सुषमा स्वराज की लाइफ के कुछ अहम किस्से, जिससे बनी वो सबकी फेवरेट
Sushma swaraj interesting facts – सुषमा स्वराज, एक ऐसी शख्सियत थी जो देश की राजनीति में महिला शक्ति का सबसे बड़ा रूप रही। सुषमा ने राजनीति में रहते हुए न जाने कितने ऐसे कार्य किए थे जिन्हें आज भी लोग याद करते हैं। 6 अगस्त, 2019 को सुषमा स्वराज का दिल्ली में निधन हो गया था। 14 फरवरी को सुषमा स्वराज का जन्मदिवस है। इस खास मौके पर हम आपको बताते हैं सुषमा स्वराज की लाइफ के कुछ अहम किस्से, जिससे बनी वो सबकी फेवरेट।
जन्म और प्रारंभिक शिक्षा – sushma swaraj ki jivani
- सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी, 1942 को अम्बाला छावनी में हरदेव शर्मा तथा लक्ष्मी देवी के घर हुआ था। उनके पिता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख सदस्य रहे थे।
- ये हरियाणा के अंबाला में ही पली बढ़ी और यहीं से उन्होंने छावनी के सनातन धर्म कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की।
- सुषमा ने संस्कृत और राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल की। अपना स्नातक पूरा करने के बाद इन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से कानून की पढ़ाई पूरी की।
- साल 1973 में सुप्रीम कोर्ट में वकील के तौर पर प्रैक्टिस शुरू की। बाद में वे एक वरिष्ठ वकील बनीं और अपराधिक क्षेत्र की वकालत करने लगी। वकालत करते हुए उन्होंने राजनीति में शामिल होने का फैसला किया।
- सुषमा का स्वराज कौशल से 1975 में विवाह हुआ। स्वराज कौशल वकील हैं। वे मिजोरम के गवर्नर भी रह चुके हैं। सुषमा की बेटी बांसुरी भी वकील है।
Must Read- सुनें सुषमा स्वराज के ये ऐतिहासिक भाषण
Sushma swaraj interesting facts
राजनीतिक करियर की शुरुआत – sushma swaraj ki jivani
- साल 1970 से ये राजनीति में शामिल हुईं, उन्होंने एबीवीपी के साथ मिलकर अपने ही राज्य हरियाणा से अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत की।
- 1975 में जॉर्ज फर्नांडिस की विधिक टीम का हिस्सा बनीं। आपातकाल के बाद सुषमा बीजेपी में शामिल हो गईं।
- 1977 में उन्होंने अंबाला छावनी विधानसभा क्षेत्र से हरियाणा विधानसभा के लिए विधायक का चुनाव जीता।
- 25 साल की उम्र में इन्होंने कैबिनेट मंत्री बनने का रिकार्ड बनाया। 1979 में ये हरियाणा राज्य में जनता पार्टी की राज्य अध्यक्ष बनी।
- 80 के दशक में भारतीय जनता पार्टी के गठन पर वह भी इसमें शामिल हो गई। इसके बाद 1987 से 1990 तक वह अंबाला छावनी से विधायक रही और भाजपा-लोकदल संयुक्त सरकार में शिक्षा मंत्री रही।
- 1990 में उन्हें राज्यसभा के सदस्य के रूप में निर्वाचित किया गया, जहां वह 1996 तक रही।
- 1996 में उन्होंने दक्षिण दिल्ली संसदीय क्षेत्र से चुनाव जीता और 13 दिन की वाजपेयी सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्री रही।
- 1998 में उन्होंने दक्षिण दिल्ली संसदीय क्षेत्र चुनाव जीतकर सूचना एवं प्रसारण मंत्री के रूप में शपथ ली। 19 मार्च 1998 से 12 अक्टूबर 1998 तक वह इस पद पर रही।
- अक्टूबर 1998 में उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया और 12 अक्टूबर 1998 को दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला।
Sushma swaraj interesting facts – sushma swaraj biography in hindi
- 3 दिसंबर 1998 को उन्होंने अपनी विधानसभा सीट से इस्तीफा दिया और राष्ट्रीय राजनीति में वापस लौट आई।
