तनोट माता मंदिर, जहां पाकिस्तान ने गिराए थे हज़ारों बम, लेकिन सारे बम हुए बेअसर
Tanot Mata Temple Story in Hindi – भारत ऐसा देश है जहां तरह- तरह के मंदिर देखने को मिलते हैं। इन मंदिरों में कई बार चमत्कार भी होते हैं। कुछ लोग इन चमत्कार पर विश्वास करते हैं, तो कई लोग इसे अंधविश्वास मानते हैं। आज हम आपको ऐसे ही एक मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसपर 1965 के यु्द्ध में पाकिस्तान ने हज़ारों बम गिराए थे, लेकिन ये सारे बम मंदिर पर गिरते ही बेअसर हो गए थे। ये मंदिर राजस्थान के जैसलमेर में स्थित तनोट राय माता का मंदिर है। तो चलिए आपको बताते हैं इसकी पूरी कहानी।
Tanot Mata Temple Story in Hindi
ये मंदिर क्यों है इतना खास?- story of tanot mata mandir in hindi
- तनोट माता मंदिर राजस्थान के जैसलमेर से करीब 130 किमी दूर है। इस मंदिर की बहुत मान्यता है। लोग यहां दूर- दूर से आकर माथा टेकते हैं।
- तनोट माता को आवड माता के नाम से भी जाना जाता है तथा यह हिंगलाज माता का ही एक रूप है।
- साल 1965 में भारत और पाकिस्तान का युद्ध हुआ था। युद्ध में पाकिस्तानी सेना की ओर से तनोट माता मंदिर के क्षेत्र में करीब 3000 बम गिराए गए थे, जिनमें से 450 बम मंदिर के आंगन में गिरे थे, लेकिन मंदिर के आंगन में एक भी बम नहीं फटा, जिससे मंदिर को कोई नुकसान नहीं हुआ।
- इन बमों ने मंदिर का एक तिनका तक नहीं उखाड़ पाया। मंदिर की इमारत वैसी की वैसी रही।
- लोगों ने इसे माता का चमत्कार बताया और इसी के चलते आज भी लोगों की आस्था इस मंदिर से जुड़ी हुई है।
- अभी भी मंदिर परिसर में करीब 450 पाकिस्तानी बम आम लोगों के देखने के लिए रखे हुए हैं।
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पाकिस्तानी ब्रिगेडियर भी आए माथा टेकने- Tanot Mata Temple Story in Hindi
- इस युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सैनिकों ने भी मां के चमत्कार के आगे अपने घुटने टेक दिए।
- इस युद्ध के बाद पाकिस्तानी ब्रिगेडियर शाहनवाज खान ने माता के दर्शन के लिए भारत सरकार से अनुमति मांगी।
- भारत सरकार ने करीब ढाई साल बाद ब्रिगेडियर को अनुमति दी। अनुमति मिलने के बाद ब्रिगेडियर खान भारत आए और उन्होंने माता के दर्शन किए और मंदिर में चांदी का छत्र भी चढ़ाया, जो आज भी मंदिर में है।
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क्या है मंदिर का इतिहास?
- मान्यताओं के अनुसार मंदिर के एक पुजारी ने इसके इतिहास के बारे में उल्लेख किया कि बहुत समय पहले मामड़िया नाम का एक चारण था, जिनको कोई संतान नहीं थी।
- संतान प्राप्ति के लिए उन्होंने लगभग सात बार हिंगलाज माता की पैदल यात्रा की। एक रात माता चारण के सपने में आई और उनसे पूछा कि तुम पुत्र चाहते हो या बेटी, तो चारण ने कहा कि आप ही बेटी के रुप में मेरे घर पर जन्म ले लो।
Tanot Mata Temple Story in Hindi
- इसके बाद हिंगलाज माता की कृपा से उस चारण के घर पर सात पुत्री और एक पुत्र ने जन्म लिया। इनमें से एक आवड मां थी जिनको तनोट माता के नाम से जाना जाता है।
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- जन्म लेने के बाद मां ने वहां कई चमत्कार किए और लोगों का कल्याण किया जिससे लोगों में उनके प्रति आस्था जाग गई।
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भाटी राजपूत नरेश तणुराव ने बनवाया मंदिर
- माड़ प्रदेश में आवड़ माता की कृपा से भाटी राजपूतों का राज्य स्थापित हो गया। राजा तणुराव भाटी ने इस स्थान को अपनी राजधानी बनाया और तनोट माता का मंदिर बनवाकर मूर्ती को स्थापित किया।
यहां है विजय स्तंभ – tanot mata mandir photos
- तनोट माता मंदिर के करीब लोंगेवाला पोस्ट है। बताया जाता है कि इसी पोस्ट पर 1971 में पंजाब रेजिमेंट की टीम ने पाकिस्तान को हराया था। इसी जीत के बाद मंदिर में विजय स्तंभ बनवाया गया।
tanot mata mandir history
- ये स्तंभ भारतीय सेनिकों की वीरता की याद दिलाता है। हर साल 16 दिसंबर को सैनिकों की याद में यहां उत्सव मनाया जाता है।
Tanot Mata Temple Story in Hindi
- यहां बीएसएफ के जवान ड्यूटी पर जाने से पहले तनोट माता का आशीर्वाद ज़रुर लेते हैं। मंदिर में प्रतिदिन सुबह और शाम बीएसएफ के जवान ही आरती करते हैं और मंदिर की पूरी देखभाल भारतीय सीमा सुरक्षा बल ही करती है।
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