Sheetla Mata Chalisa in Hindi – शीतला मां की दोगुना कृपा पाने के लिए रोज़ पढ़ें शीतला चालीसा

Please follow and like us:

Sheetla mata chalisa in Hindi– गर्दभ पर विराजित देवी शीतला हिंदू धर्म में प्रसिद्ध हिन्दू देवी हैं| ये हाथों में कलश, सूप, मार्जन (झाडू) तथा नीम के पत्ते धारण करती हैं, इन्हें चेचक आदि कई रोगों की देवी बताया गया है। स्कन्द पुराण से लेकर शिव की कई महिमाओं में इनका बखान किया गया है| मां शीतला की दोगुना कृपा पाने के लिए प्रतिदिन शीतला चालीसा का पाठ करें। इसे करने से घर में सुख का वास होता है|

sheetla mata chalisa in hindi

Sheetla mata chalisa in Hindi – शीतला माता चालीसा

दोहा ॥

जय-जय माता शीतला, तुमहिं धरै जो ध्यान।

होय विमल शीतल हृदय,विकसै बुद्धि बलज्ञान॥

॥ चौपाई ॥

जय-जय-जय शीतला भवानी।जय जग जननि सकल गुणखानी॥

 गृह-गृह शक्ति तुम्हारी राजित।पूरण शरदचन्द्र समसाजित॥

विस्फोटक से जलत शरीरा।शीतल करत हरत सब पीरा॥

मातु शीतला तव शुभनामा।सबके गाढ़े आवहिं कामा॥

शोकहरी शंकरी भवानी।बाल-प्राणरक्षी सुख दानी॥

शुचि मार्जनी कलश करराजै।मस्तक तेज सूर्य समराजै॥

चौसठ योगिन संग में गावैं।वीणा ताल मृदंग बजावै॥

नृत्य नाथ भैरो दिखरावैं।सहज शेष शिव पार ना पावैं॥

धन्य-धन्य धात्री महारानी।सुरनर मुनि तब सुयश बखानी॥

ज्वाला रूप महा बलकारी।दैत्य एक विस्फोटक भारी॥

घर-घर प्रविशत कोई न रक्षत।रोग रूप धरि बालक भक्षत॥

हाहाकार मच्यो जगभारी।सक्यो न जब संकट टारी॥

तब मैया धरि अद्भुत रूपा।करमें लिये मार्जनी सूपा॥

विस्फोटकहिं पकड़ि कर लीन्ह्यो।मुसल प्रहार बहुविधि कीन्ह्यो॥

बहुत प्रकार वह विनती कीन्हा।मैया नहीं भल मैं कछु चीन्हा॥

अबनहिं मातु, काहुगृह जइहौं।जहँ अपवित्र सकल दुःख हरिहौं॥

भभकत तन, शीतल ह्वै जइहैं।विस्फोटक भयघोर नसइहैं॥

श्री शीतलहिं भजे कल्याना।वचन सत्य भाषे भगवाना॥

विस्फोटक भय जिहि गृह भाई।भजै देवि कहँ यही उपाई॥

कलश शीतला का सजवावै।द्विज से विधिवत पाठ करावै॥

तुम्हीं शीतला, जग की माता।तुम्हीं पिता जग की सुखदाता॥

तुम्हीं जगद्धात्री सुखसेवी।नमो नमामि शीतले देवी॥

नमो सुक्खकरणी दुःखहरणी।नमो-नमो जगतारणि तरणी॥

नमो-नमो त्रैलोक्य वन्दिनी।दुखदारिद्रादिक कन्दिनी॥

श्री शीतला, शेढ़ला, महला।रुणलीह्युणनी मातु मंदला॥

हो तुम दिगम्बर तनुधारी।शोभित पंचनाम असवारी॥

रासभ, खर बैशाख सुनन्दन।गर्दभ दुर्वाकंद निकन्दन॥

सुमिरत संग शीतला माई।जाहि सकल दुख दूर पराई॥

गलका, गलगन्डादि जुहोई।ताकर मंत्र न औषधि कोई॥

एक मातु जी का आराधन।और नहिं कोई है साधन॥

निश्चय मातु शरण जो आवै।निर्भय मन इच्छित फल पावै॥

कोढ़ी, निर्मल काया धारै।अन्धा, दृग-निज दृष्टि निहारै॥

वन्ध्या नारि पुत्र को पावै।जन्म दरिद्र धनी होई जावै॥

मातु शीतला के गुण गावत।लखा मूक को छन्द बनावत॥

यामे कोई करै जनि शंका।जग मे मैया का ही डंका॥

भनत रामसुन्दर प्रभुदासा।तट प्रयाग से पूरब पासा॥

पुरी तिवारी मोर निवासा।ककरा गंगा तट दुर्वासा॥

अब विलम्ब मैं तोहि पुकारत।मातु कृपा कौ बाट निहारत॥

पड़ा क्षर तव आस लगाई।रक्षा करहु शीतला माई॥

॥ दोहा ॥

घट-घट वासी शीतला,शीतल प्रभा तुम्हार।

शीतल छइयां में झुलई,मइया पलना डार॥

Must Read: शीतला अष्टमी की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, कथा और व्रत का महत्व

Must Read: यहां पढ़ें शीतला माता की आरती

tentaran google news

Must Read: यहां पढ़ें श्री बृहस्पति देव की आरती

Sheetla Mata Chalisa in Hindiहमारे फेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर हमें फ़ॉलो करें और हमारे वीडियो के बेस्ट कलेक्शन को देखने के लिए, YouTube पर हमें फॉलो करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published.

The content and images used on this site are copyright protected and copyrights vests with their respective owners. We make every effort to link back to original content whenever possible. If you own rights to any of the images, and do not wish them to appear here, please contact us and they will be promptly removed. Usage of content and images on this website is intended to promote our works and no endorsement of the artist shall be implied. Read more detailed ​​disclaimer
Copyright © 2022 Tentaran.com. All rights reserved.
× How can I help you?