- केन्द्रीय मंत्रिमंडल में फिर से सूचना और प्रसारण मंत्री के रूप में इन्हें शामिल किया गया, जिस पद पर वह सितंबर 2000 से जनवरी 2003 तक रही।
- 2003 में ये स्वास्थ्य, परिवार कल्याण और संसदीय मामलों में मंत्री बनी। इसके बाद 2004 में वह केंद्रीय मंत्री बनी।
- 2006 में स्वराज को मध्य प्रदेश राज्य से राज्यसभा में तीसरे कार्यकाल के लिए फिर से निर्वाचित किया गया।
- इसके बाद 2009 में उन्होंने मध्य प्रदेश के विदिशा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की। 21 दिसंबर 2009 को लालकृष्ण आडवाणी की जगह 15वीं लोकसभा में सुषमा स्वराज विपक्ष की नेता बनी और मई 2014 में भाजपा की विजय तक वह इसी पद पर आसीन रही।
- मई 2014 से मई 2019 तक 16वीं लोकसभा में विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया। स्वराज इंदिरा गांधी के बाद भारत के विदेश मंत्री का पद संभालने वाली दूसरी महिला थीं।
Must Read- Sushma Swaraj death, her last tweet and Life
पुरस्कार और उपलब्धियां – Sushma swaraj interesting facts
- 2004 में सुषमा स्वराज को आउटस्टैंडिंग पार्लियामेंट्री अवार्ड मिला। वह इस अवार्ड को प्राप्त करने वाली पहली और एकमात्र महिला सांसद रही।
- वह भारत में एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल की पहली महिला प्रवक्ता बनीं।
- दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री का रिकॉर्ड भी उनके नाम है।
- लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने सुषमा और उनके पति स्वराज कौशल को दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित दंपत्ति के तौर पर दर्ज किया था।
Must Read- जानें अटल से मोदी तक, कैसे वक्त के साथ बढ़ता रहा बीजेपी का कारवां
हिंदी और संस्कृत में अच्छी पकड़ थी – sushma swaraj biography in hindi
- सुषमा स्वराज अपनी कार्यशैली से लेकर भाषा शैली के लिए भी जानी जाती थी। इनकी हिन्दी और संस्कृत भाषा पर बड़ी शानदार पकड़ थी।
- संसद से लेकर संयुक्त राष्ट्र तक सुषमा ने कई बार ऐसे हिंदी में भाषण दिये जिसके मुरीद विपक्षी दल औऱ आम जनता भी हुई।
- विदेश मंत्री रहते हुए सुषमा ने सितम्बर 2016 में सयुंक्त राष्ट्र में हिन्दी में ही भाषण दिया था। उनके इस भाषण की पूरे देश में चर्चा हुई थी। विश्व हिन्दी सम्मेलनों में वे बढ़ चढ़कर भाग लेती थीं।
- हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषा बनाने के लिए भी उन्होंने अनेक प्रयास भी किए। संस्कृत से भी उनका विशेष प्रेम था। वे सदा संस्कृत में शपथ लेती थीं और उन्होंने अनेक अवसरों पर संस्कृत में भाषण दिया।
- 2012 में ‘साउथ इंडिया एजुकेशन सोसायटी’ ने सुषमा को पुरस्कार दिया जो मुंबई में सम्पन्न हुआ। वहां संस्कृत के अनेक विद्वान आए थे। सम्मान प्राप्ति के पश्चात जब भाषण देने की बारी आई, तो सुषमा ने बोलने के लिए संस्कृत को चुना। सम्मान में जो धनराशि मिली थी, वो संस्था को लौटाते हुए बोलीं कि संस्कृत के ही काम में वो पैसा लगा दें।
- इसी प्रकार जून 2015 में 16वां विश्व संस्कृत सम्मेलन बैंकाक में हुआ जिसकी मुख्य अतिथि सुषमा स्वराज थीं। वहां भी उन्होंने पांच दिन तक भाषण संस्कृत में दिया था।
For more articles like Sushma swaraj interesting facts, हमारे फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर हमें फ़ॉलो करें और हमारे वीडियो के बेस्ट कलेक्शन को देखने के लिए, YouTube पर हमें फॉलो करें।