Unakoti Ka Rahasya – यहां आज भी दफन है 99 लाख 99 हज़ार 999 मूर्तियों का रहस्य
Unakoti ka rahasya – भारत में कई ऐसे रहस्यमयी जगह हैं जिनके बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं। इन जगहों पर आज भी कई राज़ दफ़न हैं जिनके बारे में हर कोई जानना चाहता है| ऐसी ही एक जगह है उनाकोटी, जो त्रिपुरा की राजधानी अगरतला से लगभग 145 किलोमीटर की दूरी पर है| तो चलिए आपको उनाकोटी के रहस्यमयी जगलों के बारे में बताते हैं|
क्या है उनाकोटी का रहस्य? – Unakoti ka rahasya
- उनाकोटी भारत के त्रिपुरा राज्य का एक ज़िला है जिसे साल 2012 में उत्तर त्रिपुरा ज़िले के विभाजन के बाद स्थापित किया गया| उनाकोटि एक पहाड़ी इलाका है जो दूर-दूर तक घने जंगलों और दलदली इलाकों से भरा है।
- यहां के जंगलों में पत्थरों की मूर्ती बनी हुई हैं जिसके बारे में आज तक कोई नहीं जानता कि यह मूर्तियां कब कैसे और कहां से आयी| माना जाता है कि यहां कुल 99 लाख 99 हजार 999 पत्थर की मूर्तियां हैं|
कैसे पड़ा उनाकोटी का नाम? – Unakoti ka rahasya
- कुछ किवदंतियों के अनुसार एक बार भगवान शिव समेत एक कोटि (करोड़) देवी-देवताओं का समूह यहां से गुज़रते हुए काशी की तरफ जा रहा था और उन्होंने रात भर यहां आराम किया| मगर प्रातः काल शिव जी उठ गए और अन्य देवता सोते रहे|
- इस बात से क्रोधित होकर भगवान शिव ने सबको श्राप देकर पत्थर का बना दिया| इससे यहां उनाकोटी (यानी एक करोड़ से एक कम) मूर्तियां हो गई जिसके बाद इस जगह का नाम उनाकोटी पड़ गया|
उनाकोटी का अर्थ? – Unakoti ka rahasya
- एक करोड़ से कम होने को उनाकोटी कहते हैं| बहुत कम लोग इस जगह के बारे में जानते है, ऐसा कहा जाता है कि यह जगह पूर्वोत्तर भारत के सबसे बड़े रहस्यों में से एक है|
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उनाकोटी से जुड़ी अन्य बातें – Unakoti ka rahasya
- उनाकोटी पर काफी समय से शोध चल रहा है, क्योंकि यह हैरान करने वाली बात है कि जिस जंगल के आस-पास दलदल ही दलदल हो वहां इतनी सारी पत्थर की मूर्तियां कैसे आयी होंगी जबकि यहां आस-पास कोई रहता भी नहीं था|
- यहां पत्थरों पर उकेरी गयी मूर्तियां देखने में अद्भुत और खूबसूरत लगती हैं|
- ऐसा माना जाता है उनाकोटी में दो तरह की मूर्ती हैं एक पत्थरों पर उकेरी हुई और दूसरी पत्थरों को काटकर बनाई हुई|
- यहां चार भुजाओं वाले गणपति, रावण से लेकर तीन दांत वाले गणेश की पत्थर पर उकेरी प्रतिमाएं हैं|
- उनाकोटी में स्थित पहाड़ों के तल में एक कुंड बना हुआ है, जहां हर साल अप्रैल के महीने में अशोकाष्टमी का मेला लगता है| इसमें स्नान करने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं| इस कुंड को सीता कुंड के नाम से जाना जाता है|
मूर्तियों के निर्माण से जुड़ी कहानी – Unakoti ka rahasya
- पैराणिक कथाओं के अनुसार एक समय कालू नाम का एक शिल्पकार था, जो भगवान शिव और माता पार्वती के साथ कैलाश पर्वत जाना चाहता था| मगर ऐसा मुमकिन नहीं था| इस बात से शिल्पकार दुखी हुआ|
- तब भगवन शिव ने उसे कहा अगर तुम एक रात में एक करोड़ देवी-देवताओं की मूर्तियां बना दोगे तो तुम्हें कैलाश ले जायेंगे| यह सुनकर शिल्पकार ने मूर्तियों का निर्माण कार्य शुरू किया| उसने पूरी रात मूर्तियों का निर्माण किया, लेकिन जब सुबह गिनती की गई तो पता चला कि उसमें एक मूर्ति कम है|
- मूर्ती कम होने कारण शिव जी शिल्पकार को कैलाश पर्वत नहीं ले गए और तबसे जहां मूर्तियों का निर्माण हुआ उस जगह का नाम उनाकोटी पड़ गया|
उनाकोटी को बनाया जायेगा पर्यटन स्थल – Unakoti ka rahasya
- साल 2009 – 10 में उनाकोटी में डेस्टिनेशन डेवलपमेंट प्रोजेक्ट शुरू किया गया जिससे इस जगह को पर्यटक स्थल बनाया जाए।
- इस जंगल के 5 किलोमीटर के दायरे में पर्यटक सूचना केंद्र, कैफे और जंगल का आनंद लेने के लिए व्यूपॉइंट बनाया जायेगा| इस जगह के निर्माण के लिए 1.13 करोड़ रूपए की मंज़ूरी दी गयी|
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