Vinayak chaturthi puja vidhi: जीवन में सुख-समृद्धि व इच्छा पूर्ति के लिए करें विनायक चतुर्थी का व्रत
Vinayak chaturthi puja vidhi – हर महीने शुक्ल पक्ष में आने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी (Vinayaka Chaturthi) कहते हैं। यह चतुर्थी भगवान श्री गणेश को समर्पित है। इस दिन श्री गणेश की पूजा अर्चना की जाती है| अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं और पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। इस बार विनायकी चतुर्थी 3 जून 2022 को है। Vinayak chaturthi kab hai 2022
Vinayak chaturthi puja vidhi- Vinayak chaturthi kab hai 2022
विनायक चतुर्थी का महत्व | Vinayak chaturthi mahatva- Vinayak Chaturthi Vrat 2022 – Vinayak chaturthi puja vidhi
विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन पूरे विधि-विधान से पूजा और उपवास करने से भगवान गणेश ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद देते हैं जिससे मनुष्य अपने जीवन में उन्नति कर और मनोवांछित फल प्राप्त कर सके। इस दिन गणेश की उपासना करने से घर में सुख-समृद्धि, धन-दौलत, आर्थिक संपन्नता के साथ-साथ ज्ञान एवं बुद्धि की प्राप्ति भी होती है।
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विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त | vinayak chaturthi shubh muhurat- Vinayak chaturthi kab hai 2022
- विनायक चतुर्थी 3 जून 2022
- प्रारम्भ – जून 02 को 24:17+ बजे
- समाप्त – जून 03 को 26:41+ बजे
ध्यान रखने योग्य बातें – Important Things- Vinayak Chaturthi 2022
- विनायक चतुर्थी के लिए उपवास का दिन सूर्योदय और सूर्यास्त पर निर्भर करता है और जिस दिन मध्याह्न काल के दौरान चतुर्थी तिथि प्रबल होती है उस दिन विनायक चतुर्थी का व्रत किया जाता है इसलिए कभी -कभी विनायक चतुर्थी का व्रत, चतुर्थी तिथि से एक दिन पूर्व, तृतीया तिथि के दिन पड़ जाता है।
- विनायक चतुर्थी सभी शहरों में अलग-अलग होती है।
Vinayak chaturthi puja vidhi
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विनायक चतुर्थी पूजा विधि | vinayak chaturthi puja vidhi- Vinayak chaturthi kab hai 2022
- प्रातःकाल उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहन लें |
- उसके बाद लाल रंग का कपड़ा बिछाकर गणपति जी को स्थापित करें|
- इस दिन दोपहर को मध्याह्न काल के दौरान पूजा करना सबसे ज़्यादा शुभ माना जाता है |
- उसके बाद सिंदूर, रोली, अक्षत से उनको तिलक लगाएं और दूब,फूलों की माला,नारियल, गंगाजल और फल चढ़ाएं|
- धूप और देसी घी का दीप जलाकर पूजा करें|
- मोदक, लड्डू और फल का भोग लगाएं और गणेश जी की आरती करें|
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