर युगुऐव से 7-4 से हार गए है लेकिन सिल्वर मेडल उन्होंने अपने नाम कर लिया हैं। इससे पहले सेमीफाइनल में रवि कुमार ने कजाकिस्तान के सनायव नूरिस्लाम को हराया था। रवि कुमार 7-9 से पीछे थे। तभी 1 मिनट बाकी रहते रवि ने कजाक पहलवान को चित करते हुए मुकाबले अपने नाम कर लिया। उन्हें विक्ट्री बाय फॉल रूल से विजेता घोषित किया गया था। उन्होंने फाइनल में पहुंचते ही सिल्वर मेडल पक्का कर लिया था और उनकी नज़रे गोल्ड मेडल जीतने पर थी लेकिन आज ऐसा हो ना सका। रवि दहिया फाइनल में पहुंचने वाले दूसरे पहलवान बन चुके है उनसे 2012 में पहले सुशील कुमार ऐसा करके सिल्वर मेडल जीत चुके हैं। जावुर युगुऐव ने 2019 में हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में रवि को मात दी थी। तो चलिए अब आपको रवि कुमार दहिया की जर्नी के बारें में बताते है कि वो यहाँ तक कैसे पहुंचे।
Ravi Kumar biography in Hindi – Interesting facts about Ravi Kumar
करियर के बारें में
- रेसलर रवि कुमार दहिया हरियाणा के सोनीपत जिला के नाहरी गांव में सन 1998 में 12 दिसंबर को पैदा हुए थे। उनके पिता राकेश दहिया एक छोटे किसान थे।
- रवि कुमार दहिया के घर की आर्थिक स्थिति ख़राब थी लेकिन रेसलिंग का जुनून इतना था कि कोई भी मुश्किल उन्हें रोक ना सकी। फोगाट बहनें, बजरंग पुनिया, योगेश्वर दत्त जैसे रेसलर्स के कारण ही रवि ने इस स्पोर्ट्स में जानें का फैसला किया।
- रवि कुमार ने10 साल की उम्र से रेसलिंग करना शुरू कर दिया था लेकिन उनके गाँव में कोई ट्रेनिंग सेंटर नहीं था तो उन्होंने दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में सतपाल सिंह से रेसलिंग की ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी।
- रवि के पिताजी दूसरे लोगों के खेतों में मज़दूरी किया करते थे लेकिन उन्होंने कभी भी रवि कुमार की ट्रेनिंग में रुकावट पैदा नहीं होने दी।
- वो रोज 40 किलोमीटर की दूरी तय करके स्टेडियम में उनको ताजे फल, दूध आदि लेकर दिल्ली आते थे ताकि रवि की डाइट में कोई कमी ना आये। आज उसी का नतीजा है कि रवि मात्र 23 साल की उम्र में आज यहाँ तक पहुंचे।
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मेडल्स एंड अचीवमेंट्स – Ravi Kumar biography in hindi
- रवि ने 2015 साल्वाडोर डी बाहिया में हुई जूनियर वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में 55 किलोग्राम फ्रीस्टाइल केटेगरी में ब्रॉन्ज़ मेडल अपने नाम किया। वो 2017 के सीनियर नेशनल गेम्स के सेमीफाइनल तक पहुंचे, लेकिन चोट के कारण वो इस टूर्नामेंट से बाहर हो गए।
- साल 2018 में शानदार वापसी करते हुए बुखारेस्ट में हुई वर्ल्ड U23 रेसलिंग चैंपियनशिप में 57 किलोग्राम केटेगरी में सिल्वर मेडल अपने नाम किया। उस चैंपियनशिप में भारत का यह इकलौता मेडल था।
- रवि ने 2019 नूर-सुल्तान, कजाकिस्तान में हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप के 16वे राउंड में यूरोपीय चैंपियन आर्सेन हारुत्युनियन और क्वार्टर फाइनल में 2017 के वर्ल्ड चैंपियन युकी ताकाहाशी को ,57 किलोग्राम केटेगरी में मात दी और टोक्यो ओलंपिक्स के लिए क्वालीफाई कर लिया। इस चैंपियनशिप में रवि ने ब्रॉन्ज़ मेडल अपने नाम किया।
- 2020 में, रवि ने नई दिल्ली में हुई एशियाई रेसलिंग चैंपियनशिप में 57 किलोग्राम केटेगरी में गोल्ड मेडल जीता और साथ ही साथ 2021 अल्माटी में दोबारा हुई एशियाई रेसलिंग चैंपियनशिप में 57 किलोग्राम केटेगरी में एक और गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
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