शहीद दिवस पर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की शहादत को ऐसे नमन करता है देश
shaheed diwas in hindi – Kyu manaya jata hai shaheed diwas 2023 – भारत में शहीद दिवस हर साल 23 मार्च को मनाया जाता है। इस दिन उन क्रांतिकारियों को याद किया जाता है जिन्होंने देश को अंग्रेजी हुकूमत से आज़ाद कराने के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। यही वो दिन था जब हंसते-हंसते देश के हीरो ने धरती मां के लिए ख़ुद को कुर्बान कर दिया था। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में क्रांतिकारी सरदार भगत सिंह, शिवराम हरि राजगुरु और सुखदेव थापर का अहम योगदान रहा है। तो जानिए क्यों मनाया जाता है शहीद दिवस।
shaheed diwas in hindi
क्यों मनाया जाता है शहीद दिवस? Kyu manaya jata hai shaheed diwas 2023
- 23 मार्च 1931 की मध्यरात्रि को अंग्रेजी हुकूमत ने भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी पर लटका दिया था। देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले इन शहीदों की याद में और उनको श्रद्धांजलि देने के लिए 23 मार्च को भारत में शहीद दिवस मनाया जाता है। इसे शहीदी दिवस भी कहते हैं।
Must Read: यहां पढ़ें महान क्रांतिकारी भगत सिंह के प्रेरणादायक अनमोल विचार
shaheed diwas in hindi
Must Watch:23 March Shaheed Diwas status video download
- साइमन कमीशन का विरोध करने पर अंग्रेजी हुकूमत ने लाला लाजपत राय पर लाठीचार्ज किया था। इसमें वो बुरी तरह से घायल हो गए थे और इसी वजह से उनकी मृत्यु हो गई थी।
- चंद्रशेखर आज़ाद, भगतसिंह, राजगुरु, सुखदेव व अन्य क्रांतिकारियों ने लालाजी की मौत का बदला लेने का निर्णय किया। 17 दिसम्बर 1928 को इन्होंने ब्रिटिश पुलिस के अफसर साण्डर्स की गोली मारकर हत्या कर दी।
- साण्डर्स की हत्या के बाद 8 अप्रैल 1929 को भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने दिल्ली की केन्द्रीय संसद सेन्ट्रल असेम्बली में बम-विस्फोट करके ब्रिटिश साम्राज्य के विरुद्ध खुला विद्रोह किया।
- असेम्बली में बम फेंककर इन्होंने भागने से मना कर दिया और इस दौरान इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
- 26 अगस्त 1930 को अदालत ने भगत सिंह को भारतीय दंड संहिता की धारा 129, 302 तथा विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 4 और 6एफ तथा आईपीसी की धारा 120 के अंतर्गत अपराधी सिद्ध किया।
Must Read: जानिए शहीद भगत सिंह की लाइफ से जुड़े फैक्ट्स
shaheed diwas in hindi
shaheed diwas in hindi
- 7 अक्तूबर, 1930 को अदालत ने भगत सिंह, सुखदेव तथा राजगुरु को फांसी की सज़ा सुनाई।
- अदालत ने भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को 24 मार्च 1931 को फांसी देने का ऐलान किया लेकिन अंग्रेजों ने इनकी फांसी का ज़्यादा विद्रोह होने के डर से तीनों को एक दिन पहले यानी कि 23 मार्च 1931 को ही फांसी दे दी।
- 23 मार्च की शाम करीब 7 बजकर 33 मिनट पर इन्हें फाँसी दी गई थी।
- बस तभी से इन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए शहीद दिवस मनाया जाता है। इस दिन पूरा देश इनकी शहादत को नमन करता है।
Must Read: शहीद दिवस पर Quotes, Images भेजकर करें शहीदों को नमन
Shaheed Diwas in hindi, हमारे फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर हमें फ़ॉलो करें और हमारे वीडियो के बेस्ट कलेक्शन को देखने के लिए, YouTube पर हमें फॉलो करें