जानिए स्वामी विवेकानंद के जीवन से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें
some facts about Swami Vivekananda – स्वामी विवेकानंद एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने वेदांत दर्शन का विस्तार पश्चिम में किया और हिंदुत्व में सुधार किया। निर्धन होने के बावजूद उन्होंने शिकागो में होने वाली धर्म संसद में भाग लेने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा की। स्वामी विवेकानंद ने भारत के आध्यात्मिक उत्थान के लिए बहुत कार्य किए। तो चलिए आज हम आपको उनके जीवन से जुड़ी बातें बताते हैं।
some facts about Swami Vivekananda
- स्वामी विवेकानन्द का जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में हुआ। उनके बचपन का नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था।
- पिता विश्वनाथ दत्त कलकत्ता हाईकोर्ट के एक प्रसिद्ध वकील थे और माता भुवनेश्वरी देवी। नरेंद्र के दादा दुर्गाचरण दत्ता संस्कृत और फारसी के विद्वान थे।
- विवेकानंद बचपन से ही धार्मिक प्रवृत्ति के थे। 8 साल की उम्र में इन्होंने ईश्वर चंद्र विद्यासागर के मेट्रोपोलिटन संस्थान में दाखिला लिया और पढ़ाई की।
- 1879 में उन्होंने प्रेसीडेंसी कॉलेज प्रवेश परीक्षा में प्रथम डिवीजन प्राप्त की। इनकी बचपन से ही वेद, उपनिषद, भगवद् गीता, रामायण, महाभारत और हिन्दू शास्त्रों में गहन रूचि थी।
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- भारतीय शास्त्रीय संगीत में इन्होंने प्रशिक्षण लिया। पश्चिमी तर्क, पश्चिमी दर्शन और यूरोपीय इतिहास का अध्ययन जनरल असेंबली इंस्टीट्यूशन स्कॉटिश चर्च कॉलेज से किया।
- 1860 में उन्होंने स्पेंसर की किताब एजुकेशन का बंगाली में अनुवाद किया।
- 1881 में ललित कला की परीक्षा उत्तीर्ण की और 1884 में कला स्नातक की डिग्री प्राप्त की।
- वर्ष 1884 में इनके पिता की मृत्यु हो गई और पिता की मृत्यु के बाद उनके परिवार को वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ा। अपने परिवार की मद्द के लिए उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में नौकरी तलाशने की कोशिश की, लेकिन वह असफल रहे।
- 1881 में पहली बार वे स्वामी रामकृष्ण से मिले थे और यही उनके जीवन का टर्निंग पॉइंट शुरु हुआ। तभी से उन्होंने रामकृष्ण को अपना गुरु माना था।
- 1893 में उन्होंने पूरे भारत की यात्रा की। यात्रा के दौरान जापान के कई शहरों नागासाकी, कोबे, योकोहामा, ओसाका, क्योटो और टोक्यो का दौरा किया।
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some facts about Swami Vivekananda
- इसके बाद सन् 1893 में अमेरिका स्थित शिकागो में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व करते हुए स्वामी जी ने अपने भाषण की शुरुआत ‘मेरे अमरीकी भाइयों एवं बहनों‘ के साथ की थी, इसी प्रथम वाक्य ने सभी का दिल जीत लिया था।
- शिकागो के भाषण के बाद, उन्होंने विश्व भर में काफी भाषण दिए और बहुत से लोगों से मिले। जैसे की भगिनी निवेदिता, मैक्स मुलर, पॉल ड्यूसेन आदि।
- 1897 में वे भारत वापस आ गए। भारत में भी उन्होंने काफी भाषण दिए। वे सामाजिक मुद्दों पर भी भाषण दिया करते थे। उस समय उनके भाषणों का महात्मा गांधी, सुभास चन्द्र बोस जैसे नेताओ पर काफी प्रभाव पड़ा था।
- 1 मई 1897 को उन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की।
- 1899 में ख़राब हालत होते हुए भी उन्होंने दक्षिण की यात्रा की। अपनी इस यात्रा में उन्होंने सेन फ्रांसिस्को और न्यू यॉर्क में वेदांत सोसाइटी की स्थापना की और कैलिफ़ोर्निया में शांति आश्रम की स्थापना की।
- उन्होंने कई किताबे भी लिखी – कर्म योग (1896), राज योग (1896), वेदांत शास्त्र (1896), कोलम्बो से अल्मोरा तक के भाषण (1897), भक्ति योग आदि।
- 4 जुलाई 1902 को 39 साल की आयु में बेलूर मठ में ही स्वामी विवेकानंद की मृत्यु हो गई।
- उनके जन्मदिन को पूरे भारत में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- साल 2012 में उनके सम्मान में रायपुर हवाई अड्डे का नाम ‘स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट’ रखा गया।
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