जानिए भगवान कृष्ण से जुड़े कुछ दिलचस्प रहस्यों के बारे में
Unknown facts about Krishna and Krishna janmashtami – भगवान कृष्ण के जन्मदिन को जन्माष्टमी कहते हैं। इस दिन भगवान कृष्ण के भक्त व्रत रखते हैं। वैसे तो कान्हा के बारे में आप बहुत कुछ जानते हैं, लेकिन आज हम कान्हा के कुछ ऐसे रहस्यों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनसे आप शायद अभी तक अंजान हैं।
Unknown facts about Krishna and Krishna janmashtami
- भगवान कृष्ण को उनके कर्मों का पालन करते हुए कई श्राप मिले। भगवान विष्णु के अवतार भगवान राम ने बंदरों के राजा बाली को धोखे से मारा था जिसके बाद भगवान राम ने खुद बाली को वरदान दिया कि भगवान विष्णु के अगले अवतार की मृत्यु बाली के हाथों से होगी। ऋषि दुर्वासा ने भगवान कृष्ण को कहा था कि वो उनके पैरों पर खीर लगाएं लेकिन भगवान कृष्ण ने ऐसा करने से मना कर दिया, जिससे ऋषि दुर्वासा गुस्सा हो गए और उन्होंने कृष्ण को श्राप दिया कि उनके पैर कमज़ोर हो जाएंगे और वही उनकी मृत्यु का कारण बनेंगे।
- कृष्ण की मृत्यु पैर में तीर लगने से हुई थी। जरा शिकारी जो कि राजा बाली का पुनर्जन्म था, ने शिकार करते समय हिरण समझ कर गलती से तीर भगवान कृष्ण के पैर में मार दिया, जिस वजह से उनकी मृत्यु हुई।
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- कौरवों की माँ गांधारी को कृष्ण की शक्तियों के बारे में पता था कि अगर वो चाहते तो युद्ध नहीं होता, लेकिन कृष्ण ने युद्ध नहीं रोका, जिस वजह से गांधारी के 100 पुत्रों की मृत्यु हो गई। अपने पुत्रों की मृत्यु से दुखी गांधारी ने कृष्ण को श्राप दिया कि 36 साल बाद पूरे यादव वंश का नाश हो जाएगा।
- युधिष्ठिर के राज तिलक समारोह में सभी महान राजाओं को आमंत्रित किया गया था। जब युधिष्ठिर ने कृष्ण को श्रद्धांजलि देना शुरू किया तो युधिष्ठिर के चचेरे भाई शिशुपाल गुस्सा हो गए और कृष्ण का अपमान करने लगे, लेकिन कृष्ण ने शिशुपाल की माता को वचन दिया था कि वो शिशुपाल को तब तक नहीं मारेंगे जब तो वो 100 से ज़्यादा बार उनका अपमान नहीं कर देते। कृष्ण चुपचाप अपना अपमान सहते रहे, पर जैसे ही 101वीं बार शिशुपाल ने उनका अपमान किया तो कृष्ण ने विराट रूप ले लिया और शिशुपाल को मार दिया।
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- भगवान कृष्ण के जन्म से पहले वासुदेव और देवकी के विवाह वाले दिन अकाशवाणी हुई थी कि देवकी की आठवी संतान कंस का वध करेगी जिस वजह से कंस ने अपनी बहन और उनके पति को बंदी बना लिया और उनकी सभी संतानों की हत्या कर दी। वो भगवान कृष्ण का वध नहीं कर पाया। भगवान कृष्ण ने कंस का वध करने के बाद अपने सभी भाई-बहनों को पुनर्जीवित किया।
- भगवान कृष्ण अपने बड़े भाई बलराम के साथ मिलकर अपने गुरु संदीपनी मुनि के बेटे को गुरू दक्षिणा के रूप में वापस लेकर आए। गुरु संदीपनी का बेटा एक दानव के पास फंस गया था जिसे दोनों भाइयों ने युद्ध में हराया।
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- ऐसा कहा जाता है कि कृष्ण के वृंदावन से जाने के बाद राधा उनसे कभी नहीं मिली लेकिन ऐसा भी माना गया है कि राधा द्वारका में एक नौकरानी के भेष में कृष्ण से मिलने जाया करती थीं। महल में राधा कृष्ण से दूरी महसूस करती थी इसलिए उन्होंने जंगल में अकेले रहने का फैसला किया।
- जब राधा जंगल में आखिरी सांसे ले रही थी उस वक्त कृष्ण उनसे मिलने गए और उनकी आखिरी इच्छा पूरी की। कृष्ण लगातार राधा के लिए कई दिनों तक बांसुरी बजाते रहे जब तक राधा ने अपने प्राण त्याग नहीं दिए।
- कृष्ण को सिर्फ दो चीज़ों से बहुत प्रेम था एक राधा और दूसरी बाँसुरी । जब कृष्ण ने वृंदावन छोड़ा तो उन्होंने कभी दोबारा बाँसुरी नहीं बजाई लेकिन उन्होंने सिर्फ राधा की आखिरी इच्छा पूरी करने के लिए बाँसुरी बजाई थी और उनकी मृत्यु के बाद बाँसुरी तोड़ दी।
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