Shri Mahalakshmi Kavacham In Hindi – महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए पढ़े श्री महालक्ष्मी कवचम् का पाठ
Shri Mahalakshmi Kavacham In Hindi – Shri Mahalakshmi Kavacham Lyrics In Hindi – Sri Mahalakshmi Kavacham PDF Hindi – हिन्दू धर्म में 33 करोड़ देवी देवताओं का पूजन किया जाता है जिसमें से महालक्ष्मी भी एक महत्वपूर्ण दिव्य स्वरूपा हैं। महालक्ष्मी की भक्ति और उनकी कृपा हर कोई चाहता है। आज हम अपने इस लेख के माध्यम से महालक्ष्मी से जुड़ा श्री महालक्ष्मी कवच का पाठ लेकर प्रस्तुत हुए हैं। महालक्ष्मी कवच स्त्रोत अत्याधिक दिव्य कवच है। इस कवच की शक्ति से आप महालक्ष्मी की कृपा शीघ्र ही पा सकते हैं। हम सभी जानते हैं कि महालक्ष्मी की कृपा जिस भी भक्त पर हो जाती है, वह कभी भी भौतिक सुख सुविधाओं से वंचित नहीं रहता। यही कारण है कि देवी लक्ष्मी को सुख संपदा की देवी कहा जाता है। महादेवी लक्ष्मी प्रत्येक प्राणी के जीवन में धन धान्य की स्थिति को अनुकूल व संपन्न करती हैं। आपको भी श्री महालक्ष्मी कवच का पाठ अवश्य करना चाहिए।
Shri Mahalakshmi Kavacham In Hindi – Shri Mahalakshmi Kavacham Lyrics In Hindi
श्री महालक्ष्मी कवच का पाठ
श्री महालक्ष्मी कवच का आरंभ।।
श्री महालक्ष्मीकवचम् ।।
श्री गणेशाय नमः।
अस्य श्रीमहालक्ष्मीकवचमन्त्रस्य ब्रह्मा ऋषिः गायत्री छन्दः
महालक्ष्मीर्देवता महालक्ष्मीप्रीत्यर्थं जपे विनियोगः ।
इन्द्र उवाच । समस्तकवचानां तु तेजस्वि कवचोत्तमम् ।
आत्मरक्षणमारोग्यं सत्यं त्वं ब्रूहि गीष्पते ॥ १॥
Shri Mahalakshmi Kavacham In Hindi
श्रीगुरुरुवाच । महालक्ष्म्यास्तु कवचं प्रवक्ष्यामि समासतः ।
चतुर्दशसु लोकेषु रहस्यं ब्रह्मणोदितम् ॥ २॥
ब्रह्मोवाच । शिरो मे विष्णुपत्नी च ललाटममृतोद्भवा
चक्षुषी सुविशालाक्षी श्रवणे सागराम्बुजा ॥ ३॥
घ्राणं पातु वरारोहा जिह्वामाम्नायरूपिणी ।
मुखं पातु महालक्ष्मीः कण्ठं वैकुण्ठवासिनी ॥ ४॥
Shri Mahalakshmi Kavacham In Hindi
स्कन्धौ मे जानकी पातु भुजौ भार्गवनन्दिनी ।
बाहू द्वौ द्रविणी पातु करौ हरिवराङ्गना ॥ ५॥
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वक्षः पातु च श्रीर्देवी हृदयं हरिसुन्दरी ।
कुक्षिं च वैष्णवी पातु नाभिं भुवनमातृका ॥ ६॥
कटिं च पातु वाराही सक्थिनी देवदेवता
ऊरू नारायणी पातु जानुनी चन्द्रसोदरी ॥ ७॥
Shri Mahalakshmi Kavacham In Hindi
इन्दिरा पातु जंघे मे पादौ भक्तनमस्कृता ।
नखान् तेजस्विनी पातु सर्वाङ्गं करूणामयी ॥ ८॥
ब्रह्मणा लोकरक्षार्थं निर्मितं कवचं श्रियः ।
ये पठन्ति महात्मानस्ते च धन्या जगत्त्रये ॥ ९॥
कवचेनावृताङ्गनां जनानां जयदा सदा ।
मातेव सर्वसुखदा भव त्वममरेश्वरी ॥ १०॥
Shri Mahalakshmi Kavacham In Hindi
भूयः सिद्धिमवाप्नोति पूर्वोक्तं ब्रह्मणा स्वयम् ।
लक्ष्मीर्हरिप्रिया पद्मा एतन्नामत्रयं स्मरन् ॥ ११॥
नामत्रयमिदं जप्त्वा स याति परमां श्रियम् ।
यः पठेत्स च धर्मात्मा सर्वान्कामानवाप्नुयात् ॥ १२॥
॥ इति श्रीब्रह्मपुराणे इन्द्रोपदिष्टं महालक्ष्मीकवचं सम्पूर्णम् ॥
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